तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई का डीएमके पर पलटवार, गेट आउट स्टालिन लिख उपमुख्यमंत्री को दिया जवाब
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नई दिल्ली। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके और भाजपा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों पार्टियों में चल रही नोकझोंक के बीच, शुक्रवार को राज्य भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा। उन्होंने अपने एक्स पेज पर गेटआउटस्टालिन लिखकर डीएमके पर तीखा पलटवार किया।
अन्नामलाई ने यह टिप्पणी तब की है जब उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘गेटआउट मोदी’ कहा था। भाजपा नेता अन्नामलाई ने पहले ही कहा था कि वे इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाएंगे।
अन्नामलाई ने डीएमके सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा, एक परिवार की मनमानी, दागी मंत्रिमंडल, भ्रष्टाचार, अराजकता, तमिलनाडु को नशीली दवाओं और अवैध शराब का अड्डा बना देना, बढ़ता कर्ज, खस्ताहाल शिक्षा मंत्रालय, महिलाओं और बच्चों के लिए अनिश्चित वातावरण, जाति और धर्म के आधार पर विभाजनकारी राजनीति, सुशासन देने में निरंतर विफलता, त्रुटिपूर्ण नीतियां और चुनावी वादे पूरे न करने के कारण लोग डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार को जल्द ही सत्ता से हटा देंगे।
भाजपा नेता अन्नामलाई ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वे 19 फरवरी को करूर में अपने कहे शब्दों को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, उदयनिधि ने चेन्नई में एक रैली को संबोधित करते हुए गेटआउट मोदी शब्द का इस्तेमाल किया था। मैंने कहा था कि यदि उन्होंने फिर से हमारे विश्व नेता के लिए इस शब्द का प्रयोग किया तो मैं शुक्रवार सुबह 6 बजे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ‘गेटआउटस्टालिन’ लिखूंगा।
सत्तारूढ़ डीएमके और भाजपा के बीच नोकझोंक 18 फरवरी को शुरू हुई। इस दिन उपमुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन-भाषा नीति के खिलाफ डीएमके की रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र ने राज्य के अधिकारों को छीनने का कोई प्रयास किया तो जनता गेटआउट मोदी अभियान शुरू करेगी।
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि ने कहा कि पिछली बार भी आपने तमिलों के अधिकारों को छीनने का प्रयास किया था। तब भी लोगों ने मोदी वापस जाओ अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा, अगर आप तमिलनाडु के लोगों के साथ फिर से ऐसा करने की कोशिश करेंगे, तो इस बार आपको वापस भेजने के लिए गेटआउट मोदी आंदोलन होगा।
सत्तारूढ़ डीएमके और भाजपा के बीच राष्ट्र शिक्षा नीति (एनईपी) और तमिलनाडु को केंद्रीय धन आवंटन और दक्षिणी राज्य पर कथित तौर पर हिंदी थोपने को लेकर तीखी नोकझोंक चल रही है।