विस चुनाव से तय हो जाएगी दशा-दिशा

कर्नाटक में मई में होंगे चुनाव, 2024 लोस चुनाव से पहले का सेमीफाइनल

  • भाजपा, कांग्रेस की नाक की लड़ाई
  • अन्य दलों की ताकत भी परखेगी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही देश में चुनावी माहौल में सरगर्मी बढ़ गई है। सियासी गलियारे में इस चुनाव को 2024 चुनाव का सेमीफाइनल बताया जा रहा है। राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी अपनी सता को बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाने के बेताब है तो कांग्रेस अपनी सरकार बनाने को बेसब्र हैं। सत्ता किसको मिलेगी ये तो 13 मई को पता चलेगा।
इसी साल अभी और 5 राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं पर उनमें कर्नाटक सभी के लिए एक बड़ा व महत्वपूर्ण राज्य है। यहां जिसको सत्ता मिलेगी उसका नैतीक उठान होगा। वहां के परिणाम आगामी लोक सभा चुनाव के दशा व दिशा भी तय करेंगे। कर्नाटक में ही नहीं इस समय लगभग सभी राज्य चुनावी मोड में आ गए हैं। हर राज्य में क्षेत्रीय दल मजबूत स्थिती में है। कु छ राजग तो कुछ संप्रग के सदस्य हैं। कुछ ऐसे हैं जो कांग्रेस व भाजपा से दूरी बनाए हैं पर अछूत नहीं मानते। यूपी में अखिलेश, प.बंगाल में ममता, तेलंगाना में केसीआर, दिल्ली में आप अपना-अपना राग अलाप रहे है। हालांकि राहुल की सूरत कोर्ट की सजा के ऐलान व संसद से लोस की सदस्यता जाने के बाद सभी दल राहुल के साथ खड़े हुए और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर भडक़ रहे। पर आगे क्या होगा आने वाले समय में छुपा हैं पर जो भी हो आगे की लड़ाई बहुत तगड़ी होने वाली है। कांग्रेस राहुल के बहाने सता कब्जाना चाहती है तो भाजपा ओबीसी अपमान पर राहुल को सत्ता से दूर रख्नने की कोशिश में लगेगी। उधर बिहार के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर कुछ भी बोलने से इनकार किया, हालांकि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी के सवाल पर उनका भूतकाल याद दिलाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया, लेकिन दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यवहार के बहाने वर्तमान पीएम पर कटाक्ष जरूर किया। नीतीश ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता में देरी के लिए कांग्रेस की ओर से देरी की बात कहकर अपना दर्द भी साझा किया। समाधान यात्रा के बाद नीतीश कुमार ने अमूमन मीडिया से बात नहीं कर रहे थे। लेकिन जब बात की तो एक-एक कर कई बातें बोल गए। यह भी बोला कि मीडिया वाले बात करेंगे, लेकिन छापेंगे नहीं क्योंकि रोक है। एक बात सुन लीजिए। आप जानते हैं कि कोर्ट के बारे में…किन्हीं के बारे में कुछ होता है…आप जान लीजिए कि हम कुछ नहीं बोलते हैं। केस भी होता है तो हम कुछ नहीं बोलते हैं। कमेंट नहीं करते हैं। सब लोग अपनी राय तो कहते हैं। पार्टी के लोग कहते ही हैं। हम नहीं कहते हैं। कोर्ट के फैसले पर हम नहीं कमेंट करते हैं।

विपक्षी एकता के अभियान पर नीतीश

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है विपक्ष के अधिक से अधिक लोगों की एकता हमारी इच्छा है। हम तो तब से इंतजार ही कर रहे हैं। हम इंतजार कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की इच्छा हो जाएगी तो एकजुट हो जाएंगे। तब मजबूती के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव को लड़ेंगे। हम तो इसी इच्छा में चुपचाप बैठे हुए हैं। हम दिल्ली दो राउंड गए। सब लोगों से बातचीत हो गई। हम वेट कर रहे हैं। हम तो उनका वेट ही कर रहे हैं। सब लोगों को तो तैयार ही है। कहा है कि आप लोग देख लीजिए कर लीजिए। अन्य लोगों के साथ मिलकर (गठबंधन) करना है। जिस दिन होगा, उसी के लिए वेट कर रहे हैं। अनेक जो क्षेत्रीय पार्टियां हैं, उनमें बहुत लोगों की राय है कि आपस में एकता हो। हम वेट कर रहे हैं कि अगर उनकी भी इच्छा हो जाए तो ज्यादा से ज्यादा लोग मिल जाएंगे। और अच्छा होगा। अब हम लोग कुछ बोल नहीं रहे हैं। हम लोग की दो बार मीटिंग हुई अलग-अलग पार्टियों की। सब पार्टियों को मिलकर उस दिन भी हम कह दिए थे कि हम इंतजार कर रहे हैं। हमारी पार्टी के लोग भी अगर उन लोगों के साथ से भी कोई कठिनाई है तो हम बोली रहे हैं।

सावरकर मामले में राहुल पर उद्धव ने साधा निशाना

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख (ठाकरे गुट) उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से बाहर हो सकते हैं। वीर सावरकर पर राहुल गांधी के दिए बयानों से शिवसेना को तकलीफ हो रही है। अपनी सदस्यता जाने के बाद एक प्रेसवार्ता में राहुल ने कहा था कि व गंाधी हैे सावरकर नही माफी नहीं मांगेंगे। इस पर बताया जाता है कि उद्धव ठाकरे राहुल गांधी के बयानों से नाराज हैं और वे महाविकास अघाड़ी को छोड़ सकते हैं। इस बारे में सुबह शिवसेना के सीनियर नेता संजय राउत ने भी ऐसे ही संकेत दिए। इससे पहले दरअसल, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला जिला स्थित वड़ेगांव ग्राम में दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। राहुल गांधी ने विनायक सावरकर के ‘माफीनामे’ की एक प्रति दिखाते हुए निशाना साधा। उन्होंने दावा किया, सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को  चिट्ठी लिखकर कहा – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।’ राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।’ उन्होंने कहा कि देश में एक तरफ महात्मा गांधी की विचारधारा है और दूसरी सावरकर से जुड़ी विचारधारा है। शिवसेना के प्रमुख नेता संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी के लिए स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर पर टिप्पणी करने की कोई वजह नहीं थी और इससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में दरार पड़ सकती है। राउत ने कहा, ‘वीर सावरकर का विषय उठाने की कोई वजह नहीं थी। इससे एमवीए में दरार पड़ सकती है, क्योंकि हम वीर सावरकर को आदर्श मानते हैं।

राहुल की वायनाड सीट पर है देश की नजर

चुनाव आयोग ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया। इस दौरान आयोग ने हाल ही में खाली हुई केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनावों का एलान नहीं किया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस सीट से सांसद थे। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है। राहुल ने 2019 में केरल के वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव जीता था। राहुल की सदस्यता जाने के बाद अब वायनाड की सीट खाली हो गई है। हालांकि, पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट के साथ ही तीन राज्यों की चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों का एलान जरूर हुआ। भले ही आज वायनाड उपचुनाव का एलान नहीं हुआ, लेकिन कहा जा रहा है कि आगे चुनाव आयोग इसका एलान कर सकती है। सवाल ये भी है कि नियम क्या कहता है? आखिर क्यों अभी आयोग ने उप-चुनाव का एलान नहीं किया? आगे अगर उपचुनाव हुए तो कांग्रेस के टिकट पर कौन चुनाव लड़ेगा? वायनाड लोकसभा सीट केरल में पड़ती है। 2009 में ये सीट अस्तित्व में आई थी। 2008 में परीसीमन के बाद इसे लोकसभा सीट के रूप में घोषित किया गया। यहां पर पहली बार 2009 में चुनाव हुए। पहले चुनाव में ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई ) कैंडिडेट एडवोकेट एम. रहमतुल्ला को कांग्रेस उम्मीदवार एमआई शनावास ने लगभग 1,53,439 वोटों से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने ही बाजी मारी। कांग्रेस उम्मीदवार शनावास ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सीपीआई उम्मीदवार पीआर सत्यन मुकरी को 20,870 वोटों से मात दी थी। वायनाड सीट केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक तीनों प्रांतों को जोडऩे वाला क्षेत्र हैं और तीनों ही प्रांत कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में आते हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट पर 10 मई को चुनाव होगा और 13 मई को नतीजे आएंगे। ओडिशा की झारसुगुड़ा विधानसभा सीट, उत्तर प्रदेश की छानबे और स्वार विधानसभा सीट और मेघालय की सोहियोंग विधानसभा सीट पर भी इन्हीं तारीखों पर चुनाव होगा। वायनाड सीट पर उपचुनाव का एलान न करने पर चुनाव आयोग का बयान आया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, एक सीट खाली होने पर उपचुनाव कराने के लिए हमारे पास छह महीने का समय होता है। ट्रायल कोर्ट ने न्यायिक उपाय के लिए राहुल गांधी को 30 दिन का समय दिया है। इसलिए, हम इंतजार करेंगे।

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