सरकार ने खोला खजाना सौगातों की बारिश

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मेगा बजट पेश

  • 6.15 लाख करोड़ का बजट
  • गरीबों के लिए मुफ्त राशन और सिलेंडर, पेंशन में इजाफा
  • किसानों को बिजली बिल में छूट, चार लाख नौकरी देने का लक्ष्य
  • संतों-पुरोहितों के कल्याण के लिए होगा बोर्ड का गठन, तीन जिलों में गठित होगी महिला पीएसी बटालियन
  • किसानों की दुर्घटना में मौत या दिव्यांगता पर मिलेंगे पांच लाख
  • वाराणसी और गोरखपुर में शुरू होगी मेट्रो, कोविड से अनाथ बच्चों को चार हजार प्रतिमाह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में आज योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मेगा बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 6.15 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने गरीबों, किसानों, नौजवानों और महिलाओं समेत विभिन्न वर्गों के लिए कई सौगतों की घोषणा की। बजट में महिला सुरक्षा पर खास फोकस किया गया तो प्रदेश के विकास का खाका भी खींचा गया।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण की शुरुआत जनता को दोबारा मौका देने के लिए आभार प्रकट करते हुए की। उन्होंने कहा कि निराश्रित महिलाओं, बुर्जुगों और दिव्यांगों की पेंशन 500 से बढ़ाकर एक हजार प्रति माह कर दी गयी है। सरकार ने पांच साल में चार लाख सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य तय किया है। बजट में किसानों को सिंचाई के लिए बिजली बिल में 50 फीसदी छूट और बुजुर्ग पुजारियों, संतों और पुरोहितों के समग्र कल्याण के लिए बोर्ड के गठन का प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अंत्योदय और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को नि:शुल्क खाद्यान्न और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को दो निशुल्क एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे। वाराणसी और गोरखपुर में मेट्रो रेल शुरू होगी। कोविड के कारण अनाथ बच्चों को चार हजार प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। किसानों की दुर्घटना में मौत या दिव्यांगता पर अधिकतम 5 लाख दिये जाएंगे। मेरठ, बहराइच, कानपुर, रामपुर और आजमगढ़ में एटीएस सेंटर का निर्माण कराया जायेगा। तीन महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूं का गठन किया जा रहा है।

धार्मिक पर्यटन पर भी फोकस

बजट में राम जन्मभूमि मंदिर सडक़ निर्माण के लिए 300 करोड़ प्रस्तावित है। अयोध्या में जनसुविधाओं और पार्किंग के लिए 209 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ तक सडक़ के लिए 77 करोड़, बनारस और अयोध्या में पर्यटन सुविधा के लिए 100-100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वाराणसी में संत रविदास और संत कबीर संग्रहालय बनेगा। दोनों संग्रहालयों के लिए 25-25 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

कल्याण सिंह के नाम पर ग्राम उन्नति योजना

यूपी में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर ग्राम उन्नति योजना लाई गई है। इसके तहत गांवों की सडक़ों पर सोलर लाइट लगाई जाएगी। बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और अयोध्या में सूर्यकुंड का विकास होगा।

अन्य ऐलान

  • प्रदेश के 14 मेडिकल कॉलेजों को 2100 करोड़।
  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़।
  • महिला सशक्तिकरण तथा कौशल विकास के लिए 20 करोड़।
  •  महिलाओं की सुरक्षा के लिए 523 करोड़ 34 लाख की व्यवस्था।
  •  माध्यमिक शिक्षा में 7540 और मेडिकल कॉलेजों में 10 हजार पदों पर होगी नियुक्ति।
  • युवा अधिवक्ताओं के लिए 10 करोड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 705 करोड़।
  • अधिवक्ता कल्याण निधि के लिए 90 करोड़।
  • अल्पसंख्यक समुदाय छात्रवृत्ति योजना में 795 करोड़।
  • अरबी-फारसी मदरसों के लिए 479 करोड़ का बजट।
  • मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़।
  • वाराणसी में अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिये भूमि क्रय के लिए 95 करोड़।
  • पीएम ग्राम सडक़ योजना के लिए 7373 करोड़, प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिए 897 करोड़।
  • कुंभ मेला प्रयागराज के लिए 100 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिए 1353 करोड़।
  • पुलिस के आवासीय भवनों के लिये 800 करोड़, वनटांगिया और मुसहर आवास के लिए 508 करोड़।
  • दो करोड़ स्मार्ट फोन और टेबलेट के लिए 1500 करोड़।
विपक्ष की प्रतिक्रिया

बजट में जनपक्ष नदारद : अखिलेश

नेता प्रतिपक्ष और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शायराना अंदाज में सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया कि इस सरकार का कहने को ये बजट छठा है पर इसमें कुछ बढ़ा नहीं, सब कुछ घटा है। इसमें जनपक्ष नदारद, बस सरकारी विभागों का वारा-न्यारा है। दरअसल, ये बजट नहीं बंटवारा है।

घिसा-पिटा बजट: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी सरकार का बजट प्रथमदृष्टया वही घिसा-पिटा व अविश्वनीय तथा जनहित एवं जनकल्याण में भी खासकर प्रदेश में छाई हुई गरीबी, बेरोजगारी व गड्ढायुक्त बदहाल स्थिति के मामले में अंधे कुएं जैसा है, जिससे यहां के लोगों के दरिद्र जीवन से मुक्ति की संभावना लगातार क्षीण होती जा रही है।

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