मौसम विभाग ने लू का यलो अलर्ट जारी किया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के लोगों को आने वाले समय में गर्मी और सताएगी। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल लू चलने के आसार हैं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है मानसून भी समय से आगे बढ़ गया है। सोमवार को गोरखपुर, झांसी, बस्ती और प्रयागराज लू की चपेट में रहे। झांसी शहर 45.6 डिग्री सेल्सियस पारे में तपा, जबकि प्रयागराज में भी दिन का अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में लू चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, आगरा, जालौन, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाकों के लिए लू चलने का अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर, झांसी और प्रयागराज के अलावा प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में पारा सामान्य से अधिक रहा।

रात में बढऩे लगा पारा

वहीं, रात का चढ़ता पारा, राजधानी लखनऊ में दिन को और भी गर्म बना रहा है। झुलसाने वाली इस गर्मी से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं हैं। सोमवार को दिन का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस, तो रात का 29.4 डिग्री दर्ज हुआ। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक तीन कारणों की वजह से स्थिर पारे के बीच भी लोगों को भीषण गर्मी का अहसास हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ की निष्क्रियता और पछुआ हवा की वजह से दिन में गर्मी बढ़ रही है। तीसरा प्रमुख कारण है रात के पारे में बढ़ोतरी होना। न्यूनतम तापमान अधिक होने से दिन की शुरुआत ही गर्म होती है। दिन चढऩे के साथ ही इसमें बढ़ोतरी होने लगती है।

मानसून पर चक्रवात बिपरजॉय का असर, कम होगी बारिश

भारतीय मौसम विभाग और स्काइमेट वेदर का कहना है कि भारत के मैदानी इलाकों में इस बार बारिश तरसा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, जुलाई के पहले हफ्ते तक मैदानी इलाकों में ज्यादा बारिश की संभावना नहीं है। मध्य और उत्तर पश्चिमी भारत में 6 जुलाई तक सूखे जैसे हालात रह सकते हैं। इस दौरान 60 प्रतिशत से भी कम बारिश होने की आशंका है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार, 30 जून से 6 जुलाई के दौरान देश में होने वाली बारिश में 54 प्रतिशत की कमी आएगी। दक्षिण पेनिनसुला क्षेत्र में एक जून से होने वाली बारिश में 53 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। मध्य भारत में 80 प्रतिशत और उत्तर पूर्वी भारत में 53 प्रतिशत कम बारिश होगी। बारिश में कमी की वजह चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को माना जा रहा है। बिपरजॉय की वजह से भारत के भीतरी इलाकों में मानसून नहीं पहुंच पाया है। चक्रवाती तूफान के धीमा पडऩे के बाद भी दबाव कम रहेगा, जिससे भी मानसून उत्तर पश्चिम भारत में देरी से पहुंचेगा।

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