AMU में हर साल बढ़ रही है विदेशी छात्रों की संख्या, जानिए पूरी डिटेल
4PM न्यूज़ नेटवर्क: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) अपने अल्पसख्यंक दर्जे को लेकर सुर्खियों में छाई हुई है। AMU के अल्पसख्यंक दर्जे पर शुक्रवार (08 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा है।
आपको बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जिसे पहले मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के नाम से जाना जाता था। 1920 में स्थापित एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है। एमडीआरए बेस्ट यूनिवर्सिटीज सर्वे 2022 के अनुसार, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चौथे स्थान पर आई थी। AMU को सबसे ज़्यादा पीजी कोर्स उपलब्ध कराने के लिए भी देश में पहला स्थान मिला था। इसके अलावा विश्वविद्यालय को यूजीसी, एनएएसी और एआईयू द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या काफी बड़ी है, जिन्हें अलग-अलग पाठयक्रमों में पढ़ने का मौका मिलता है।
AMU में बढ़ रही है विदेशी छात्रों की संख्या
- आपको बता दें कि AMU एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटी है, जो विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करती है।
- यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के लिए कुछ पाठ्यक्रमों में सीटें आरक्षित की गई हैं. वर्तमान में लगभग 39,367 छात्रों में से कई विदेशी छात्र भी शामिल हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- AMU ने सत्र 2024-25 से 31 नए ऑनलाइन कोर्स शुरू किए हैं।
- इन कोर्सेस को देशभर के छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखकर इन कोर्सेस को डिजाइन किया गया है।
- इन 31 कोर्सेस में से 28 कोर्सेज 12 सप्ताह की अवधि के लिए है, जबकि बाकी तीन कोर्सेस शॉर्ट टर्म के लिए हैं, जो केवल आठ सप्ताह की अवधि के लिए हैं।
- इनमें बिजनेस टूरिज्म, डाटा साइंस यूजिंग पायथन,डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, जियोलॉजी फंडामेंटल, एन्वायरमेंट स्टडीज, हिंदी लैंग्वेज कॉम्प्रिहेंशन, इंटरनेशन रिलेशन और स्टडीज इन थिएटर आदि शामिल हैं।