2024 के लिए अहम होंगे उपचुनाव के नतीजे
कल आएगा मैनपुरी, रामपुर व खतौली सीट का रिजल्ट, अखिलेश, आजम और जयंत की दांव पर लगी है साख
भाजपा के सामने खतौली को बरकरार रखने, मैनपुरी व रामपुर जीतने की है चुनौती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा व दो विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे 2024 की भूमिका बनाने के लिए अहम होंगे। गुरुवार को नतीजे आयेंगे लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ही धड़कनें पिटारा खुलने से पहले बढ़ी हुई हैं।
लोकसभा की मैनपुरी सीट पर जहां देश के सबसे बड़े राजनैतिक घराने मुलायम सिंह यादव के सुपुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साख दांव पर है, वहीं भाजपा के लिये भी नेताजी के निधन के बाद इस सीट को जीतने की बड़ी चुनौती सामने है।
कमोबेश कुछ ऐसा ही हाल सपा के कद्दावर नेता आजम खां गढ़ रामपुर का है। यहां आजम की प्रतिष्ठïा दांव पर है और राजनैतिक लिहाज से उनका अपने प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा भेजना अहम है। उधर, पश्चिमी यूपी की खतौली विधानसभा सीट पर रालोद प्रमुख चौ. जयंत सिंह की प्रतिष्ठïा भी 2024 के शंखनाद से पहले दांव पर है। अगर रालोद यहां अपने को जीत दिलाने में सफल होती है और कल आने वाला नतीजा मदन भैया के पक्ष में जाता है तो निश्चित ही सूबे की राजनीति में जयंत और रालोद का कद बढ़ेगा।
अगर तीनों सीटों के उपचुनाव के नतीजे सपा -रालोद के खिलाफ आये तो दोनों ही दलों को अपने भविष्य की राजनीति पर मंथन व चिंतन करना होगा। स्व. नेताजी की विरासत को बचाने के लिये डिंपल यादव का चुनाव जीतना सपा के लिये बेहद जरूरी है। कुछ ऐसा ही हाल खतौली की सीट पर जयंत की रालोद का भी है। यहां की हार-जीत आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा महत्व रखती है। कई मायनों में भारतीय जनता पार्टी के लिए भी उपचुनाव के नतीजे बेहद अहम हैं। सत्तारूढ़ होते हुये जहां मैनपुरी व रामपुर जीतने की चुनौती भजपा के सामने है वहीं खतौली की सीट को बचाये रखना भी 2024 के समीकरणोंके लिये आवश्यक है। प्रदेश की तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव को राजनीतिक दल ही नहीं सियासी पंडित भी आम चुनाव का सेमीफाइनल मान रहे हैं।