अजीबो-गरीब साइंस है आसमान में दिखने वाले बादलों की
100 हाथियों जितना होता है हल्के फुल्केे दिखने वाले बादल का वजन
आपने जब भी फुरसत के पलों में आसमान की ओर देखा होगा, तो आपको नजऱ आए होंगे दूध की तरह सफेद या फिर जऱा स्लेटी का रंग लिए हुए बादलों के टुकड़े। ये इतने मोहक होते हैं कि दिल करता है, बस कूदकर इन्हें छू लें। वैसे आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस चीज़ को आप इतना हल्का और नाजुक समझ रहे हैं, उसका वजन 100 हाथियों के बराबर होता है।
रूई के फाहे की तरह आसमान में तैरते हुए बादलों से जुड़े हुए ऐसे तमाम फैक्ट्स हैं, जो आपको दंग कर देंगे। अब इसके वजऩ के बारे में बात ही कर रहे हैं, तो बड़ा सवाल ये है कि इतना वजऩ होने के बावजूद बादल हवा में टिके कैसे रहते हैं? आखिर वो कौन सी चीज़ है, जो इन्हें धरती पर गिरने से रोकती है, जबकि जब बादलों से पानी बरसता है, तो वो सीधा जमीन पर गिरता है। वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक हवा में हर तरफ पानी वाष्प रूप में रहते हैं। जलवाष्प वाली गर्म हवा जब ऊपर उठती है, तो धीरे-धीरे ये ठंडी होने लगती है। इसमें जमा पानी जब एक साथ आता है, तो छोटी-छोटी बूदों के आकार में इक_ा होता है। यही बादल है। चूंकि ये हवा में तैरता रहता है, ऐसे में हमें लगता है कि ये काफी हल्का है। वैसे आपको जानकर हैरानी होगी कि एक बादल का औसत वजन 1.1 मिलियन पाउंड यानि लगभग 450 हजार किलोग्राम होता है। सामान्य भाषा में बताएं तो 100 हाथियों के वजन के बराबार एक बादल का वजन होता है।
ये सवाल महत्वपूर्ण है कि इतना वजन लेकर बादल तैरते कैसे रहते हैं? इसकी वजह ये है कि बादल बनी पानी की बूंदें इतनी छोटी होती हैं कि गर्म हवा इन्हें आसानी से ऊपर उठा देती है। ठीक उसी तरह जैसे पानी गर्म करने पर भाप ऊपर जाती है। जब तक ये बूंदें आपस में मिलकर भारी नहीं होती हैं, तब तक ये नीचे आने लगता है। बादल बारिश, ओले या बर्फ के तौर पर ही नीचे आ सकता है, वरना ये छोटी-छोटी बूंदों के तौर पर हवा में ही तैरता रहेगा। जब बादल का मार्ग रुकता है, तो बूंदों का दबाव बढ़ जाता है और बादल फटने जैसी घटनाएं होती हैं।