एक ऐसा है पेड़ जो उल्टा खड़ा दिखाई देता है, जिनमें कैद हैं 4 लड़कियां!
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पेड़ों को आपने सीधा खड़ा देखा होगा। नीचे जड़ें और ऊपर पत्तियां। लेकिन एक पेड़ ऐसा भी है, जो देखने से लगता है कि जड़ें ऊपर हैं और तना नीचे। इसलिए इसे उल्टा पेड़ कहा जाता है। कहते हैं कि इस पेड़ में 4 लड़कियां कैद हैं। इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। अब वैज्ञानिकों ने इस पेड़ की उत्पत्ति का रहस्य सुलझा लेने का दावा किया है। धरती पर रहस्यमयी चीजों की कोई कमी नहीं। अब प्राचीन बाओबाब पेड़ों को ही ले लीजिए। सदियों से ये वैज्ञानिकों के लिए पहली बने हुए थे। क्योंकि जहां आम पेड़ों में ऊपर की ओर पत्तियां होती हैं, वहीं बाओबाब पेड़ों को देखने से लगता है कि जड़ें ऊपर हैं और तना नीचे। पतझड़ के मौसम में बाओबाब पेड़ उल्टा खड़ा दिखाई देता है। इसलिए इसे उल्टा पेड़ भी कहते हैं। लेकिन इसका एक और नाम है, और वह है जीवन का पेड़। अब वैज्ञानिकों ने इसकी उत्पत्ति का रहस्य ढूंढ निकाला है। ये भी बताया है कि यह पेड़ दुनिया के अन्य हिस्सों तक कैसे पहुंचा। इसकी खासियत क्या क्या है। इन पेड़ों के फल और पत्तों का दवाओं के रूप में इस्तेमाल होता है। ये पेड़ काफी विशाल होते हैं। कुछ तो इतने बड़े होते हैं कि उनके तनों में एक लाख लीटर तक पानी भरा जा सकता है। इसके बड़े सफेद फूल रात को खिलते हैं। इसलिए रात को जगने वाले तमाम कीट इस पर बैठे रहते हैं। इन पेड़ों की उम्र काफी लंबी होती है। कुछ तो 6000 साल तक जिंदा रहते हैं। जिम्बाब्वे में एक प्राचीन खोखला बाओबाब पेड़ इतना बड़ा है कि इसके तने के अंदर 40 लोग आश्रय ले सकते हैं। ये 20 से 100 फीट तक ऊंचे हो सकते हैं। मध्य प्रदेश के प्राचीन शहर मांडू में भी इसके हजारों पेड़ हैं। बाओबाब पेड़ों के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इन पेड़ों के नीचे 4 लड़कियां रहती थीं। उन्हें जब इंसानों से प्?यार हुआ, तो पेड़ को जलन महसूस हुई। उसे गुस्सा आ गया। और बदले में उसने लड़कियों को कैद कर लिया। कहते हैं तभी ये ये चारों लड़कियां पेड़ों के अंदर कैद हैं। इसीलिए यह इतना मोटा होता है। ये भी कहते हैं कि आज भी इन पेड़ों से उन लड़कियों की आवाजें आती हैं। अफ्रीका में इन पेड़ों की सांस्कृतिक रूप से बहुत मान्यता है। लोग पूजा-पाठ में भी इनका इस्तेमाल करते हैं। स्थानीय लोग इन्हें जंगल की मां भी कहते हैं। इनके फलों को सुपरफूड माना जाता है। इनके तनों का उपयोग फाइबर बनाने के लिए किया जाता है, जिनसे रस्सियां और कपड़े बनाए जाते हैं।
पता चला कि इस पेड़ के बीज हिन्द महासागर में गिरे और वहां से तैरते हुए करीब एक करोड़ साल पहले ऑस्ट्रेलिया और फिर अफ्रीका पहुंच गए। ये पेड़ हजारों वर्षों तक जीवित रह सकते हैं, विशाल आकार तक बढ़ सकते हैं और शुष्क मौसम में जीवित रहने के लिए अपने तनों में बड़ी मात्रा में पानी जमा कर सकते हैं।