बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाएंगे ये योगासन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा एक मार्ग की तरह है। शिक्षा प्राप्त करने बच्चे स्कूल जाते हैं। स्कूल में बच्चों को हर दिशा में निपुण बनाने के लिए कई विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। अक्सर बच्चे किसी विषय में कमजोर होते हैं, जिस पर उन्हें अधिक ध्यान लगाने की जरूरत होती है। वहीं कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होते हैं, जिसके लिए वह घंटे पढ़ाई करते हैं। हालांकि घंटों बैठकर पढऩे से अक्सर बच्चों को अनिद्रा, आंखों में जलन, सिर दर्द या शरीर दर्द जैसी समस्या भी होने लगती हैं। पढ़ाई में ध्यान केंद्रित न होने पाने की शिकायत भी आम है। अगर आपका बच्चा भी स्कूल व कोचिंग की घंटो क्लास लेता है, या अपने कमरे में बैठकर घंटों पढ़ाई करता है, तो उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ सकता है। बच्चे को शारीरिक तौर पर सक्रिय रहने की भी जरूरत होती है और मस्तिष्क को आराम देना भी जरूरी होती है। ऐसे में कुछ योगासनों को बच्चों से कराना जरू री है।
सर्वांगासन
एक ही स्थान पर बैठकर घंटों पढ़ाई करने से शारीरिक सक्रियता कम होने लगती है। गलत पोजीशन में बैठकर पढऩे या सिर झुकाकर पढ़ाई करने से पीठ व गर्दन में दर्द की समस्या हो जाती है। लगातार बैठे रहने के बजाए बीच में उठकर कुछ देर पैदल चलना चाहिए। साथ ही शारीरिक सक्रियता के लिए सर्वांगासन योग का अभ्यास कर सकते हैं। इस योग से हाथ-कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, इससे मानसिक ही नहीं, आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने का सबसे कारगर उपाय माने जाते हैं। कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने के साथ शरीर की ऊर्जा में वृद्धि करने और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में योग विशेष भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ती है और मस्तिष्क में एनर्जी का ग्लो बेहतर बनता है। सर्वांगासन योग ऐसा ही अभ्यास है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों हथेलियों को नीचे रखें और पैरों को सीधे हवा में ऊपर उठाते हुए सिर की ओर मोड़ें। हाथों को कमर का सहारा देते हुए कंधे, रीढ़ की हड्डी और हिप्स को सीधा करें। इस पोजीशन में 30 सेकेंड रहने के बाद धीमी गति से पुरानी स्थिति में आ जाएं। संपूर्ण शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों में सुधार करने के लिए भी इस योग के अभ्यास को लाभदायक माना जाता है।
वृक्षासन
पढ़ाई करते समय अक्सर बच्चों को ध्यान केंद्रित नहीं होता। इस कारण उनका मन भटकता रहता है और पढ़ाई में मन नहीं लगता। लगातार किताब लेकर बैठने का अर्थ पढ़ाई करना नहीं होता। बच्चा पढ़ाई पर फोकस कर सके, इसलिए वृक्षासन का अभ्यास कराएं। इस योग से शरीर का संतुलन बना रहता है और ध्यान एकाग्र करने में मदद मिलती है। वृक्षासन के अभ्यास के लिए सीधे खड़े होकर बाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए दाएं पैर को मोडक़र तलवे को बाएं पैर की जांघ पर रखें। इस स्थिति में संतुलन बनाएं और हाथों को जोड़ते हुए सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा ले लें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें, बाद में दूसरे पैर से भी प्रक्रिया को दोहराएं।
भस्त्रिका प्राणायाम
लगातार पढ़ाई से आंखों में दर्द होने लगता है और नजर कमजोर होने की शिकायत भी हो सकती है। आंखों को आराम देने और नजर तेज करने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। इस योग से फेफड़ों, कानों और नाक पर भी असर होता है। इस आसन को करने के लिए सुखासन की मुद्रा में बैठकर गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें। अब शरीर को बिना हिलाए गहरी सांस लें और तेजी से दोनों नाक से आवाज करते हुए सांस छोड़ें।