इस सरकार का विकास से कोई सरोकार नहीं : अखिलेश

  • सत्ता के अहंकार में पूरी तरह डूबी है भाजपा सरकार

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार सत्ता के अहंकार में पूरी तरह डूबी है। विपक्ष के प्रति उसकी असहिष्णुता अब बदले की भावना में बदल गई है। भाजपा सरकार का विकास से कोई सरोकार नहीं है। समाजवादी सरकार में जनहित में हुए विकास कार्यों को भाजपा सरकार प्राथमिकता से बर्बाद करती जा रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवरफ्रंट, 1090 वूमेन पावर लाइन, जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआइसी), कैंसर हास्पिटल, कन्नौज में इत्र पार्क, उमर्दा में काऊ मिल्क प्लांट जैसी लोक कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की गई थी। इनमें अधिकतर बर्बादी के कगार पर पहुंच गई हैं। समाजवादी सरकार के समय इजरायल के सहयोग से कन्नौज में जो एग्रीकल्चर एक्सीलेंस सेंटर बना था, वह बेकार हो रहा है। अगर भाजपा सरकार राजनीतिक विद्वेष से ऊपर उठकर इसे बजट और बिजली उपलब्ध कराती तो शिमला मिर्च, टमाटर, ब्रोकली एवं अन्य सब्जियों की पौध मिलती और किसानों की आय भी बढ़ती। उन्होंने कहा कि पता नहीं, भाजपा सरकार को कन्नौज से क्या दुश्मनी है कि वहां चल रही समाजवादी योजनाओं को बर्बाद किया जा रहा है। बता दें कि एक दिन पूर्व ही अखिलेश यादव ने भाजपा को झूठी पार्टी करार दिया था। अखिलेश ने कहा था कि कैबिनेट की ब्रीफ्रिंग से लेकर एनसीआरबी के डाटा को जनता के सामने रखने के मामले में सरकार झूठ बोल रही है। कस्टोडियल डेथ के मामले में अखिलेश ने उत्तर प्रदेश नंबर वन बताया था। इतना ही नहीं, एनसीआरबी के आंकड़ों को खारिज करते हुए अखिलेश ने कहा था कि प्रदेश में ला एंंड आर्डर की व्यवस्था चरमरा गई है। महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं। इतना ही नहीं, अखिलेश ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों पर भी हमला करते हुए कहा था कि दोनों लोग झूठ बोलने के लिए ही बने हैं।

अब थाने ही बनए गए हैं अदालत : अब्दुल्ला

रामपुर। सपा विधायक आजम खां के बेटे स्वार-टांडा विधायक अब्दुल्ला आजम ने रामपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्वीट करके कहा है कि पुलिस फर्जी मुकदमों में उनका नाम भी शामिल करने की साजिश कर रही है। ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके, लेकिन जब तक वह हैं तब तक लोगों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाजें उठाते रहेंगे। अब्दुल्ला आजम ने बुधवार को रामपुर पुलिस की ज्यादती को लेकर कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने कहा कि धारा 144 के खिलाफ और लोगों के मुद्दों पर मैं न बोल सकूं, इसलिए फंसाने की कोशिश की जा रही है। गांव के लोगों को उठाकर अजीमनगर थाने और एक बड़े पुलिस अधिकारी के दफ्तर में ले जाकर धमकाया जा रहा है। रामपुर में अब थाने ही अदालतें बन चुके हैं। शायद रामपुर में अब न्यायिक प्रक्रिया का कोई मतलब नहीं रह गया है। झूठ की उम्र ज्यादा लंबी नहीं होती है, लेकिन एक झूठ को छिपाने के लिए लाखों झूठ बोलने पड़ते हैं। लगातार रामपुर में पुलिस की जरिए लोगों को धमकाया जा रहा है कि वह आजम खां और उनके लोगों के खिलाफ धमकाने की एफआइआर लिखवाएं। गौरतलब है कि पिछले दिनों आजम खां के खिलाफ दो मुकदमे के वादियों को धमकाने के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। उनके अधिवक्ता के खिलाफ भी धमकाने का मुकदमा दर्ज हुआ है। वकीलों ने इसके विरोध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया था। उधर भाकियू अंबावता के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी ने कहा कि जनपद को सरकार सूखाग्रस्त घोषित करे। वहीं बिजली विभाग को अपना रवैया सुधार कर किसानों का उत्पीड़न बंद कर देना चाहिए।

सपा नेताओं को देनी होगी 2.20 करोड़ क्षतिपूर्ति

लखनऊ। एटा में सपा नेता पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव ने रोडवेज बस स्टैंड के सामने एक पेट्रोल पंप की जमीन पर कब्जा कर लिया। इस जमीन पर अपना मालिकाना हक जताने लगे। इसका विवाद कई साल तक अदालत में चला। पेट्रोलियम कंपनी के पक्ष में आए सिविल जज के आदेश के खिलाफ सपा नेताओं ने अपील की। जिला न्यायालय में उनकी अपील खारिज कर दी गई। पेट्रोलियम कंपनी की करीब 2.20 करोड़ रुपये मुआवजे (क्षतिपूर्ति) की मांग को स्वीकृत किया गया है। भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के एक अधिकारी ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) न्यायालय में वाद दायर किया था। बताया कि रोडवेज बस स्टैंड के सामने शंकरलाल ने अपनी जमीन का पट्टा 1992 में 30 साल के लिए कंपनी को किया था। इसमें कंपनी का पेट्रोल पंप चलता था। पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव की पत्नी राममूर्ति के नाम 1992 में ही एक बैनामा दिखाकर इस जमीन पर 2004 में कब्जा कर लिया गया।

अदालत में चली सुनवाई के दौरान राममूर्ति पक्ष अपने हक में पर्याप्त सबूत प्रस्तुत नहीं कर सके। जिस पर पेट्रोलियम कंपनी का दावा सही मानते हुए जमीन का कब्जा उन्हें दिलाने का आदेश न्यायालय ने 27 फरवरी 2020 को दिया। इसमें पेट्रोलियम कंपनी ने 2013 से नुकसान के मुआवजे के तौर पर 22 लाख रुपये प्रति साल और सात प्रतिशत ब्याज भी मांगा, जिसे न्यायालय ने स्वीकृत किया। इस आदेश के खिलाफ सपा नेता ने जिला जज न्यायालय में अपील दायर की। पूरी सुनवाई के बाद बुधवार को जिला जज संदीप जैन ने आदेश जारी करते हुए सपा नेताओं की अपील को खारिज करते हुए 27 फरवरी 2020 के आदेश को सही ठहराया। कंपनी के अधिकारियों ने 22 लाख रुपये प्रति वर्ष की क्षतिपूर्ति मांगी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया। यह क्षतिपूर्ति कंपनी को इस जमीन का कब्जा मिलने तक जारी रहेगी। 2013 से अब तक 10 साल हो चुके हैं। इस तरह बिना ब्याज के ही 2.20 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की राशि बन रही है।

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