पाक समर्थक नारेबाजी मामले में तीन को पुलिस हिरासत में भेजा, गृह मंत्री बोले- दो बार लगाए गए थे नारे
नई दिल्ली। कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सैयद नसीर हुसैन की जीत के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने का मामला गरमाता जा रहा है। इस बीच, जानकारी सामने आई है कि विधान सौध में पाकिस्तान समर्थक नारे के मामले में गिरफ्तार तीन लोगों को 39 एसीएमएम कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बंगलूरू सेंट्रल डिविजन के डीसीपी ने बताया कि फॉरेंसिक लैब (एफएसएल) रिपोर्ट, गवाहों और सबूतों के आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तीन लोगों की गिरफ्तारी पर कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा, ‘दो बार नारे लगाए गए हैं। एसएफएल की रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि ऐसा किसने कहा है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा है कि इसकी पुष्टि हो गई है और किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं है, यह एक सीधा वीडियो है। उन्होंने जांच की है और पुष्टि की है कि ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए गए थे और उसके आधार पर हमने तीन लोगों की पहचान की है और उन्हें गिरफ्तार किया है।’
उन्होंने कहा, वहां कांग्रेस से सहानुभूति रखने वाले, कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे, लेकिन हम कुछ नहीं जानते। पुलिस को इसकी जांच करने दीजिए। अब जब मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में जांच जारी रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि विधान सौधा में कथित पाकिस्तान समर्थक नारों की एफएसएल रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की जा रही है। इस पर गृह मंत्री ने कहा, ‘हम यह नहीं चाहते थे। हमने एक या दो दिन इंतजार किया क्योंकि अन्य रिपोर्ट आनी थीं। एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर हमने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है, कर्नाटक की चार सीटों पर हुए हाल ही में राज्यसभा चुनाव के नतीजों में तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की, जबकि एक सीट भाजपा के खाते में गई। कर्नाटक में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार अजय माकन, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और जीसी चन्द्रशेखर क्रमश: 47, 46 और 46 वोटों से जीते। हालांकि, बाद में जीत के जश्न को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, भाजपा ने एक वीडियो साझा किया था, जिसमें दावा किया जा रहा कि राज्यसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ ही देर बाद सैयद नसीर हुसैन के समर्थकों को विधान सौध (विधानसभा) के अंदर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सुना गया। इसके बाद यह मामला बढ़ता गया और सरकार सख्ते में आ गई।