प्रोटेम स्पीकर की कुर्सी पर मचा बवाल, जयराम रमेश ने BJP पर बोला हमला

केंद्र सरकार के नई गठन के बाद तमाम राजनीतिक दलों के अलग- अलग बयान सामने आ रहे हैं। भाजपा सांसद भृतहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: केंद्र सरकार के नई गठन के बाद तमाम राजनीतिक दलों के अलग- अलग बयान सामने आ रहे हैं। भाजपा सांसद भृतहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। इस बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस नेता ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ सांसद को ही प्रोटेम स्पीकर के पद पर नियुक्त किया जाता है। इस रीति-रिवाज के मुताबिक कोडिकुन्निल सुरेश का पूरा हक बनता है। यह मानसिकता पूरी तरह से बुलडोजर मानसिकता दिखाई दे रही है। सरकार पहले ही दिन से पंगा लेने में लगी हुई है।

 कांग्रेस नेता का कहा कि उनकी पार्टी के के. सुरेश और बीजेपी के वीरेंद्र कुमार 18वीं लोकसभा में सबसे ज़्यादा 8 बार के सांसद हैं, जबकि वीरेंद्र कुमार मंत्री बन गए हैं। ऐसे में के. सुरेश प्रोटेम को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए था, लेकिन बीजेपी ने 7 बार के सांसद भर्तृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर बनाकर परंपरा तोड़ दी है। इसके अलावा कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी ने संसदीय मानदंडों को नष्ट करने की एक और कोशिश है।

प्रोटेम स्पीकर चुने जाने पर कांग्रेस हमलावर

जयराम रमेश ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के कोडिकुन्निल सुरेश और भाजपा के वीरेंद्र कुमार दोनों ही 18वीं लोकसभा में अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। साल 2019 में वीरेंद्र कुमार और 2014 में कमलनाथ प्रोटेम स्पीकर बने थे। वीरेंद्र कुमार मंत्री बन चुके हैं। इसलिए ऐसी उम्मीद थी कि के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा ने बीजेडी से 6 और भाजपा से सातवां कार्यकाल पूरा कर रहे सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से टकराव की राजनीति है। यह भाजपा बुलडोजर की राजनीति वाली मानसिकता से अभी तक उबर नहीं पाई है ऐसे में BJP ये साफतौर पर दिखाना चाहती है कि हम हुकूमत में हैं। लेकिन जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ है। कांग्रेस नेता ने बताया कि 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव होने जा रहा है। 24 और 25 जून को सभी लोकसभा सदस्य शपथ लेंगे। प्रोटेम स्पीकर इसकी ही अध्यक्षता करता है। प्रोटेम स्पीकार है क्या यह दो दिन के लिए हैं।

जानिए प्रोटेम स्पीकर की क्या है भूमिका? 

आपको बता दें कि लोकसभा का पीठासीन अधिकारी होने कि वजह से स्पीकर की लोकसभा के संचालन में अहम भूमिका होती है। स्पीकर का चुनाव बहुमत के आधार पर होता है, लेकिन जब तक स्पीकर का चुनाव नहीं होता है। तब तक लोकसभा की अहम जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए प्रोटेम स्पीकर को चुना जाता है। यही वजह है कि प्रोटेम स्पीकर को अस्थायी स्पीकर भी कहते हैं। लेकिन संविधान में प्रोटेम स्पीकर के पद का जिक्र नहीं है। वहीं संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति और शपथ का जिक्र है।

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