नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र का माइनिंग कारोबारी से करोड़ों रुपये लेने की बातचीत का वीडियो वायरल

  • कमलनाथ के सलाहकार बबेले ने सोशल मीडिया पर डाला वीडियो
  • कांग्रेस समेत अन्य दलों ने बीजेपी को घेरा
  • बोली- क्या ईडी व सीबआई जांच करेगी
  • भाजपा ने बताया झूठा व एडिटेड वीडियो

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस के एक वीडियो ने भाजपा को चारोखानों चित कर दिया है। यह वायरल वीडियो नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का है। इस कथित वीडियो में कें द्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठï नेता के पुत्र एक माइनिंग कारोबारी से चुनाव लडऩे के लिए पैसे की लेन-देन की बातचीत कर रहे हैं।
इसको लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। इसको लेकर कांग्रेस ने ईडी पर भी तंज कसा है। उधर मध्य प्रदेश की राजनीति में इस वीडियो के आने के बाद बवाल मचा है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर (रामू तोमर) का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। हालांकि जब पत्रकारों ने इस संबंध में नरेंद्र तोमर के बेटे रामू से बात करने की कोशिश की गई तो बात नहीं हो पाई।

करोड़ों रुपये की हो रही डील : बबेले

कांग्रेस नेता बबेले ने वीडियो साझा कर तंज कसा है। उन्होंने ईडी, सीबीआई को टैग करते हुए लिखा कि अब ये वीडियो वायरल हो रहा है, जरा जांच कीजिए। इस कथित वीडियो में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र तोमर जो भाजपा की टिकट से चुनाव भी लडऩे वाले हैं, वो एक माइनिंग कारोबारी से करोड़ों रुपये लेने की बातचीत कर रहे हैं। पीयूष बबेले ने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आचार संहिता के बीच ये काले धन की बात हो रही है या फिर गोरे धन की, इसकी जांच ईडी और सीबीआई को करनी चाहिए।

देवेंद्र का पुलिस को भेजा पत्र भी वायरल

कथित वीडियो के बाद देवेंद्र तोमर के नाम से मुरैना के पुलिस अधीक्षक को भेजा गया एक आवेदन भी इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। पत्र में कहा गया है कि ये वीडियो केवल दुष्प्रचारित के लिए है। इसमें कहा गया कि वीडियो में एडिटिंग करके मेरे विरुद्ध साजिश रची जा रही है।

महादेव ऐप को लेकर केंद्रीय मंत्री और भूपेश में वार-पलटवार

  • कांग्रेस चुनाव आयोग में करेगी शिकायत

विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में सट्टेबाजी ऐप को लेकर राजनीति गरमा गई है। महादेव ऐप मामले पर अब केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का बयान आया है, जिस पर भूपेश बघेल ने भी पलटवार किया है। मंत्री राजीव ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और छत्तीसगढ़ सरकार ने डेढ़ साल पहले जांच शुरू की थी, लेकिन इस संबंध में कुछ नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब मिलीभगत पैसे कमाने के लिए हुआ है, लेकिन ईडी मामले की जांच कर रही है। मंत्री ने कहा कि सीएम और सरकार ने पत्र लिखा, लेकिन किसे लिखा यह कोई नहीं जानता। ईडी ने कल पहली बार हमसे इस ऐप को ब्लॉक करने का अनुरोध किया और हमने तुरंत ऐसे 22 ऐप्स को ब्लॉक कर दिया। सीएम ने 1.5 सालों में इस ऐप को ब्लॉक करने के लिए केंद्र सरकार को कोई आवेदन नहीं दिया। महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया। दो साल से इसकी जांच चल रही है, लेकिन जब तक ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक नहीं लगेगी, कुछ नहीं रुकेगा। जो लोग ऑनलाइन सट्टेबाजी करते हैं, उनके लाखों फर्जी अकाउंट हैं। केंद्र को उनकी पहचान कर बंद करना चाहिए।

सपा प्रमुख ने आवारा पशुओं को लेकर योगी सरकार को घेरा

  • अखिलेश यादव ने समस्या पर स्पष्टीकरण मांगा, बताएं अब तक क्या किया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या पर सोमवार को राज्य की भाजपा सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पूछा, छुट्टा पशुओं के लिए भाजपा सरकार स्पष्टीकरण दे, भाजपा शासन में कितने लोग छुट्टा पशुओं की वजह से मारे गये या घायल हुए-छुट्टा पशुओं के कारण जिनकी मौत हुई, उनमें से कितनों को मुआवजा दिया गया और कितना दिया गया?
उन्होंने आगे पूछा, जो गौशालाएं खोली गयीं हैं उनमें कुल कितने छुट्टा पशु हैं, गौशालाओं के काम का आंकलन कब किया गया और उसके क्या परिणाम निकले? अधिकतर गौशालाओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी? यादव ने यह सवाल भी किया कि इस समस्या से निपटने के लिए नियुक्त किये गये अधिकारियों ने क्या किया। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद इस समस्या का पंद्रह दिन में समाधान निकालने की जो बात की गयी थी वह वचन था या जुमला ? वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान, भाजपा नेताओं ने सरकार बनने के 15 दिनों के भीतर, आवारा पशुओं की समस्या का समाधान निकालने का वादा किया था। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उस चुनाव में इस समस्या का जिक्र किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों पर की सख्त टिप्पणी

  • दिए निर्देश- मामला अदालत पहुंचने से पहले विधेयकों पर कार्रवाई करें गवर्नर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पंजाब के राज्यपाल द्वारा की गई कार्रवाई पर एक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया और मामले को शुक्रवार (10 नवंबर) के लिए सूचीबद्ध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपालों को मामला उन तक पहुंचने से पहले ही अपने संबंधित राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की देरी के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने चिंता व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्यपालों को मामले के सर्वोच्च न्यायालय में आने से पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए।

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