मैनपुरी में डिंपल यादव के लिए कितनी आसान चुनावी राह
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई है। इसी पर पांच दिसंबर को मतदान होगा। मैनपुरी समाजवादी का गढ़ माना जाता है।और यहां की लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है।सपा ने अपने उम्मीदवार का ऐलान भी कर दिया है। मैनपुरी से मुलायम सिंह की बहू डिंपल यादव अपनी किसमत आज़माएगी जहां अखिलेश यादव चाचा शिवपाल के समर्थन में साथ साथ रहें।लेकिन जब डिंपल यादव ने नामांकन का परचा भरा तब वहा चाचा शिवपाल नज़र नहीं आए जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि शायद यादव परिवार में अभी भी हालात ठीक नहीं लेकिन जब शिवपाल से पूछा गया तो उन्होंने बात को साफ़ करते हुए कहा की उनसे पूछने के बाद ही डिंपल यादव को मैदान में उतारा गया है ।
सपा भले ही मैनपुरी सीट को सुरक्षित मान रही है, लेकिन क्या डिंपल के लिए चुनावी राह इतनी आसान होगी । पिछले चुनावों के नतीजों ने जिस तरह अखिलेश को हैरान कर दिया था कहीं न कहीं अखिलेश को इसका डर सता रहा है ।अगर हम पिछले चुनावों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की मजबूती ने मुलायम सिंह यादव की जीत का अंतर लाखों से हजारों में समेट दिया। लेकिन यह तभी संभव हुआ जब सपा और बसपा एक हुए कुल मिलाकर यह चुनाव दिलचस्प होगा। दोनों ही दल जीत के लिए अपना दमखम लगाएंगे। सपा मुलायम की विरासत वाली सीट किसी भी शर्त पर ये सीट हासिल करना चाहती है ।
वहीं भाजपा भी पूरे दमखम से मैदान में है। भाजपा सपा का किला गिराना चाहती है । चुनाव कोई भी हो लेकिन मुकाबला सीधा सपा और भाजपा का ही है । भाजपा की मजबूती से सपा की राह मुश्किल हो सकती है। अगर हम वर्ष 2004 में हुए आम चुनाव की बात करें तो मुलायम सिंह यादव ने 3.37 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। लेकिन यह आकड़ा साल 2019 के आम चुनाव में घट गया और सिर्फ 94 हजार वोटों से जीत हुई। सपा और बसपा के गठबंधन के बावजूद भी जीत का ये आकड़ा घट गया था । और यही बात अब सपा की परेशानी का कारण बनी हुई है के नतीजे कही 2019 वाले ना हो।उपचुनाव में सपा के साथ बसपा नहीं है। ऐसे में बसपा वोट में सेंध लगाकर भाजपा बाजी पलट भी सकती है।
संगठन विस्तार के साथ ही भाजपा आज मजबूत स्थिति में है। संगठन की मजबूती के दम पर ही भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव पूरी दमदारी के साथ लड़ा। सपा की ओर से चुनाव मैदान में खुद मुलायम सिंह यादव थे, वहीं भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य पर दांव लगाया था। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव को 5,24,926 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य 4,30,547 ने वोट हासिल किए थे। मुलायम सिंह जैसा बड़ा चेहरा सिर्फ 94389 वोटों से ही जीता। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई थी. तो अब सवाल ये उठता है। कि क्या डिंपल यादव मैनपूरी में सपा की जीत की विरासत को कायम रखने में कामयाब होगी हालांकि इस चुनावी प्रचार में चाचा शिवपाल उनके साथ ही रहेंगे और अब उनके समर्थन में कुछ लोग आगे भी आए है मैनपुरी उपचुनाव के लिए जेडीयू के बाद एक और दल ने मुलायम सिंह यादव के सम्मान में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। लेकिन अब ये तो वक़्त ही बताएगा की बाज़ी किसके हाथों में जाती है।