संजय सेठ, तारा सिंह और बाफिला जैसे लोगों के अवैध अपार्टमेंट क्यों नहीं टूटते
अपार्टमेंट हादसे में दो लोगों की मौत
- और कितने अवैध अपार्टमेंट गिरेंगे लखनऊ में
- करोड़ों की घूस लेकर छोड़ देते हैं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
- घायलों का चल रहा इलाज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में अलाया अपार्टमेंट गिरने के बाद इसमें दो लोगों की मौत हो गयी है। प्रारंभिक जॉच में यह बात सामने आयी है कि यह अपार्टमेंट अवैध रूप से बना हुआ था। राजधानी में ऐसे अवैध भवनों की बाढ़ आ गयी है पर करोड़ वसूल करके ऐसे अपार्टमेंट और भवनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। पूर्व सांसद संजय सेठ ,तारा सिंह विष्ट और बाफिला के अपार्टमेंट इसका उदाहरण है। कल इस अपार्टमेंट के गिरने की खबर ने हंगामा मचा दिया था। मौके पर कई लोग दब गये थे। आज सिविल अस्पताल में सपा नेता अब्बास हैदर की पत्नी और उनकी सास की मौत हो गयी।
हर बार की तरह पता चला कि इस अपार्टमेंट का कोई नक्शा पास नहीं था और यह अवैध था। पॉच मंजिला बना यह अपार्टमेंट मिनटों में ही ताश के पत्तों की तरह ढह गया। यह तय है कि इस बार भी किसी बड़े अफ़सर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। कुछ दिन पहले ही जापलिंग रोड पर स्थित शालीमार अपार्टमेंट के भी अवैध निर्माण का मामला सामने आया था। इसका दसवाँ तल का नक्शा ही नहीं था और ना यह तल क़ानूनी रुप से सही था। इस तल पर करोड़ों की क़ीमत के अवैध पेंट हाउस बने है । एक जेई ने पूर्व सांसद संजय सेठ को नोटिस दिया तो वो विफर गये कि यह उनकी बिल्डिंग नही है। हक़ीक़त यह है कि यह बिल्डिंग उनकी ही थी पर उनके नाम से ना होकर उनकी कपंनी के नाम से ही थी। इसी समय यह भी खुलासा हुआ कि शहीद पथ पर भी ग्राम सभा और सरकारी ज़मीन पर कब्जा करके संजय सेठ ने शालीमार वन बर्ड नाम से योजना बना दी है। शुरुआती दौर में नोटिस भेजकर फिर यह फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गयी और कुछ नहीं किया गया। इसी तरह गोमती नगर विस्तार में भी बाफिला और तारा सिंह विष्ट के भवनों के साथ खेल हुआ। इनको तोडऩे के आदेश एलडीए से लेकर शासन तक से हुए। यह लोग हाईकोर्ट तक गये। हाईकोर्ट ने शासन को लिखा। कागजों में तोडऩे के आदेश हुए पर तोड़ा नहीं गया। बल्कि इन लोगों को फिर हाईकोर्ट जाने का मौका दिया गया। हाईकोर्ट ने फिर शासन को लिख दिया और इस बार शासन ने ठंडे बस्ते मे डाल दिया। बताया जाता है कि इसके पीछे करोड़ों की डील हुई है।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि शासन स्तर की जांच पूरी ना होने तक कोई ध्वसतीकरण ना किया जाये। शासन से आदेश होते ही भवन ध्वस्त करा दिये जायेगे।
इंद्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष
लखनऊ विकास प्राधिकरणमेरी जानकारी में नहीं है कि हाईकोर्ट ने ऐसा कोई आदेश दिया हो। हो सकता है हाईकोर्ट से अभी आदेश न आ पाया हो। आदेश के आते ही नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
रनवीर प्रसाद, सचिव
आवास विकास
सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां और पत्नी की मौत
राजधानी लखनऊ में अपार्टमेंट दुर्घटना में घायल सपा प्रवक्ता अब्बार हैदर की मां और पत्नी का निधन हो गया है। ये दोनों महिलाएं अलाया अपार्टमेंट के मलवे में दब गई थीं। उन्हें बुधवार की सुबह गंभीर स्थिति में निकाला गया। सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान दोनों का निधन हो गया है। अब्बास हैदर समाजवादी पार्टी में प्रवक्ता के पद पर हैं। वहीं इससे पहले प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने धटना स्थल पर जाकर हैदर परिवार के सदस्यों का ढांढस बढ़ाया था।