बिहार विधानसभा चुनाव: क्या तेजस्वी यादव बनेंगे INDIA गठबंधन का चेहरा? बढ़ती लोकप्रियता से सियासी हलचल तेज

तेजस्वी यादव की लोकप्रियता चरम पर है, लेकिन INDIA गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और वाम दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर एकमत नहीं बन पाया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी INDIA गठबंधन दोनों अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। इस बीच तेजस्वी यादव की लोकप्रियता ने राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा दे दी है।

सर्वे में सबसे आगे तेजस्वी
हाल में आए एक राजनीतिक सर्वे में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बिहार का सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया गया है। सर्वे के अनुसार, तेजस्वी की लोकप्रियता मौजूदा नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान से कहीं ज्यादा है।

INDIA गठबंधन में चेहरे को लेकर असमंजस
हालांकि तेजस्वी यादव की लोकप्रियता चरम पर है, लेकिन INDIA गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और वाम दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर एकमत नहीं बन पाया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या गठबंधन तेजस्वी यादव को चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगा या फिर चुनाव के बाद का फॅार्मूला अपनाया जाएगा। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई है, बावजूद इसके एनडीए के सभी घटक दल एक बार फिर चुनाव नीतीश कुमार के चेहरे को लेकर असमंजस बना रहा, तो विपक्षी वोटों का विखराव हो सकता है।

बिहार की राजनीति इस समय एक दिलचस्प मोड़ पर है। एक तरफ जहां तेजस्वी यादव की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, वहीं INDIA गठबंधन को अभी मुख्यमंत्री चेहरे पर निर्णय लेना बाकी है। चुनावी तारीखें नजदीक आते-आते यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपक्ष तेजस्वी को चेहरा बनाकर चुनावी मैदान में उतरता है या कोई साझा फॅार्मूला सामने लाया जाएगा।

बिहार में तेजस्वी सबसे ज्यादा लोकप्रिय
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा के तौर पर सबसे ज्यादा लोगों ने पसंद किया है. सर्वे के अनुसार मई के महीने में बिहार के सीएम के रूप में 36.9 फीसदी लोग तेजस्वी को देखना चाहते हैं, तो 18.4 फीसदी लोग नीतीश कुमार को. इसके बाद प्रशांत किशोर को 16.4 फीसदी, एलजेपी (आर) के प्रमुख चिराग पासवान को 10.6 फीसदी और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी को 6.6 फीसदी लोग सीएम के रूप में पसंद कर रहे हैं. पिछले तीन सर्वे में तेजस्वी यादव की स्थिति ऐसी ही है.

बिहार में लोकप्रियता के मामले में नीतीश कुमार, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर से काफी तेजस्वी यादव नजर आ रहे हैं. बिहार को लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. सीएम नीतीश कुमार से दोगुना लोग आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बिहार मुख्यमंत्री के रूप देखना चाहते हैं. इतना ही नहीं उनके आसपास भी कोई नेता नजर नहीं आ रहा लोकप्रियता के मामले में. इसके बाद भी तेजस्वी के नाम पर इंडिया गठबंधन के दल तैयार नहीं है.

तेजस्वी पर कांग्रेस-लेफ्ट का मन बदलेगा?
आरजेडी ने तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है, लेकिन कांग्रेस और सीपीआई माले तैयार नहीं हैं. माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पिछले दिनों कहा था कि महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी का नेता ही मुख्यमंत्री बनेगा. इससे पहले कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. इंडिया गठबंधन नेताओं की दिल्ली से लेकर पटना तक कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन तेजस्वी के नाम पर मुहर नहीं लग सकी है.

कांग्रेस और माले चुनाव में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुनाव नहीं लड़ना चाहती. इन दोनों ही दलों का तर्क है कि तेजस्वी के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर यादव को छोड़कर अन्य पिछड़ी जातियां उसे वोट नहीं मिलता. ये बात कांग्रेस नेतृत्व ने सीधे तौर पर दिल्ली की मीटिंग में तेजस्वी यादव को बता दिया था. हां, ये जरूर आश्वासन दिया कि अगर सरकार बनाने का मौका हाथ आता है तो तेजस्वी यादव भले ही मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन चुनाव में उनके नाम की घोषणा कर लड़ना जोखिम भरा कदम हो सकता है.

हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री के लिए आए सर्वे में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता जिस तरह दिखी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर से आगे नजर आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस और लेफ्ट क्या अब तेजस्वी यादव के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ने पर रजामंद होंगे. तेजस्वी की लोकप्रियता का सियासी लाभ उठाने का दांव चलेगी.

कांग्रेस और माले की की रणनीति है कि बिना सीएम चेहरे के उतरने से किसी समाज के वोट छिटकने का खतरा नहीं होगा. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस तेजस्वी को सीएम चेहरे की बात नहीं कर रही, ऐसे में कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे बड़ी बनकर उभरेगी, वही पार्टी नेता तय करेगी. जिस तरह लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. उसी तरह से बिहार में महागठबंधन की सत्ता में वापसी होती है और आरजेडी अगर सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जा सकता है.

कांग्रेस और माले के फॉर्मूले पर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी रजामंद नहीं है, लेकिन तेजस्वी ने जिस तरह से कहा कि महागठबंधन में कन्फ्यूजन नहीं है. इससे जाहिर होता है कि आरजेडी वेट एंड वॉच के मूड में है. ऐसे में देखना है कि महागठबंधन सीएम के कन्फ्यूजन का सॉल्यूशन तलाशती है या फिर तेजस्वी पर सस्पेंस बनाकर ही चुनाव में उतरेगी?

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