क्या पंजाब में कांग्रेस की चुनावी कमान संभालेंगे पीके

नई दिल्ली। पंजाब राज्य में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले फिर से एक बार पंजाब की कमान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके को दी गई है. अंदरखाने की राजनीति से जूझ रही कांग्रेस पंजाब को अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहती है इसलिए पंजाब की बागडोर पीके को दी गई है. पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद इस बात की पुष्टि की है.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से कहा गया है कि वो पीके के साथ चुनावी रणनीति को साझा करें. प्रशांत किशोर के एकबार फिर से चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रवेश की चर्चाएं तेज हो गई हैं हालांकि बंगाल में तृणमूल की जीत के बाद ही पीके ने चुनावी रणनीतिकार के रूप में अपनी पारी को विराम लगाने का ऐलान किया था.
पंजाब प्रांत के सीएम ने कहा है कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर के साथ साझा करने की सलाह दी है. उन्होंने दावा किया है कि रावत ने हाईकमान से चर्चा करके बाद ही उन्हें यह मशविरा दिया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से मंगलवार रात पंजाब भवन में रावत के साथ सीएम की बैठक हुई हालांकि चरणजीत चन्नी ने यह साफ नहीं किया है कि चुनावी रणनीति पर पीके काम करेंगे या नहीं। यह बात फिलहाल अभी तक किसी भी कांग्रेस नेता ने साफ तौर पर नहीं की है.
बताते चलें कि चुनावी रणनीतिकार पीके ने पंजाब के तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था. प्रशांत किशोर ने कैप्टन को लेटर लिखकर कहा कि वह सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी तौर पर ब्रेक चाहते हैं. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखे पत्र में प्रशांत किशोर ने कहा था कि अब मैं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी ब्रेक चाहता हूं इसलिए मैं अपनी जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं. उन्होंने ने आगे लिखा था कि आगे मुझे क्या करना है, यह अभी तय करना बाकी है. मुझे इस पद के लिए चुनने पर आपका धन्यवाद.
विगत दिनों पीके काफी सक्रिय नजर आए थे. पीके दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के साथ राहुल और प्रियंका से भी मुलाकात की थी. इसके बाद ही उनके कांग्रेस में प्रवेश की चर्चा शुरू हो गई थी परंतु उससे पहले एनसीपी के मुखिया शरद पवार के साथ प्रशांत किशोर ने कई मीटिंग की थी. तब 2024 के लिए तीसरे मोर्च के कयास लगाए जा रहे थे.
वर्ष 2017 में प्रशांत किशोर ने पंजाब विधानसभा के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी. उनकी कंपनी, इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी ( ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी की मदद की थी. पीके ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की जिम्मेदारी भी ली थी.

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