क्या इस बार लोकसभा चुनाव की लड़ाई 80 बनाम 20 की होने वाली है?

Will this Loksabha election fight be 80 vs 20?

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ।

लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही दिन रह गए है। जिसको लेकर अब उत्तर प्रदेश में सियासी महौल जातीय जनगणना को लेकर काफी गर्म हो गया है। बिहार से उठी एक चिंगारी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को धार बनाया और अगड़ा बनाम पिछड़े राजनीति की जंग छेड़ दी। जातीय जनगणना पर अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को उठाया। बता दें पहले  अखिलेश यादव के इस मुद्दे पर केशव प्रसाद मौर्य ने समर्थन किया था। लेकिन अब केशव प्रसाद ने इस मुद्दे को सपा का ढोंग बताया है।  डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर सपा पर निशाना साधा और कहा कि अखिलेश यादव पहले अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर किसी और को पार्टी का अध्यक्ष बनाएं इसके बाद वो चौपाल लगाकर इस बारे में बात करें. केशव मौर्य ने ट्वीट कर लिखा कि “जातीय जनगणना की बात केवल ढोंग है, जब सरकार में थे तब मौनी बाबा अब बाहर, तब मांग केवल 2024 में चुनावी लाभ के लिए है, जो नहीं मिलेगा, पहले अखिलेश यादव जी समाप्त हो रही सपा का बचाने को अध्यक्ष पद किसी और को सौंप जातिगत न्याय की शुरुआत संगठन से करें फिर ये बात करें. वही केशव मौर्य के इस बयान पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने निशाना साधा और कहा कि “जातीय जनगणना की मांग करने वाले श्री केशव प्रसाद मौर्य हफ्ते भर में ही अपने बात से पलट गए हैं। आखिर भाजपा का पिछड़ा विरोधी चेहरा सामने आ ही गया. सपा का केंद्र में प्रधानमंत्री तो कभी नहीं था, लेकिन आप क्यों हीला-हवाली कर रहे हो, आपकी तो केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है। दरअसल, इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने जातीय जनगणना पर सपा की मांग का समर्थन किया था। साफ तौर पर ये कहा जा सकता है कि इस बार उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना के मुद्दे पर ही 2024 का चुनाव जीतने का सपना हर पार्टी देख रही है। और शायद यही वजह है कि सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के जरिए ये जंग छेड़ दी है। ये साफ है कि इस बार लोकसभा चुनाव की लड़ाई 80 बनाम 20 बनाई जा रही है। 

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