आईवीएफ से निराश महिलाओं को मिली नई उम्मीद
होम्योपैथी पद्धति की मदद से कई महिलाओं का मां बनने का सपना साकार हुआ है। ये महिलाएं जो पहले आईवीएफ यानी इंविट्रो फर्टिलाइजेशन जैसे पारंपरिक तरीकों से गर्भधारण करने में असफल रहीं, अब होम्योपैथी उपचार के माध्यम से मां बनने की उम्मीद जरूर कर रही हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः आईवीएफ यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन से निराश महिलाओं के लिए होम्योपैथी एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है। कई महिलाएं जिनका आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान सफलता नहीं मिल पाई, उन्होंने होम्योपैथी के माध्यम से अपने बांझपन का इलाज कराने का निर्णय लिया है।विशेषज्ञों के अनुसार, होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो शरीर में संचित ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करती है। इससे कई महिलाएं अपने हार्मोनल असंतुलन, तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का निदान कर रही हैं। मेहरी (32 साल), एक महिला जिसने पिछले दो वर्षों में दो बार आईवीएफ प्रक्रिया कराई लेकिन सफल नहीं हो पाई, अब होम्योपैथी का सहारा लेने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया, “मैंने सोचा कि शायद यह मेरे लिए अंतिम विकल्प है, लेकिन मुझे इससे बहुत फायदा हुआ है। मेरी मानसिक स्थिति बेहतर हुई है और डॉक्टरों का मानना है कि अब मेरे गर्भवती होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।”
महिलाओं का मां बनने का सपना होम्योपैथी की मदद से हुआ पूरा
होम्योपैथी पद्धति की मदद से कई महिलाओं का मां बनने का सपना साकार हुआ है। ये महिलाएं जो पहले आईवीएफ यानी इंविट्रो फर्टिलाइजेशन जैसे पारंपरिक तरीकों से गर्भधारण करने में असफल रहीं, अब होम्योपैथी उपचार के माध्यम से मां बनने की उम्मीद जरूर कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि होम्योपैथी एलोपैथी की तुलना में कई मामलों में अधिक प्रभावी हो सकती है। कई महिलाएं जो आईवीएफ से लाभ नहीं उठा पाईं, उन्होंने होम्योपैथी उपचार के माध्यम से संतान की खुशी प्राप्त की है। होम्योपैथी को आमतौर पर धीमे प्रभाव वाली चिकित्सा प्रणाली माना जाता है, लेकिन कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि कुछ मामलों में ये एलोपैथी से भी तेजी से परिणाम देने में सक्षम होती है। मरीजों को कई बार एक या दो दिन में ही उपचार का प्रभाव महसूस होने लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन महिलाओं को किसी कारणवश मां बनने में कठिनाई हो रही है, वे अब होम्योपैथी के माध्यम से एक नई उम्मीद देख रही हैं। हालांकि, मां बनने का सपना कब पूरा होगा, यह पूरी तरह से उनकी व्यक्तिगत चिकित्सा स्थिति पर निर्भर करता है।
होम्योपैथी के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अजय गुप्ता ने बताया है कि होम्योपैथी का प्रभाव हर व्यक्ति की प्रकृति पर निर्भर करता है। कुछ मरीजों में इसका लाभ जल्दी प्राप्त होता है, जबकि कुछ लोगों को इसके असर के लिए एक से दो दिन या उससे अधिक समय लग सकता है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, होम्योपैथी शरीर की प्रकृति के अनुसार कार्य करती है। उन्होंने कहा, “इसमें परेशान होने वाली बात नहीं है। मरीजों को केवल नियम और संयम का पालन करना चाहिए।” यह बयान होम्योपैथी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दिया गया है, ताकि लोग इस चिकित्सा प्रणाली की विशेषताओं और उसके प्रभाव की प्रक्रिया को समझ सकें।
डॉ. गुप्ता ने होम्योपैथी के क्षेत्र में गहरी समझ को साझा करते हुए बताया है कि गंभीर बीमारियों का उपचार, जैसे कि कैंसर, भी होम्योपैथी द्वारा संभव है। महिलाओं के लिए गर्भधारण में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं। डॉ. गुप्ता का कहना है कि पहले इन समस्याओं की पहचान की जाती है और फिर उचित उपचार शुरू किया जाता है। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं जिन्होंने आईवीएफ के माध्यम से गर्भधारण का प्रयास किया, वे सफल नहीं हो पाईं। लेकिन, होम्योपैथी के उपचार से उन्होंने कुछ ही समय में गर्भधारण में सफलता प्राप्त की है। इस प्रकार, होम्योपैथी एक प्रभावी विकल्प के रूप में उभर रही है, जो महिलाओं की प्रजनन स्वास्थ्य और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
आपको बता दें,कि कोई गंभीर साइड इफेक्ट भी नहीं होम्योपैथी पद्धति में डॉक्टर मरीज की प्रकृति के अनुसार दवाओं की पोटेंसी निर्धारित करते हैं. कुछ मरीज को कम पोटेंसी वाली दवाओं से ही आराम मिल जाता है, तो कुछ मरीजों को हाई पोटेंसी वाली दवाओं की जरूरत पड़ती है. गर्भधारण के मामले में भी ऐसा ही है. जिस तरह की समस्या उसी तरह का उपचार. सबसे खास बात यह है कि होम्योपैथी उपचार के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते.