ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दी सफाई, मीडिया को ठहराया दोषी

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में कट्टरपंथी तालिबान की सत्ता में वापसी और बाद में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के एक सदस्य की प्रशंसा ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इसके बाद एआईएमपीएलबी को खुद सामने आकर पूरे मामले की व्याख्या करनी पड़ी। भारतीय मुसलमानों के बड़े संगठन ने सारा दोष मीडिया पर ही मढ़ दिया है।
संगठन ने ट्विटर पर बयान जारी कर कहा- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तालिबान की जीत और अफगानिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है। कुछ मीडिया चैनल बोर्ड के कुछ सदस्यों की निजी राय को बोर्ड का स्टैंड मान रहे हैं और गलत बात के लिए बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि यह बात पत्रकारिता मूल्यों के खिलाफ है। एआईएमपीएलबी ने आगे कहा कि मीडिया चैनलों को इस तरह के कृत्यों से परहेज करते हुए तालिबान समाचारों को बोर्ड से जोडऩे से बचना चाहिए।
दरअसल, पूरा विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सफाई देनी पड़ी क्योंकि एआईएमपीएलबी के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने तालिबान को उनकी जीत पर बधाई दी है। इतना ही नहीं नोमानी ने तालिबान को सलामी भी दी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने तालिबान के बारे में कहा कि हिंदी मुसलमान आपको सलाम करता है। नोमानी ने तालिबान के पक्ष में बयान जारी किया है। इससे पहले यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने तालिबान की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों से की है। बर्क के इस बयान पर अब यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है।

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