निर्दलीय पहुंचे गहलोत के खेमे में, अब पायलट पर दाग रहे बयानों के बम
नई दिल्ली। राजस्थान का रण अपने चरम पर है। पायलट और गहलोत में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इसी बीच इस राजनीतिक उठापटक में नया टिï्वस्ट आ गया है। राजस्थान के निर्दलीय विधायकों ने ऐलान कर दिया है कि वो सीएम के पक्ष में हैं और बिना किसी शर्त के समर्थन दे रहे हैं। इतना ही नहीं निर्दलीय विधायकों ने पायलट पर भी जमकर हमला किया।
राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की लड़ाई फिलहाल रुकती नहीं दिख रही है। लेकिन इसमें बड़ी बात यह है कि अब निर्दलीय मुख्यमंत्री गहलोत के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को सर्किट हाउस में 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बिना शर्त समर्थन देने का प्रस्ताव पारित किया गया। एक अन्य निर्दलीय विधायक बलजीत यादव बैठक में शामिल नहीं हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पायलट कैंप के लगातार हमले का जवाब देने के लिए निर्दलीयों की ओर से यह बैठक आयोजित की गई थी। हालांकि बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए सनयम लोढ़ा ने कहा कि हम यहां आम आदमी के मुद्दे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ बोलने आए थे, लेकिन जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो मामला सचिन पायलट का भी सामने आ गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्दलीय विधायकों की यह बैठक सनयम लोढ़ा ने बुलाई थी। लेकिन जब मीडिया ने उनसे इस संबंध में सवाल किया तो वह चुप्पी साधे रहे। सचिन पायलट के सवाल पर निर्दलीय विधायक सनयम लोढ़ा ने कहा- पायलट भाग्यशाली है, कि उनका जन्म पायलट के घर हुआ था। कम उम्र में सांसद और मंत्री बने। इसके बाद लोकसभा चुनाव हारने के बाद राजस्थान में डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ बने। पहली बार सीएम के सामने हार देखकर और अब दूसरी बार भी उन्हें सीखने में और समय लगेगा। लोढ़ा ने आगे कहा कि सचिन पायलट कभी नहीं लड़े।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्दलीय विधायकों ने कहा कि अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। वह अशोक गहलोत के साथ हैं। अब इस बैठक में सनयम लोढ़ा ने भी आगे बढक़र कहा कि वह मंत्री बनने नहीं आए हैं, कांग्रेस उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी वो उसे उठाने को तैयार हैं कांग्रेस उन्हें जो भी काम देगी वो पूरे मन से उस काम को करने के लिए तैयार हैं। उन्हें यह बयान इसलिए भी देना पड़ा क्योंकि बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने आरोप लगाया था कि सनयम लोढ़ा मंत्री बनने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं।
गौरतलब है कि जहां सर्किट हाउस में निर्दलीयों की बैठक के दौरान गहलोत का समर्थन किया गया था। इसके साथ ही राजस्थान की राजनीति का एक और चेहरा यहां देखने को मिला। मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक पहले बुधवार को होटल अशोक में होनी थी, लेकिन अंतिम समय में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक राजेंद्र गुढ़ा वहां पहुंच गए। निर्दलीय विधायकों ने जब इस पर आपत्ति जताई तो गुढ़ा ने कहा कि वे सनयम लोढ़ा के कहने पर बैठक में शामिल होने आए थे। कुछ समय तक गुढ़ा निर्दलीय विधायकों के साथ भी बैठे, लेकिन उनके बीच कोई बातचीत नहीं हो सकी। इसके बाद निर्दलीयों ने अपना प्लान बदल लिया तो वे वहां से सर्किट हाउस पहुंचे।
कुल मिलाकर राजस्थान की राजनीति में शह और मात का खेल चल रहा है जिसे आलाकमान रोकने की कोशिश भी कर रहा है लेकिन राजनीति की शतरंज पर चालों को वो रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।