केजीएमयू लखनऊ में उतरा बसंत

लखनऊ। राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के शताब्दी लान प्रांगण में प्रत्येक वर्ष की भांति इस साल भी बसंत पंचमी के पावन अवसर पर 109वां पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने मां सरस्वती के पावन स्वरुप के दर्शन एवं पूजन कर उन्हें पुष्प अर्पित किए। केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने बताया कि इस अवसर पर कुलपति ने छात्र छात्राओं के कार्यों की प्रशंसा की। कार्यक्रम में सरस्वती पूजा के उपरांत यज्ञ एवं प्रसाद वितरण का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के चिकित्सक, कर्मचारियों एवं समस्त विद्यार्थियों द्वारा उत्साह के साथ भाग लिया गया। इस अवसर पर पूरे प्रांगण को एमबीबीएस 2019 के छात्र-छात्राओं द्वारा एमबीबीएस 2018 के छात्र छात्राओं के सहयोग से रंग बिरंगी रंगोली से सजाया गया। कार्यक्रम का संयोजन जॉर्जियन एलुमनाई एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ. नरसिंह वर्मा द्वारा किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा- जिन्होंने छीनी जमीन, वही फैला रहे कृषि कानूनों पर भ्रम

  • पीएम मोदी ने रखी महाराजा सुहेलदेव स्मारक की नींव
  • महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला, जिसके वे थे हकदार
  • पीएम ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा- देशी कंपनियों को डरा रहे हैं, अब किसान खुद खोल रहे इनकी पोल
  • प्रत्येक नागरिक को समर्थ बनाने का प्रयास कर रही है सरकार
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक का आज शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी दलों का नाम लिए बिना कहा कि कृषि कानूनों को लेकर लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। जिन लोगों ने किसानों की जमीनें छीन ली वह भ्रम फैला रहे हैं। वे नहीं चाहते हैं कि किसानों की आमदनी बढ़े। हमारी सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को समर्थ बनाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए कृषि कानूनों के जरिए छोटे किसानों को लाभ होगा, साथ ही जगह-जगह से किसानों को लाभ होने भी लगा है। कृषि कानूनों को लेकर कई तरह का प्रचार किया गया, जिन्होंने विदेशी कंपनियों के रास्ते खोले वह देशी कंपनियों को डरा रहे हैं। अब किसान ही इनकी पोल खोलने में लगे हैं। यूपी सरकार ने गन्ना किसानों, चीनी मिलों से जुड़ी समस्याओं को दूर किया है। उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। देश का इतिहास वह नहीं है जो भारत को गुलाम बनाने वाले और गुलामी की मानसिकता रखने वाले लोगों ने लिखा है। इतिहास वह भी है तो लोककथाओं के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है। आजादी के सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस और डॉ. भीमराव आंबेडकर को उचित सम्मान नहीं दिया गया। हमारी कोशिश है कि हम देश के इन महापुरुषों का सम्मान करें। कुछ सालों में देश भर में इतिहास, आस्था, अध्यात्म, संस्कृति से जुड़े जितने भी स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है, उनका बहुत बड़ा लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देने का भी है।
यह पहला अवसर है जब महाराजा सुहेलदेव की मनायी जा रही जयंती : सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक हजार साल के बाद यह पहला अवसर है जब कोई सरकार महाराजा सुहेलदेव की जयंती इस तरह मना रही है। उनकी वीरता को इतिहास में उतना स्थान नहीं दिया गया जिसके वे हकदार थे पर भाजपा की सरकार देश में जहां भी वीरों की स्मृति होगी, उन स्थलों का विकास करेगी। करीब 4 वर्ष पहले बहराइच में इस क्षेत्र की आरोग्यता के लिए पीएम मोदी द्वारा एक मेडिकल कॉलेज दिया गया था। अब वह बनकर तैयार हो गया है। जिसका नाम महाराज सुहेल देव के नाम पर ही रखा गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री को महाराजा सुहेलदेव की अश्वारोही प्रतिमा पयागपुर रियासत के यशवेंद्र प्रताप सिंह ने भेंट की। इसके पहले उन्होंने स्मारक के लिए भूमिपूजन किया। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।

किसानों ने किया हवन, होलिका दहन की तैयारी

  • कृषि कानूनों के खिलाफ जारी है आंदोलन
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। बसंत पंचमी के मौके पर गाजीपुर बॉर्डर पर होली के त्यौहार को देखते हुए पांच लकड़ी और उबले रखे गए हैं जिससे होलिका दहन किया जाएगा। इसके अलावा हवन-पूजन किया गया। किसानों ने आज सुबह हवन किया गया ताकि पर्यावरण में शुद्धि हो, वहीं अब से ठीक सवा महीने बाद होली का त्यौहार देशभर में मनाया जाएगा। ऐसे में बॉर्डर पर बैठे किसान भी होली मनाने की तैयारी कर रहे हैं। बॉर्डर पर मौजूद देवी सिंह शामली जिले से आए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह हम सभी किसानों ने हवन किया ताकि पर्यावरण में शुद्धि हो। वहीं हमने बॉर्डर पर होली का त्यौहार मनाने के लिए 5 लकड़ी के टुकड़े रखे हैं और पूजा पाठ कराई है। होली बसंत ऋतु में मनाया जाता है और यह त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। यह त्यौहार बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है। बसंत ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, इसलिए इसे बसंतोत्सव भी कहते हैं। किसान दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं।

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