क्यों गुल हुई थी बिजली, 72 घंटे में सीएम योगी को बताएगी एसटीएफ, जांच शुरू

जन्माष्टमी के दिन लाखों घरों में गुल हुई बिजली का मामला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश के बिजली विभाग में कर्मचारियों के पीएफ घोटाले की उच्चस्तरीय जांच के बाद अब एक और जांच पुलिस को सौंपी गई है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात गुल हुई बिजली की जांच अब एसटीएफ करेगी। एसटीएफ तीन दिन में सीएम योगी को इस पूरे मामले की रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के तहत आज एसटीएफ टीम शक्तिभवन मुख्यालय पहुंची। कंट्रोल रूम का दौरा किया। वहां संबंधित जिम्मेदारों से पूछताछ की और जाना कि किस कारण से लाखों घरों की बिजली गुल हुई थी।
प्रदेश में स्मार्ट मीटर प्रयोग करने वाले लाखों उपभोक्ताओं के डिस्कनेक्शन के कारण प्रदेश पांच घंटे तक अंधेरा में रहा। इससे सीएम योगी खासे नाराज है। प्रदेश में इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की सिफारिश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के निर्देश दे दिए हैं। इस बीच पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने भी पूरे मामले की जांच के लिए अपने स्तर से एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसके साथ विद्युत नियामक आयोग ने भी पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए सभी विद्युत वितरण कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट तलब की है। मामले की प्रारंभिक जांच में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पावर कारपोरेशन के मुख्यालय, शक्ति भवन के स्मार्ट मीटर कंट्रोल सिस्टम में त्रुटिपूर्ण कमांड देने से ऐसा हुआ है। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को जांच के लिए तीन दिन की मोहलत देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विदित हो कि ईईएसएल के यूपी स्टेट हेड व एलएंडटी के यूपी में प्रोजेक्ट मैनेजर को बुधवार देर रात ही निलंबित कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जीनस कंपनी के 10 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर हैं। इनमें से 90 फीसद से अधिक बुधवार को बंद हो गए थे। वहीं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि उन्होंने भी एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है जिसमें आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर को रखा गया है।

सरकार की छवि को पहुंचा गहरा आघात : श्रीकांत

ऊर्जा मंत्री का कहना है जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर में गलत कमांड देकर बड़ी संख्या में डिस्कनेक्शन की लापरवाहीपूर्ण घटना अत्यंत गंभीर व अक्षम्य है। इससे जनता के बीच सरकार की छवि को भी गहरा आघात पहुंचा है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर उन्हेंं पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देने के साथ ही प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच यूपी एसटीएफ से कराने की सिफारिश की।

राजाजीपुरम, आलमबाग में अभियंता नहीं उठाते फोन

राजधानी के कई क्षेत्रों में बिजली कट का भारी प्रकोप है। मनमानी तरीके से कटौती की जा रही है। राजाजीपुरम, आलमबाग, दुबग्गा में बीते पंद्रह दिन से रोजाना दो से तीन घंटे का कट लगाया जा रहा है। मैसेज से कई बार सूचना भी नहीं देते। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अभियंता फोन ही नहीं उठाते, जबकि सीएम योगी ने स्पष्टï आदेश दे रखे कि अधिकारी फोन पर एक्टिव रहे पर वे तो सरकार की ही नहीं मानते। राजाजीपुरम के उपखंड अधिकारी देवेंद्र बहादुर ने बताया कि बिजली गुल होने पर हजारो फोन आते, किस-किस का उठाऊं, सबकी समस्या का तो हल नहीं कर सकते। वहीं अधिशासी अभियंता माहिर सिद्दीकी फोन ही नहीं उठाते और न ही मैसेज का जवाब देते। क्षेत्र के लोगों ने उन्हें हटाने की मांग की है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि उनको कभी भी समस्या के लिए फोन मिलाओ, उठाते ही नहीं, काट देते है और न ही मैसेज का जवाब देते है। कुछ लोगों ने इस संबंध में लेसा के उच्चाधिकारी मधुकर वर्मा को शिकायती पत्र भेजा है।

आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाएगा नौसेना और यूपीडा के बीच करार

जरूरत के मुताबिक रक्षा उपकरणों का होगा उत्पादन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू रक्षा उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय नौसेना और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच महत्वपूर्ण करार हुआ है। उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (यूपीडा) और नौसेना की नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गनाइजेशन के बीच अनुबंध प्रदेश में बन रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सहायक बनेगा।
नौसेना के तकनीकी मार्गदर्शन से यहां स्थापित लगने वाली रक्षा क्षेत्र की इकाइयां जरूरत के अनुसार उत्पादन कर सकेंगी। इससे भारतीय नौसेना में इनोवेशन के साथ ही स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। डिफेंस कॉरिडोर में नौसेना की इकाई भी स्थापित होने की संभावना है। हाल ही में राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र के 101 उत्पादों को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में ही निर्मित कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री आवास पर यूपीडा और नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गनाइजेशन के बीच अनुबंध हुआ, जिस पर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ऑनलाइन शामिल हुए। बता दे कि मोदी ने आत्मनिर्भर भारत विजन में नवाचार और स्वदेशीकरण की तरफ लगातार हम सबका ध्यान आकर्षित किया है।

कॉरिडोर बदलेगा कई जिलों की तकदीर

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, चित्रकूट और अलीगढ़ में की जा रही है। कॉरिडोर छह जिलों के 5072 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है। कॉरीडोर का सबसे अधिक लाभ बुंदेलखंड को होगा। झांसी में 3025 हेक्टेयर, कानपुर में 1000 हेक्टेयर, चित्रकूट में 500 हेक्टेयर और आगरा में 300 हेक्टेयर भूमि पर कॉरिडोर के नोड बनाए जा रहे हैं। कॉरिडोर का विशेष हिस्सा लखनऊ और अलीगढ़ में होगा।

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