नाम बदलकर और असली पहचान छुपाकर रचाया ब्याह

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कथित लव जिहाद का एक और मामला प्रकाश में आया है। घटना की शिकायत आगर मालवा जिले के सुसनेर थाने में दर्ज की गई है। आरोप है कि करीब तीन साल पहले इरफान नाम के एक लडक़े ने रोहन नाम रख कर शुजालपुर निवासी एक हिंदू लडक़ी को झूठे प्यार में फंसाकर शादी कर ली। इसके बाद इसी साल फरवरी में फिर से उसके साथ जबरन निकाह किया और निकाह के बाद लडक़ी का नाम आलिया रख दिया।
लडक़ी ने इरफान समेत उसके परिजनों पर मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने के लिए मारपीट का आरोप लगाया है। हिंदू संगठनों के लोगों के साथ पहुंचकर महिला ने सुसनेर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी दर्ज कराने सुसनेर थाने पहुंची 24 वर्षीय युवती ने बताया कि वह मूल रूप से शुजालपुर की रहने वाली है। कॉलेज की पढ़ाई के समय इरफान ने अपना नाम रोहन बताकर निकटता बनाई और घर से भागकर करीब 3 साल पहले शादी का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। इस दौरान उनके पास 2 लाख रुपये भी थे जो इरफान ने अपने पास रखे थे। इसके बाद दोनों साथ रहने लगे, जिसके कारण उनकी एक 2 साल की बेटी और 11 महीने का बेटा है।
इसी साल फरवरी में इमरान ने महिला को जबरन धर्म में बदलने के लिए निकाह पढ़वाया और उसका नाम भी बदलकर आलिया बी रख लिया। मार्च से दोनों सुसनेर इरफान के परिवार के साथ रहने लगे। इसके बाद से ही उस पर जबरन अपना धर्म और रीति-रिवाज अपनाने का दबाव इरफान और उसके परिवार बनाने लगे। इरफान और उसके परिजनों द्वारा उसकी की जमकर पिटाई की जा रही थी। लडक़ी ने बताया कि उसे खींचकर इरफान ने उसे इतना मारा कि उसकी पीठ की हड्डी टूट गई जिसके कारण वह सीधा खड़ी भी नहीं हो पा रही है।
इरफान उसे किसी से मिलने नहीं दे रहा था। 19 अगस्त को मौका मिलने के बाद लडक़ी अपने माता-पिता के पास पहुंची और अपनी व्यथा सुनाई। इसके बाद उसके माता-पिता उसे सुसनेर ले गए। हिंदूवादी संगठनों के लोगों के साथ लडक़ी और परिजनों ने सुसनेर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सुसनेर थाना प्रभारी राजीव उइके ने आईपीसी की धारा 323, एससी/एसटी 3 (2) (वाष्र्णेय), मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 5 और मारपीट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में 27 मार्च 2021 से मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू हो गया है। मध्य प्रदेश के इस विधेयक के विभिन्न प्रावधानों के तहत धर्म (कथित लव जिहाद) को छिपाकर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से 10 साल तक की कैद और 50,000 रुपये का जुर्माना और सामूहिक धर्मांतरण (दो या दो से अधिक व्यक्तियों का) । कोशिश करने पर पांच से 10 साल की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए पीडि़ता या उसके माता-पिता या भाई-बहन या अभिभावक जो धर्मांतरण के लिए मजबूर हुए हैं, वे शिकायत कर सकते हैं।

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