सो गया निर्माण निगम, कमीशनबाजी के कारण चार साल में भी नहीं बना पाया लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान

  • रसूखदार ठेकेदार को बिना टेंडर दे दिया गया था लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान फेज-टू का काम
  • करोड़ों खर्च करने के बाद भी जमीन पर नहीं दिखा काम, अब तक 151 करोड़ हो चुके हैं खर्च
  • खुलासे के बाद निकाला गया टेंडर, ठेकेदार को इतना किया गया परेशान कि उसने छोड़ दिया काम
  • अब प्रोजेक्ट मैनेजर अतुल सिन्हा के चहेते बिल्डर को दी गई है जिम्मेदारी, 40 करोड़ और मांगे
मनीष पांडेय
लखनऊ। भ्रष्टïाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति की पोल एक बार फिर खुल गई है। इस बार गोमती नगर विस्तार के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान फेज-टू के निर्माण में हुए गोलमाल का खुलासा हुआ है। इस प्रोजेक्ट को बिना टेंडर पहले एक रसूखदार ठेकेदार को दिया गया था लेकिन करोड़ों खर्च होने के बाद भी जमीन पर कोई ठोस काम नहीं दिखा। मामला खुलने के बाद टेंडर निकाला गया लेकिन जिस ठेकेदार को ये काम मिला उसे भी निर्माण निगम के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर और जीएम ने इतना परेशान कर दिया कि वह काम छोड़कर भाग गया। अब इसके निर्माण की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट मैनेजर अतुल सिन्हा के चहेते बिल्डर को सौंपी गई है। जाहिर है सरकार की एक और कल्याणकारी योजना धराशायी होती नजर आ रही है। वहीं ये गोलमाल सरकार की पारदर्शिता के दावे पर भी सवाल उठा रही है। गोमती नगर विस्तार में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान फेज 2 के निर्माण की घोषणा 2016 में की गई थी। हालांकि इसका काम 2018 में शुरू हो सका। इस प्रोजेक्ट की पूरी कास्ट लगभग एक हजार करोड़ स्वीकृत की गई थी लेकिन अब तक उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 1000 करोड़ के प्रोजेक्ट के सापेक्ष लगभग 200 करोड़ जारी किए हैं। चार सालों में इस प्रोजेक्ट में जारी धनराशि की जमकर बंदरबांट हुई। दरअसल, इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के नोडल एजेंसी राजकीय निर्माण को दी गई थी। बताया जाता है कि पैसा स्वीकृत होने के बाद एक रसूखदार ठेकेदार को बिना टेंडर के डीसीयू पैटर्न पर इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंप दी गई। लिहाजा तत्कालीन यूपीआरएनएन एमडी राजन मित्तल की भी हिम्मत नहीं होती थी कि वे ठेकेदार को काम करने के लिए कुछ कह सकें। लिहाजा 6-7 महीने तक कोई काम नहीं हुआ। ठेकेदार ने इस प्रोजेक्ट के लिए करोड़ों रुपए अपने हिसाब से खर्च किए लेकिन कोई ठोस काम नहीं हुआ। राजन मित्तल के रिटायर होने के बाद उनकी जगह उत्तम चंद गहलोत को यूपी आरएनएन का एमडी बनाया गया। गहलोत को पता चला कि राजधानी का इतना बड़ा प्रोजेक्ट भ्रष्टïाचार की भेंट चढ़ गया है तो उन्होंने लोहिया संस्थान में काम को रोक दिया और तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर को पूरे काम का टेंडर करवाने के लिए कहा लेकिन जिस ठेकेदार को ये काम मिला उसे भी निर्माण निगम के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर और जीएम ने इतना परेशान कर दिया कि वो काम छोड़कर भाग गया। इसके बाद नोएडा के एक बिल्डर को इस काम का टेंडर मिला है। बताया जाता है कि मौजूदा प्रोजेक्ट मैनेजर अतुल सिन्हा का ये बिल्डर काफी करीबी है। अब तक 151 करोड़ खर्च हो चुके है और जुलाई 2021 तक प्रोजेक्ट खत्म करना है। यही नहीं सरकार को 40 करोड़ की और डिमांड भेजी गई है।
जल्द पूरा होता नहीं दिख रहा काम
काम की गति देखकर लगता है कि जिस गति से यहां काम चल रहा है उससे यह जल्द पूरा नहीं होने वाला है। हालांकि अगर ये अस्पताल शुरू हो गया होता तो रोज प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लखनऊ आने वाले सैकड़ों मरीजों के लिए वरदान साबित होता ।
सीएम के निर्देश ताक पर फोन तक नहीं उठाते एमडी
सीएम योगी का निर्देश है कि हर अधिकारी फोन उठायेगा और जवाब देगा पर लगता है यह निर्देश निर्माण निगम पर लागू नहीं होता। इस खबर के संबंध में कई बार निर्माण निगम के एमडी सत्यप्रकाश को फोन किया गया। फोन नहीं उठा तो उनको मैसेज किया गया पर उन्होंने कोई जवाब देना सही नहीं समझा।
शासन से ही प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पैसा रुक-रुक भेजा गया जिसकी वजह से प्रोजेक्ट अभी पूरा नहीं हुआ है। जुलाई तक की समय सीमा है हमारे पास तब तक हम इसे पूरा कर लेंगे । शासन से 40 करोड़ की डिमांड की गई है जिसके जल्द मिलने की उम्मीद है।
अतुल सिन्हा, प्रोजेक्ट मैनेजर

आजादी का अमृत महोत्सव शुरू
  • आजादी के 75वें साल के जश्न की प्रधानमंत्री ने की शुरुआत
  • वैक्सीन में भारत की आत्मनिर्भरता का सभी को मिल रहा लाभ
4पीएम न्यूज नेटवर्क. अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के अहमदाबाद में आजादी के 75वें साल के जश्न की शुरुआत की। जश्न के इस कार्यक्रम का नाम रखा गया है आजादी का अमृत महोत्सव। इस मौके पर पीएम ने दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी भारत की उपलब्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं। पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है। आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है। यह महोत्सव 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।

सरकारी कर्मी नहीं बन सकता चुनाव आयुक्त: सुप्रीम कोर्ट

  • गोवा सरकार के सचिव को राज्य चुनाव आयुक्त का प्रभार देने पर उठाया सवाल
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने राज्य सरकारों को दिए अपने आदेश में कहा है कि राज्य चुनाव आयुक्तों का स्वतंत्र शख्स होना अनिवार्य है। राज्य में ऐसे किसी शख्स को नियुक्त नहीं किया जा सकता जो सत्तारूढ़ सरकार के अंतर्गत किसी पद पर कार्यरत हो। राज्य सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्तिको चुनाव आयुक्त नियुक्त करना भारत के संविधान के खिलाफ है। कोर्ट ने गोवा सरकार के सचिव को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार देने के मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा जो व्यक्ति सरकार में कोई पद संभाल रहा हो उसे राज्य के चुनाव आयुक्त का पद कैसे दिया जा सकता है।

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