जल्द ही शुरू होंगी 75 नई वंदे भारत ट्रेनें: पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का न केवल कायाकल्प हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ कमलापति जी का नाम जुडऩे से इसका महत्व भी बढ़ गया है. आज गोंडवाना के गौरव में भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने हालात बदलने की उम्मीद तक छोड़ दी है। लेकिन जब देश अपने संकल्पों की पूर्ति के लिए ईमानदारी से जुटता है, तब सुधार आता है, परिवर्तन होते हैं, यह हम पिछले वर्षों से लगातार देख रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि स्टेशन पर भीड़, मेस, ट्रेन के इंतजार में घंटों की टेंशन, स्टेशन पर बैठने-खाने की परेशानी, ट्रेन के अंदर की गंदगी, सुरक्षा की चिंता, दुर्घटना की आशंका, ये सब एक साथ मन मे क। चलता रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप देखना चाहते हैं कि भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, तो आज भारतीय रेलवे भी इसका एक अच्छा उदाहरण बन रहा है। 6-7 साल पहले तक जिसे भी भारतीय रेलवे से प्यार हो जाता था, वह भारतीय रेलवे को कोसते हुए ज्यादा देखा जाता था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश का पहला आईएसओ प्रमाणित, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश को समर्पित किया गया है. जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिलती थीं, वे आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं. किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। हाल ही में शुरू हुआ पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान इस संकल्प को पूरा करने में देश की मदद करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब रेलवे के बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को भी ड्रॉइंग बोर्ड से धरातल पर उतरने में सालों-साल लग जाते थे। लेकिन आज भारतीय रेलवे में नई परियोजनाओं की योजना बनाने में जितनी अधीरता है, उतनी ही गंभीरता उन्हें समय पर पूरा करने की है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भले ही रेलवे का इस्तेमाल पर्यटन के लिए किया जाता था, लेकिन यह एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित था। पहली बार आम आदमी को उचित मात्रा में पर्यटन और तीर्थ यात्रा का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है। भारतीय रेल न केवल दूरियों को जोडऩे का माध्यम है, बल्कि देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थयात्रा को जोडऩे का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बनता जा रहा है। आजादी के इतने दशकों के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर भारतीय रेलवे की इस क्षमता का पता लगाया जा रहा है।

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