आतंकी सुल्तान सलाउद्दीन अयूबी को जैश की फंडिंग, ऐसे रची जा रही थी बड़ी साजिश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी संघटन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक मामले में देशभर के 5 राज्यों में छापेमारी की और असम के गोलपारा के रहने वाले शेख सुल्तान सलाहुद्दीन अयूबी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोप है की अयूबी पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा एक प्रमुख संदिग्ध है और वो देशभर में हिंसक प्रचार कर युवाओं को ऑनलाइन रेडकलाइज (कट्टरपंथ) कर रहा है.
छापेमारी के दौरान, एनआईए ने उसके पास से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट सहित आपत्तिजनक मटेरियल जब्त किए. सूत्रों से पता चलता है कि अयूबी जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश कई बार गया. अब उसके ट्रेवल हिस्ट्री की भी जांच कर रही है.
केंद्रीय जांच एजेंसी अयूबी के फाइनांशियल ट्रेल की भी जांच चल रही है. उसको जांच के दौरान कुछ ऐसा पता चला है जो दावा करते हैं कि उसने पिछले कुछ सालों में अलग-अलग समय पर कस्टमर सर्विस पॉइंट (सीएसपी) के माध्यम से अयूबी को कथित तौर पर 14 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं. सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि अयूबी कथित तौर पर पाकिस्तान में स्थित लोगों से लगातार संपर्क बनाए हुए था.
अयूबी ने गोलपारा जिले के कृष्णई के तुकुरा में पीस शॉप के साथ एक सीएसपी केंद्र संचालित किया. एक अधिकृत सेवा केंद्र को एक भागीदार बैंक की ओर से बैंकिंग लेनदेन और सेवाओं की सुविधा के लिए डिजाइन किया गया था. हालांकि, यह केंद्र कथित तौर पर आतंकी फंडिंग से जुड़े बैंकिंग लेनदेन के लिए एक माध्यम के रूप में काम करता था, जिसमें कई जैश समर्थक शामिल थे.
जांच से पता चला कि अयूबी का सीएसपी केंद्र सामान्य सीएसपी से अलग तरीके से काम करता था. दूसरों के विपरीत, उसका केंद्र स्थानीय निवासियों के लिए खाते नहीं खोलता था, इसके बजाय ये क्षेत्र के बाहर के व्यक्तियों के नाम पर रखे गए खातों में धन भेजता था. सूत्रों के अनुसार, जैस-ए-मोहम्मद ने कई लोगों के नाम पर खोले गए खातों में पैसे भेजे थे और अयूब ने बैंक खाते में भेजे गए पैसे को एक छोटे से कमीशन के बदले में खाताधारक से वापस ले लिया था.

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