यूपी उपचुनाव: सियासी दल चुनावी प्रचार को तैयार
इंडिया गठबंधन नौ सीटों पर लगाएगा पूरा दम, राहुल-प्रियंका के साथ केजरीवाल भी करेंगे दौरा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सियासी पार्टियों ने प्रचार के लिए कमर कस ली है। इंडिया गठबंधन अगले सप्ताह चुनाव प्रचार को धार देगा। वहीं भाजपा ने भी चुनावी अभियान में प्रचार की कमान सीएम योगी ने संभाल लिया हे वह जल्द ही चुनावों वालें सीटों पर रैलियां शुरू करेंगे। वहीं इंडिया गठबंधन ने प्रदेश में दो से तीन संयुक्त रैली कराने की तैयारी है।
यूपी के विपक्षी दल इसके जरिए उपचुनाव में एकजुटता का संदेश देने की रणनीति बनाई गई है। प्रदेश की नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने पांच सीटें मांगी थी, लेकिन सपा ने सिर्फ दो सीटें देने की घोषणा की। अंतिम समय तक सीटें नहीं तय हो पाने की वजह से कांग्रेस ने चुनाव मैदान से किनारा कर दिया। ऐसे में सपा ने सभी नौ सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। पिछले सप्ताह गाजियाबाद में अखिलेश यादव ने जनसभा की, जिसमें कांग्रेस के कई नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर प्रभारी और पर्यवेक्षक उतार दिए हैं। इस बीच कांग्रेस के ज्यादातर नेता वायनाड में हो रहे उपचुनाव में चले गए हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन ने रणनीति तैयार की है कि अगले सप्ताह के बाद प्रदेश में दो से तीन संयुक्त रैली की जाएगी। इसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अथवा राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित अन्य समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को बुलाया जाएगा। इस संयुक्त रैली के जरिए विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने की तैयारी है।
जल्द तैयार होंगे बड़े नेताओं के कार्यक्रम : अजय राय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि गाजियाबाद से लेकर मझवां तक कांग्रेस के नेता बूथ स्तर पर डटे हुए हैं। वरिष्ठ नेता अभी वायनाड सहित अन्य राज्यों में भी गए हुए हैं। उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम तय होते ही वे यहां जनसभाएं करेंगे। हालांकि अभी अधिकृत तौर पर किसी का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।
सपा और कांग्रेस के नेता संयुक्त रूप से हिस्सा ले रहे : चौधरी
सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर जनसभाएं हो रही हैं। सपा और कांग्रेस के नेता संयुक्त रूप से हिस्सा ले रहे हैं। कोशिश है कि दो से तीन बड़े आयोजन किए जाएं, जिसमें कांग्रेस सहित अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया जाएगा।