केन्या से आई मृत जिराफ की इन तस्वीरों ने पूरे विश्व को झकझोर दिया!
4 पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ | केन्या के वजीर के साबुली वाइल्डलाइफ कंजर्वेंसी (Sabuli Wildlife Conservancy) से सामने आई कुछ तस्वीरों ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है. क्योंकि केन्या इस समय गंभीर सूखे की स्थिति से गुजर रहा है. ऐसे में भूख-प्यास से मृत पड़े कुछ जिराफों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं. जिसमें देखा जा सकता है कि केन्या के उत्तर-पूर्वी शहर वजीर में साबुली वन्यजीव अभ्यारण्य के अंदर छह जिराफ मृत पड़े हुए हैं.
बताया जा रहा है कि जिराफ पास के लगभग सूखे जलाशय से पानी पीने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान वो कीचड़ में फंस गए जिससे उनकी मौत हो गई. ये तस्वीर भोजन और पानी की कमी से कमजोर हुए जिराफों के मरने के बाद ली गई हैं. बाद में उनके शवों को एक अलग स्थान पर ले जाया गया, जिससे जलाशय के पानी को दूषित होने से बचाया जा सके. वहीं, एक अन्य तस्वीर में आइरिब गांव के सहायक प्रमुख अब्दी करीम को छह जिराफों के शवों को देखते हुए दिखाया गया है. ये इलाका साबुली वन्यजीव संरक्षण में आइरिब गांव के बाहरी इलाके में स्थित हैं. ये तस्वीर 10 दिसंबर को ली गई थी.
कम बारिश बनी गंभीर सूखे का कारण
मीडिया एजेंसी अलजजीरा की माने तो सितंबर से केन्या के उत्तरी हिस्से में सामान्य से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है और इसी कारण से ये इलाका गंभीर सूखे की मार झेल रहा है. ऐसे में बारिश की कमी का इलाके के वन्यजीव पर बेहद बुरा असर पड़ा है और इलाके में जंगली जानवरों के खाने-पीने की कमी भी हो गई है. इसके अलावा पशु पालने वाले किसानों की आजीविका पर भी इस सूखे का बेहद प्रतिकूल असर हुआ है.
करीब 4,000 जिराफों के मारे जाने का खतरा
केन्या की समाचार वेबसाइट ‘द स्टार’ को बोर-अल्गी जिराफ अभयारण्य के इब्राहिम अली ने बताया कि इस सूखे का खतरा सबसे ज्यादा जंगली जानवरों को है. उन्होंने कहा कि पालतू जानवरों की देखभाल जा रही थी, लेकिन वन्यजीवों की नहीं, और अब इसलिए वो पीड़ित हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नदी के किनारे खेती की जा रही है जिसने जिराफों को पानी तक पहुंचने से रोक दिया है. इससे स्थिति और खराब हो गई है. ‘द स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे से 4,000 जिराफों के मारे जाने का खतरा है. केन्या में सूखे का असर केवल जानवरों पर ही नहीं बल्कि वहां के लोगों पर भी हो रहा है.
सूखे को घोषित किया गया राष्ट्रीय आपदा
देश के सूखा प्रबंधन प्राधिकरण ने सितंबर में चेतावनी दी थी कि देश में गंभीर सूखे के कारण लगभग 21 लाख केन्याई भुखमरी का सामना कर रहे हैं. राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा ने सितंबर में ही सूखे को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया था. बीते मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 29 लाख लोगों को अभी भी मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है. केन्या के कुछ इलाकों में हाल के दशकों में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है. इस बीच, केन्या के राष्ट्रीय सूखा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले हफ्ते सूखे से प्रभावित 25 लाख लोगों के लिए एक आपातकालीन राहत कैश ट्रांसफर प्रोग्राम की घोषणा की है.
कई लोगों ने तस्वीर शेयर कर बताया जलवायु परिवर्तन का नतीजा
जाने-माने अभिनेता रणदीप हुड्डा के अलावा आईएफएस अफसर सुधा रमेन व परवीन कासवान ने भी इस दुखद तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया। उन्होंने कैप्शन में इस आपदा को जलवायु परिवर्तन (climate change) का नतीजा बताया है।
Natural disasters effect wildlife also. Both due to climate change or otherwise. But their plight rarely figure in our discourses. Here plié of dead giraffes in a drought in Kenya’s Sabuli Sancturay. Pc Ed Ram. pic.twitter.com/pNHQfHLp8J
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) December 14, 2021