शशि थरूर ने LOC बयान पर पार्टी नेताओं को दिया करारा जवाब

थरूर ने कहा था कि कारगिल युद्ध के दौरान भी भारत ने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी, हालांकि, उरी सर्जिकल स्ट्राइक में उसने ऐसा किया था.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस नेता डॉ. शशि थरूर एक बार सुर्खियों में हैं। हाल ही में नियंत्रण रेखा (LOC) को लेकर दिए गए बयान पर जहां विपक्ष ने उन्हें निशाना बनाया, वहीं अब उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं ने भी आलोचना शुरू कर दी थी। मगर थरूर ने इन आलोचनाओं का स्पष्ट और करारा जवाब दिया है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर इस समय सर्वदलीय डेलिगेशन का अमेरिका में नेतृत्व कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने एक बयान दिया जिसको लेकर उनकी ही पार्टी के नेताओं ने उन्हें टारगेट करना शुरू कर दिया. हालांकि, अब थरूर ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को करारा जवाब दिया है. थरूर के पनामा में दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस को दिक्कत हो गई थी. थरूर ने कहा था कि कारगिल युद्ध के दौरान भी भारत ने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी, हालांकि, उरी सर्जिकल स्ट्राइक में उसने ऐसा किया था. थरूर के इसी बयान को लेकर कांग्रेस ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया था. इसी के बाद अब थरूर ने इस पर जवाब दिया है.

थरूर ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, उन कट्टरपंथियों के लिए जो नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता से नाराज हैं, उनसे कहना चाहता हूं कि मैं साफ तौर पर सिर्फ आतंकवादी हमलों का जवाब देने के बारे में बात कर रहा था, पिछले युद्धों के बारे में नहीं.

शशि थरूर ने आगे कहा, मेरा बयान हाल के वर्षों में हुए कई हमलों को लेकर था, जिसके दौरान पिछली भारतीय प्रतिक्रियाएं एलओसी और आईबी पर नियंत्रित और बाधित दोनों थीं, लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल्स का मेरे विचारों और शब्दों को अपनी इच्छानुसार तोड़-मरोड़ कर पेश करने का स्वागत है.

थरूर ने क्या बयान दिया था
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पनामा सिटी में बयान दिया था कि हाल के वर्षों में जो बदल गया है वह यह है कि आतंकवादियों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने आगे कहा था, साल 2015 में पहली बार भारत ने एलओसी का उल्लंघन किया था और उरी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. यह कुछ ऐसा था जो हमने पहले नहीं किया था.

उन्होंने आगे कहा, कारगिल युद्ध के दौरान भी, हमने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी, उरी में, हमने ऐसा किया और इसके बाद जनवरी 2019 में पुलवामा में जब हमला हुआ तो हम ने इस बार न सिर्फ नियंत्रण रेखा पार की, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी पार की और हमने बालाकोट में आतंकवादी मुख्यालयों पर हमला किया.

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