सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर की सजा रद्द करने से किया इनकार, कहा- शराब पीने के बाद आदमी बन जाता है जानवर

अदालत ने कहा – जिस तरह की चीजें इसने अपनी बच्ची के साथ की है, इन्हें कोई भी राहत नहीं दी जा सकती. बच्ची ने याचिकाकर्ता के खिलाफ शिकायत की है. ये घिनौना आदमी है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी सजा रद्द करने की मांग की थी। डॉक्टर को अपनी 7 साल की बेटी के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी ठहराया गया है और वह सजा काट रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आदमी शराब पीने के बाद जानवर हो जाता है. अदालत ने ये टिप्पणी एक कार्डियोलॉजिस्ट की सजा को रद्द करने की मांग से जुड़ी याचिका के संबंध में की. अदालत ने डॉक्टर को तनिक भी राहत नहीं दी. डॉक्टर अपनी 7 बरस की बेटी के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में सजा काट रहा है. सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टर की याचिका को खारिज करने वाले जजों में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ शामिल थी. अदालत ने पाया कि ट्रायल कोर्ट की तरफ से डॉक्टर को दी गई सजा सही है और उसे किसी भी तरह का राहत नहीं दिया जा सकता.

अदालत की टिप्पणी क्या रही
अदालत ने कहा – जिस तरह की चीजें इसने अपनी बच्ची के साथ की है, इन्हें कोई भी राहत नहीं दी जा सकती. बच्ची ने याचिकाकर्ता के खिलाफ शिकायत की है. ये घिनौना आदमी है. इसको मिले किसी भी तरह के सजा को निलंबित नहीं किया जा सकता. आप अपनी बच्ची के साथ ये नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि बच्ची अपने पिता के खिलाफ क्यों बयान देगी. वह छोटी बच्ची है जिसने पूछताछ में काफी साफगोई से अपनी बातों को रखा है. आदमी शराब पीने के बाद जानवर हो जाता है. हमें ये नहीं कहना चाहिए पर ऐसा ही है. अगर हम इस शख्स को जमानत नहीं दे रहे हैं तो इसके पीछे वजहें हैं.

डॉक्टर के वकील की ये दलील
डॉक्टर ने यौन उत्पीड़न शराब के असर में किया. डॉक्टर की तरफ से पेश हो रहे वकील की दलील थी कि बच्ची से गवाही सीखा पढ़ा कर दर्ज की गई है. वहीं, वकील की ये भी अर्जी थी कि चूंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब तक 12 लाख मामले लंबित हैं. डॉक्टर की अर्जी जल्द नहीं सुनी जा सकेगी.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सजा रद्द करने का आधार नहीं हो सकता. इस मामले में बच्ची की मां ने अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था. बच्ची के मां ने कहा कि वो वाराणसी में रहती है, जबकि जिस पति से उसने अपना संबंध तोड़ दिया है, वो हल्द्वानी में रहता है. वहीं, वो एक नर्सिंग होम चलाता है. 23 मार्च 2018 की ये घटना है जब लड़की का पिता उसे लेकर अपने साथ हल्द्वानी गया और फिर 30 मार्च को अपनी पत्नी को कॉल कर कहा कि इसे ले जाए. बाद में, बच्ची ने अपनी मां को बताया कि उसके पिता अच्छे व्यक्ति नहीं हैं और उन्होंने उसको गलत तरीके से छुआ.

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