अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती समारोह में एक मंच पर नजर आएगें राहुल गांधी और शरद पवार

महादेव जानकर ने कहा कि उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को भी निमंत्रण दिया है, लेकिन उन्होंने अभी तक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक और पूर्व बीजेपी सहयोगी महादेव जानकर द्वारा आयोजित अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती समारोह में विपक्ष के तीन प्रमुख नेता कांग्रेस के राहुल गांधी, एनसीपी (एसपी) के शरद पवार और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव — एक साथ मंच साझा कर सकते हैं।

यह कार्यक्रम शनिवार को आयोजित किया गया है, जिसमें विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के ये वरिष्ठ नेता भाग ले सकते हैं। इस आयोजन
को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह भाजपा के पूर्व सहयोगी जानकर की विपक्ष से नजदीकी का संकेत देता है। महादेव जानकर, जो 2016 से 2019 के बीच भाजपा नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं, को 2024 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने दरकिनार कर दिया था। इसके बाद जानकर ने भाजपा से दूरी बनाते हुए विपक्षी मोर्चे की ओर रुख किया है। जानकारों के अनुसार, इस कार्यक्रम के माध्यम से महादेव जानकर राजनीतिक पुनर्स्थापन की कोशिश कर रहे हैं और विपक्षी एकता को भी एक नई दिशा मिलने की संभावना है।

अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन
उन्होंने होल्कर वंश की रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया है, जिसकी जड़ें धनगर समुदाय में हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, शरद पवार और अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय राजधानी में होलकर रानी की जयंती मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने के उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. महादेव जानकर ने कहा कि उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को भी निमंत्रण दिया है, लेकिन उन्होंने अभी तक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है.

महाराष्ट्र के कई जिलों में धनगर समुदाय की मौजूदगी
महाराष्ट्र के सोलापुर, सांगली, बारामती, परभणी, सतारा लोकसभा सीटों पर धनगर समुदाय की अच्छी खासी मौजूदगी है और यह 25-30 से अधिक विधानसभा सीटों के नतीजों को प्रभावित कर सकता है. जानकर ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बारामती से राकांपा नेता सुप्रिया सुले के खिलाफ राजग उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और लगभग 70,000 मतों के अंतर से हार गए थे. महादेव जानकर को दिवंगत गोपीनाथ मुंडे और बाद में उनकी बेटी पंकजा मुंडे का करीबी माना जाता था. हालांकि, भाजपा के साथ उनके संबंध खराब हो गए, क्योंकि पार्टी ने धनगर नेता गोपीनाथ पडलकर को बढ़ावा दिया, जो 2024 के विधानसभा चुनावों में विधायक चुने गए.

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