Chandrashekhar ने तोड़ी चुप्पी, Rohini ने और गंभीर आरोप लगा दिया!

रोहिणी घावरी के तमाम आरोपों पर आखिरकार चंद्रशेखर आजाद की चुप्पी टूट ही गई... चंद्रशेखर ने जैसे ही ये कहा कि वो अब इस मामले पर कोर्ट में ही जवाब देंगे... 

4पीएम न्यूज नेटवर्कः आखिरकार रोहिणी घावरी के तमाम आरोपों पर सांसद चंद्रशेखर की चुप्पी टूट ही गई…. और चंद्रशेखर ने जैसे ही ये कहा कि हम सभी आरोपों का जवाब अब कोर्ट में देंगे…. जैसे ही उन्होंने यह बात कही…. उसके बाद चंद्रशेकर का यह बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा….. जिसके बाद रोहिणी घावरी ने भी चंद्रशेखर आजाद के पहले रिएक्शन पर ही उनको घेर लिया…… आपको बता दें कि हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के नगीना से लोकसभा सांसद…… और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ के खिलाफ स्विट्जरलैंड में पीएचडी स्कॉलर रोहिणी घावरी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने भारतीय राजनीति…… और सोशल मीडिया में तहलका मचा दिया है…… रोहिणी घावरी ने चंद्रशेखर पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के साथ-साथ कई अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं……. जिसके बाद यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया…… लंबे समय तक चंद्रशेखर की चुप्पी के बाद……. उन्होंने आखिरकार इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी…… और कहा कि वे सभी आरोपों का जवाब कोर्ट में देंगे…… इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी तेजी से वायरल हो गई……

आपको बता दें कि रोहिणी घावरी इंदौर की रहने वाली हैं…… और वर्तमान में स्विट्जरलैंड में पीएचडी कर रही हैं…… उन्होंने जून 2025 की शुरुआत में चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाए……. और उन्होंने दावा किया कि चंद्रशेखर ने उनकी और अन्य कई लड़कियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया…… और उनका शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया…… रोहिणी ने यह भी कहा कि चंद्रशेखर ने अपनी शादी की बात छिपाकर उनके साथ धोखा किया……. और आंदोलन के नाम पर मिलने वाले करोड़ों रुपये के फंड का दुरुपयोग किया…… वही इस मामले में चंद्रशेखर की पत्नी भी उनकी सहायता करती रही हैं……

रोहिणी ने सोशल मीडिया पर अपने बयानों के जरिए इस मामले को सार्वजनिक किया…… और उन्होंने दावा किया कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं…… और वे जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगी……. एक सोशल मीडिया पोस्ट में रोहिणी ने यह भी कहा कि उनकी जान को खतरा है…… और जरूरत पड़ने पर वे भारत आकर कानूनी लड़ाई लड़ेंगी…… उनके वकीलों ने कथित तौर पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है……. आखिरकार 14 जून 2025 को चंद्रशेखर ने अपनी चुप्पी तोड़ी…… और एक बयान जारी किया…… और उन्होंने कहा कि यह महिला के सम्मान से जुड़ा विषय है…… मैं महिला सम्मान के प्रति सजग हूं……. वो कोर्ट जा रही हैं, तो मैं भी अपना जवाब कोर्ट में दूंगा…..

वहीं चंद्रशेखर के बयान के तुरंत बाद रोहिणी घावरी ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी…… और उन्होंने चंद्रशेखर के बयान को लेकर घेरते हुए कहा कि एक बार तो बोल दो मैं झूठ बोल रही हूँ…… मैं जानती हूँ आपको घमंड है की जिसको 2020 के बाद से ही 40 से ज़्यादा मुकदमे होने के बाद भी सरकार ने जेल नहीं जाने दिया तो अब इस नए मामले में क्या जाओगे…… तुम्हारे लिए यह सब आम बात है…… जैसे तुम 2017 के उत्पीड़न के मामले में बच गए……. और नेता बने वैसे ही मूर्ख फिर बना लोगे समाज को….. लेकिन मैं फिर भी लड़ूँगी ताक़त….. और पैसों से बड़ी होती है इंसान की ईमानदारी याद रखना…… तुमने मेरे आत्मसम्मान को चोट पहुचाई है….. इसकी भरपाई माफ़ी से नहीं होगी….. आपकी बातों की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर शेयर नहीं कर सकती लेकिन कोर्ट में लोग ज़रूर सुनेगे….. सत्य की जीत होगी…..

आपको बता दें कि रोहिणी घावरी ने साफ कर दिया है कि वे इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगी…… और चंद्रशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी हैं……. उनके वकीलों ने कथित तौर पर इस मामले में सबूत इकट्ठा किए हैं……. जिन्हें वे कोर्ट में पेश करेंगी….. दूसरी ओर चंद्रशेखर ने भी कहा है कि वे कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे और सभी आरोपों का जवाब देंगे……

वहीं अब यह विवाद केवल व्यक्तिगत आरोपों तक सीमित नहीं है……. बल्कि इसके सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी गहरे हैं……. चंद्रशेखर आजाद एक प्रमुख दलित नेता हैं……. जिन्होंने भीम आर्मी के जरिए सामाजिक न्याय के लिए आंदोलन को मजबूती दी है…… उनकी लोकप्रियता, खासकर युवाओं और दलित समुदाय में….. लगातार बढ़ रही है….. ऐसे में उनके खिलाफ लगे ये आरोप उनकी छवि को प्रभावित कर सकते हैं…….

वहीं, रोहिणी घावरी के आरोपों ने महिला सम्मान और उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है……. कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है…… ताकि सच सामने आ सके……. यह मामला दलित समुदाय के भीतर भी बहस का विषय बन गया है…….. क्योंकि कुछ लोग इसे समुदाय को बदनाम करने की साजिश के रूप में देख रहे हैं……. जबकि अन्य लोग इसे महिलाओं के अधिकारों से जोड़कर देख रहे हैं…..

 

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