बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर बवाल, संसद से सड़क तक विपक्ष का विरोध
विपक्षी गठबंधन का कहना है कि SIR के माध्यम से मतदाता सूची से कुछ समुदायों को हटाने की साजिश की जा रही है। उनका आरोप है कि यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने वाला है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है।
विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और इसे सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाने की कोशिश बताया है। मानसून सत्र की शुरूआत के साथ ही यह मुद्दा संसद के भीतर भी गूंजने लगा है।
विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस मसले को लेकर सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ जमकर हंगामा किया। संसद के बाहर भी विपक्षी दलों में एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेता के गले में काला मफलर डालकर विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन में मौजूद गठबंधन के कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी करते रहे- “SIR वापस लो”, “लोकतंत्र की हत्या बंद करो”, आदि।
विपक्षी गठबंधन का कहना है कि SIR के माध्यम से मतदाता सूची से कुछ समुदायों को हटाने की साजिश की जा रही है। उनका आरोप है कि यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने वाला है। वहीं, चुनाव आयोग का कहना है कि SIR एक नियमित प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं होगा। फिलहाल, इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी राजनीतिक खींचतान जारी है।
एक दिन पहले मकर द्वार पर किया था प्रदर्शन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के सभी सांसदों के साथ संसद भवन के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया था. विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ कड़ा विरोध जताया और चुनाव आयोग के इस फैसले को लोकतंत्र के खिलाफ बताया. विपक्ष की मांग है कि इस फैसले पर संसद में विस्तार से चर्चा हो और इसकी न्यायिक जांच की जाए. चुनाव आयोग इस संशोधन मॉडल को पूरे देश में लागू करने की योजना बना रहा है.
विपक्ष पहलगाम मुद्दे पर भी चाहता है चर्चा
पहलगाम हमले के बाद से ही विपक्ष चाहता था कि पहलगाम हमले को लेकर एक संयुक्त सत्र बुलाया जाए और उस पर विस्तार से चर्चा हो. लेकिन अब जब मानसून सत्र प्रारंभ हो गया है तो विपक्ष ने फिर से यह मुद्दा उठाया और इस
पर चर्चा करने की मांग की. सरकार विपक्ष की यह मांग स्वीकार कर, इस मुद्दे पर 16 घंटे की चर्चा के लिए तैयार हो गया है. हालांकि यह चर्चा अगले सप्ताह होनी है क्योंकि इस सप्ताह पीएम मोदी विदेश दौरे पर रहेंगे.
दरअसल, बिहार में चुनाव आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण कर रही है. आयोग का कहना है कि इस एसआईआर से अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने में मदद मिलेगी. बिहार से शुरू पुनरीक्षण आयोग पूरे देश में लागू करने की योजना बना रहा है. आयोग का कहना है कि इससे मतदाता सूची शुद्ध होगी और निष्पक्ष चुनाव को भी बढ़ावा मिलेगा. परंतु विपक्षी पार्टियां आयोग के इस फैसले का जमकर विरोध कर रही हैं.



