जेल की सलाखों के पीछे जाएगा प्रज्वल रेवन्ना

- सनकी यौन उत्पीड़क, 2 हजार से ज्यादा अश्लील वीडियो मिले थे मोबाइल में
- यौन उत्पीडऩ मामले में दोषी करार
- पूर्व प्रधानमंत्री के पोते प्रज्वल रेवन्ना का पतन
- अब तो जेल की रोटी खानी ही पड़ेगी
- पहले यौन उत्पीडऩ करता था फिर उसके वीडियो बना कर रखता था
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। कभी जनता दल (सेक्युलर) का युवा चेहरा कहे जाने वाले प्रज्वल रेवन्ना के भग्य का फैसला हो गया। न कोई भाषण, न कोई माइक, जेड प्लस का सुरक्षा चक्र भी नहीं आखिरकार सच की हथकडिय़ाँ उसकी कलाइयों तक पहुंच गईं और एक बार फिर सिद्ध हो गया कि अपराधी चाहे जितना हाई प्रोफाइल हो कानून के हाथों से बच नहीं सकता।
अब हर दिन संघर्ष के
वंशवाद की राजनीति में बिना संघर्ष के नेता बने प्रवज्ल को अब हर दिन संघर्ष का पर्याय बनकर जेल में जीना होगा। देवेगौड़ा परिवार के लिए आज का दिन जीवन का सबसे काला और शर्मनाक अध्याय बन गया है। जिस वंश की नींव उन्होंने रखी थी आज उसका नाम यौन शोषण के आरोप में मीडिया की हेडलाइन बना हुआ है।
एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला
एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। सजा की सबसे खास बात यह रही कि प्रज्वल ने जो वीडियो पीडि़ताओं को डराने के लिए बना कर अपने पास रखे थे वही वीडियो उसका काल बने और सबूत के तौर पर उसे सजा दिलाने में सहायक साबित हुए।
वीडियो जो सबूत बने
प्रज्वल रेवन्ना का केस कोई छोटा मोटा केस नहीं था। पूर्व प्रधानमंत्री का पोता और पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा। लेकिन कहते हैं कि अपराधी जब अपराध करता है तो सबूत जरूर छोड़ता है। प्रवज्ल ने भी यही किया। उसने यौन शोषण करते समय पीडि़ताओं को डाराने के लिए उनके वीडियो अपने मोबाइल फोन में सेव करके रखे। प्रज्वल पर जब आरोप लगे और उसकी जांच शुरू हुई तो जांच करने वालों के पैरो तले जमीन खिसक गयी। अपराध इतने ज्यादा थे कि प्रज्वल के खिलाफ एसआईटी ने 1600 पन्नों की चार्जशीट अदालत में रखी। अदालत में 118 सबूत रखे गये और 26 गवाहों के बयान दर्ज किये गये। वीडियो क्लिप्स, सीसीटीवी फुटेज, मेडिकल रिपोर्ट, और ऊपर से खुद पीडि़ता के बयान सबने मिलकर सत्ता के इस मजबूत पिलर को गिरा दिया। यह मामला 28 अप्रैल 2024 की शिकायत से शुरू हुआ।
48 वर्षीय घरेलू मेड के साथ किया था बलात्कार
जिस मामले में प्रज्वल रेवन्ना को सजा दी गयी है वह हासन के गन्निकाडा गेस्ट हाउस में रेवन्ना परिवार की 48 वर्षीय महिला मेड के यौन शोषण से जुड़ा है। प्रज्वल ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया था। एसआईटी ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) (के) के तहत एक महिला पर प्रभुत्व रखने और उसके साथ बलात्कार करने के लिए और 376 (2) (एन) के तहत एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार करने के लिए, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ई और अन्य अपराधों के तहत आरोप पत्र दायर किया था। प्रज्वल रेवन्ना कई महिलाओं के यौन उत्पीडऩ को दर्शाने वाले 2000 से अधिक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया सहित ऑनलाइन प्रसारित होने के बाद दर्ज किए गए चार मामलों में मुख्य आरोपी हैं। प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ पहली शिकायत अप्रैल 2023 में दर्ज की गई थी। प्रज्वल पर अभी तीन और अलग—अलग मामलों में सजा मिलना बाकी है।
वोटर लिस्ट में मेरा नाम ही नहीं : तेजस्वी
- राजद नेता ने आयोग के डेटा पर उठाए सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में इन दिनों मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम तेजी से चल रहा है। चुनाव आयोग ने एसआईआर के तहत वोटर लिस्ट का पहला ड्राफ्ट कल (शुक्रवार को) जारी किया है. मतदाताओं को एक महीने का समय दिया गया है ताकि वो इस दौरान इस लिस्ट में अपने नाम को लेकर किसी तरह का दावा या सुधार कराने चाहें तो वो करा सकें।
एसआईआर के पहले ड्राफ्ट को लेकर अब बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने इसे लेकर कहा है कि चुनाव आयोग के इस पहले ड्राफ्ट में तो मेरा नाम भी नहीं है।
बिना नोटिस के 65 लाख लोगों के नाम काटे
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आयोग ने 65 लाख लोगों के नाम काटे हैं, तो क्या आयोग के द्वारा इन लोगों को नोटिस दिया गया है। चुनाव आयोग ने क्या इनको समय दिया है। इस ड्राफ्ट को देखने के बाद ये साफ दिख रहा है कि आयोग टारगेटेड काम कर रहा है। हम आयोग से ये जानना चाहते हैं कि वह पारदर्षिता क्यों नहीं रख पा रही है। मेरे साथ काम करने वाले कई मेरे स्टाफ का नाम भी इस लिस्ट में नहीं है ।
झूठ है सब : मालवीय
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि तेजस्वी यादव का यह दावा कि विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची से उनका नाम गायब है, झूठा है। उनका नाम क्रमांक 416 पर है। गलत सूचना को बढ़ावा देने से पहले कृपया तथ्यों की पुष्टि कर लें। मतदाताओं को गुमराह करने के जानबूझकर किए जा रहे प्रयासों का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों पर मचा घमासान
- केरल के सीएम ने भाजपा सरकार को घेरा
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने विवादास्पद ‘द केरल स्टोरीÓ को पुरस्कार देने पर की निंदा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोच्चि। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन व विप विपक्ष के नेता ने को सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित ‘द केरल स्टोरी’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार देने के फैसले की तीखी आलोचना की और निर्णायक मंडल पर भारतीय सिनेमा की गौरवशाली परंपरा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। विस में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने घृणा अभियान के तहत राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का इस्तेमाल कर रही है।
यह अस्वीकार्य है : सतीसन
अपने बयान में सतीसन ने कहा कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को केवल धार्मिक घृणा फैलाने के इरादे से पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने कहा, यह अस्वीकार्य है।




