मोटापा के खानपान के अलावा ये भी होते हैं कारण

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भारत में मोटापा अब सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं, बल्कि एक तेजी से बढ़ती हुई स्वास्थ्य महामारी बन चुका है। यह धीरे-धीर हमारे समाज को अपनी चपेट में ले रहा है और अपने साथ डायबिटीज, हृदय रोग, जोड़ों के दर्द और कई अन्य गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहा है। एक आंकड़ों के अनुसार, देश में 15 प्रतिशत से अधिक वयस्क अब मोटापे से ग्रस्त हैं, जो एक गंभीर चुनौती है। अक्सर हम मोटापे को केवल खराब खानपान या अत्यधिक खाने से जोडक़र देखते हैं, लेकिन यह आधी अधूरी सच्चाई है। जबकि आहार निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कारक है, मोटापे के पीछे केवल यही एकमात्र कारण नहीं है। इसके कई अन्य छिपे हुए कारण भी हैं जिन्हें समझना और उन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

नींद की कमी

किसी भी व्यक्ति के लिएअपर्याप्त नींद भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स (घ्रेलिन और लेप्टिन) को प्रभावित करती है, जिससे भूख बढ़ती है और जंक फूड की क्रेविंग होती है। शोध बताते हैं कि 6 घंटे से कम नींद लेने वाले लोगों में मोटापा 55 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इससे बचने का उपाय बहुत सरल है कि रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें। सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें।

सेडेंटरी लाइफस्टाइल

लंबे समय तक बैठे रहना, जैसे ऑफिस में डेस्क जॉब या टीवी और मोबाइल का अधिक उपयोग, कैलोरी बर्न को कम करता है, जिससे वजन बढ़ता है। लैंसेट के एक अध्ययन के अनुसार, सेडेंटरी लाइफस्टाइल मोटापे का 20 प्रतिशत तक जोखिम बढ़ाती है। इससे बचने के लिए रोजाना 30 मिनट की योग या साइकिलिंग करें। हर घंटे 5 मिनट टहलें और लिफ्ट की जगह सीढिय़ों का उपयोग करें।

दवाओं का दुष्प्रभाव

दवाएं कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती हैं। ये किसी बीमारी को रोक सकती हैं या उसे खत्म कर सकती हैं। लेकिन हम जो दवाएँ लेते हैं, उनके संभावित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। कुछ दवाएं, जैसे स्टेरॉयड, एंटी-डिप्रेसेंट्स और मधुमेह की दवाएं, वजन बढऩे का कारण बन सकती हैं। ये दवाएं भूख बढ़ा सकती हैं या मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती हैं। अगर आपको लगता है कि दवाएं वजन बढ़ा रही हैं, तो डॉक्टर से विकल्पों पर चर्चा करें। बिना सलाह दवा बंद न करें। इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम और कम कैलोरी वाला आहार डाइट में शामिल करें।

तनाव और मानसिक स्वास्थ्य

तनाव चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के प्रति शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। लंबे समय तक तनाव कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है, जो पेट की चर्बी को जमा करता है। डिप्रेशन और चिंता के कारण लोग अक्सर ज्यादा खाते हैं, खासकर मीठा या हाई कैलोरी वाला भोजन। इससे बचने के लिए ध्यान, योग और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें इससे तनाव कम होता है। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। गंभीर तनाव से परेशान हैं तो मनोवैज्ञानिक से सलाह लें।

 

 

Related Articles

Back to top button