संजय राउत ने की सीएम फडणवीस की तारीफ, महाराष्ट्र की सियासत में बवाल
शिवसेना यूबीटी नेता ने मराठा आरक्षण मामले को सुलझाने के लिए सीएम के सराहा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में उतार चढ़ाव जारी है। जहां शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मराठा आरक्षण मामले को सुलझाने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की है। राउत ने फडणवीस को पर्दे के पीछे से काम करने और मनोज जारंगे की भूख हड़ताल समाप्त करने का श्रेय दिया, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की भूमिका पर सवाल उठाए। यह बयान शिंदे-पवार गुट पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र की जटिल राजनीतिक समीकरणों को दर्शाता है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मराठा आरक्षण आंदोलन को सुलझाने और कार्यकर्ता मनोज जारंगे की भूख हड़ताल समाप्त करने का श्रेय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिया। संजय राउत द्वारा यह भाजपा नेता की एक दुर्लभ सराहना है। पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने कहा कि फडणवीस ने पर्दे के पीछे से काम किया और मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति के साथ विचार-विमर्श में शामिल रहे। राउत ने कहा कि अगर सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाया है और जरांगे की जान बचाई है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस इस मुद्दे को सुलझाने के लिए विचार-विमर्श में शामिल थे। वह पृष्ठभूमि में काम कर रहे थे। सारा श्रेय फडणवीस को जाना चाहिए। जारंगे और मराठा प्रदर्शनकारियों द्वारा मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना का जिक्र करते हुए राउत ने कहा, मैं फडणवीस के धैर्य की भी सराहना करूंगा। राउत भाजपा और फडणवीस के कटु आलोचक रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने दावा किया कि जब जरांगे अपना अनशन शुरू करने मुंबई आए थे, तो भाजपा नेताओं ने अलग भाषा बोली थी। राउत ने दावा किया कि फडणवीस को छोडक़र भाजपा नेताओं ने अत्यधिक नफऱत फैलान की कोशिश की।

शिंदे-पवार को घेरा
शिवसेना (यूबीटी) ने मराठा आंदोलन को लेकर उप-मुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा। राउत ने कहा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार कहाँ थे? उन्होंने विचार-विमर्श में भाग क्यों नहीं लिया? क्या वे चाहते थे कि मामला बिगड़े और फडणवीस मुश्किल में पड़ें। वहीं, राउत ने महाराष्ट्र के हालिया मराठा आरक्षण निर्णय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल से इस्तीफा देने का आग्रह किया है। राउत ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनौती देने के इरादे से मराठा आरक्षण आंदोलन की योजना बनाने का आरोप लगाया। अपने समुदाय के हितों की रक्षा की मांग करते हुए, भुजबल ने सरकार के रुख पर निराशा व्यक्त की। इस बीच, राज्य सरकार द्वारा मराठों को ओबीसी का दर्जा देने पर विचार करने की प्रतिबद्धता जताए जाने के बाद कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी, जिससे हाल के सरकारी प्रस्तावों के बाद कोटा कार्यान्वयन के माध्यम से संभावित लाभ का संकेत मिलता है।
स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान में भाजपा की सरक ार पर कांग्रेस का प्रहार जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा स्पीकर को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर संवैधानिक पद पर रहते हुए विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रहे हैं और सत्ता पक्ष को बचाने में लगे हुए हैं।
डोटासरा ने कहा कि स्पीकर सदन की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं और पारदर्शिता के साथ काम नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता की समस्याओं और मुद्दों को सदन में उठाता है, लेकिन स्पीकर सत्ता पक्ष के एजेंट की तरह व्यवहार कर रहे हैं और विपक्ष को बोलने का अवसर नहीं दे रहे। विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अमर उजाला द्वारा पूछे गए सवाल पर डोटासरा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी इस मामले पर गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने कहा कि जब बजट सत्र आएगा तो पार्टी अपने विधायक दल और वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर निर्णय लेगी कि अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए या नहीं। डोटासरा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन का समय होता है। अभी यह तय नहीं है कि कब लाया जाएगा, लेकिन अगर स्पीकर का रवैया नहीं बदलता तो यह कदम उठाना तय है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास ऐसे 50 कारण हैं, जिनके चलते यह स्पष्ट है कि स्पीकर पारदर्शी तरीके से कार्य नहीं कर रहे।
बिहार के साथ अन्याय हो रहा है: कुशवाहा
बोले- हमारी पार्टी केवल जनता के मुद्दों की राजनीति करती है
एनडीए के सहयोगी राज्यसभा सांसद ने उठाए सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी केवल जनता के मुद्दों की राजनीति करती है। हम हंगामा करके राजनीति नहीं करते, बल्कि जनता की समस्याओं का हल निकालने पर ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा कि रैली में विशेष एजेंडा के माध्यम से लोगों को अवगत कराने का काम करेंगे, जिसका विषय परिसीमन है।
परिसीमन का मतलब लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या का निर्धारण है, जो विभिन्न राज्यों में संविधान के अनुसार किया जाता है। दस साल पर जनगणना होगी। जनगणना के उपरांत जितनी आबादी उस वक्त की होगी, उसके अनुरूप लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या भी बढ़ेगी।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आएलएम) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा आज पटना में बड़ी रैली की। यह रैली पटना के मिलर हाई स्कूल के ग्राउंड दोपहर में हुई। पार्टी का दावा है कि यह रैली ऐतिहासिक होने वाली है। पार्टी की ओर से कहा गया कि आज तक ऐसी रैली नहीं हुई। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज बेहद ही खास दिन है। आज पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन और बिहार के लेनिन कहे जाने वाले जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस है। इस मौके पर पटना स्थित मिलर हाईस्कूल मैदान में राज्यस्तरीय संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली का आयोजन किया जा रहा है।
बिहार के लोगों को बड़ा नुकसान हो रहा है
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संविधान की इस व्यवस्था के अनुसार सबसे पहली बार 1951 में आजादी के बाद जनगणना के आधार पर परिसीमन हुआ। 1961 की जनगणना के आधार पर परिसीमन हुआ, फिर 1971 की जनगणना के आधार पर भी परिसीमन हुआ। 1951 में लोकसभा सीट 494 थी, जो परिसीमन के बाद 1961 में 522 और 1971 में 543 हो गई। उसी व्यवस्था के अनुसार आगे भी परिसीमन होना चाहिए था। लेकिन, 1976 में जब आपातकाल लागू था, उस वक्त संविधान में परिवर्तन कर दिया गया और परिसीमन का कार्य रोक दिया गया, जो अभी तक रुका हुआ है। इस रुकावट से बिहार और उसके आसपास के कुछ राज्यों को बहुत नुकसान हो रहा है। अगर पुरानी व्यवस्था के अनुसार 2011 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन हुआ होता, तो लोकसभा क्षेत्रों की संख्या 40 से बढक़र कम से कम 60 हो गई होती। विधानसभा क्षेत्र की संख्या भी उसके अनुरूप बढ़ती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 50 साल से यह प्रक्रिया रुकी हुई है, जिससे बिहार के लोगों को बड़ा नुकसान हो रहा है।
लश्कर-ए-जिहादी की मुंबई को दहलाने की धमकी
34 मानव बम, 400 किलो आरडीएक्स का दावा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि एक धमकी भरा कॉल आने के बाद पुलिस हाई अलर्ट पर है। कॉल करने वाले ने दावा किया कि 34 गाडय़िों में 34 मानव बम रखे गए हैं, जिनमें 400 किलोग्राम आरडीएक्स है।
ये बम विस्फोट पूरे शहर को हिलाकर रख देंगे। यह धमकी भरा कॉल ट्रैफिक पुलिस हेल्पलाइन पर आया था। मुंबई पुलिस ने बताया कि अनंत चतुर्दशी की पूर्व संध्या पर लश्कर-ए-जिहादी नामक संगठन ने यह धमकी जारी की थी। पुलिस ने बताया कि पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने बताया कि धमकी भरे संदेश में दावा किया गया है कि मानव बमों से लदी 34 कारों का इस्तेमाल 400 किलोग्राम आरडीएक्स विस्फोट करने के लिए किया जाएगा, जिससे एक करोड़ लोग मारे जाएँगे।
वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक रेलवे स्टेशन को उड़ाने की झूठी धमकी देने के आरोप में सोमवार को एक 43 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बताया कि आरोपी, जिसकी पहचान रूपेश मधुकर रणपिसे के रूप में हुई है, ने रविवार शाम करीब 4 बजे पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके बताया कि उसने कलवा रेलवे स्टेशन पर बम रखा है। अगस्त में, दक्षिण मुंबई के गिरगाँव इलाके में स्थित इस्कॉन मंदिर को बम की धमकी वाला एक ईमेल मिला था, जो परिसर की गहन तलाशी के बाद फर्जी निकला।
दिल्ली में बाढ़ से कई इलाकेडूबे, अजमेर में बोराज तालाब टूटा, 1000 घरों में पानी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बारिश से पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों तक तबाही आ गई है। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। नोएडा में सेक्टर-135 और सेक्टर-151 डूब गए हैं। कई इलाके में 3 से 4 फीट पानी भरा है।
हरियाणा के पंचकूला, हिसार, रोहतक और झज्जर में सभी स्कूल बंद हैं। फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और फरीदाबाद में भी कुछ स्कूल बंद कर दिए गए हैं। गुरुग्राम की सिग्नेचर ग्लोबल सलोरा सोसाइटी में गुरुवार को पानी भर गया। इससे महिलाएं और बच्चे घरों में कैद हो गए। राजस्थान के अजमेर में गुरुवार रात भारी बारिश के बाद बोराज तालाब की दीवार ढह गई। इससे 1 हजार से ज्यादा घरों में अचानक सैलाब आ गया। लोगों ने छतों पर जाकर जान बचाई। पानी का बहाव इतना तेज था कि कई गाडय़िां बह गईं। मकान क्षतिग्रस्त हो गए। देर रात तक लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला। पंजाब में बाढ़ में मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढक़र 43 हो गई। राज्य के 23 जिलों के 1,655 गांवों में 3.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। 1.71 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। राज्य में अगले 5 दिन बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। इससे बाढ़ से राहत मिल सकती है।
कश्मीर का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कटा
कश्मीर में गुरुवार को बारिश और लैंडस्लाइड के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे सहित सभी सडक़ें बह गईं या टूट गईं। इससे घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है।झेलम नदी का जलस्तर कम हो गया है। नदी अब खतरे के निशान से नीचे बह रही है। हालांकि, एहतियात के तौर पर, कश्मीर रीजन के स्कूल और कॉलेज शनिवार, 6 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं।



