यूपी में पोस्टल बैलेट में पिछड़ गई विजयी भाजपा, फायदे में रही सपा
लखनु। उत्तर प्रदेश के कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग पूरी न होने के चलते भाजपा और योगी सरकार से नाराज हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर सत्ता में लौटने वाली भाजपा को पोस्टल बैलेट में सपा के मुकाबले कम वोट मिले हैं। यहां तक कि सीएम योगी के गोरखपुर जिले में भी पार्टी अकेले मुख्यमंत्री की ही सीट पर आगे निकल पाई। पोस्टल बैलेट में भाजपा के बहुमत में रहने का मिथक टूटता नजर आया। भाजपा डाक मतपत्र में दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर सपा से पीछे रही। पूर्वांचल से लेकर अवध, बुंदेलखंड और रुहेलखंड तक जिलों में सूपड़ा साफ हो गया। हालांकि ब्रज और पश्चिम में भाजपा जरूर आगे रही। नोएडा की तीनों सीटों जेवर, दादरी और नोएडा में भाजपा ने पोस्टल बैलेट में बढ़त दर्ज की। इसी तरह गाजियाबाद की पांचों सीटों पर भी पोस्टल बैलेट में भाजपा आगे रही। यह क्रम मेरठ-सहारनपुर मंडल के साथ बिजनौर तक बरकरार रहा। यहां की केवल मेरठ की सरधना विधानसभा सीट पर पोस्टल बैलेट में भी भाजपा पीछे रही। वहीं वाराणसी में पोस्टल बैलेट का मैच टाई होने जैसा है, जहां चार सीटों पर भाजपा तो चार पर सपा ने पोस्टल बैलेट में बढ़त दर्ज की।
पूर्वांचल के ही मऊ, बलिया, आजमगढ़, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र समेत बुंदेलखंड व अवध की सीटों पर पोस्टल वोटिंग में भाजपा पीछे रही। राज्य कर्मचारी संघ परिषद के जिलाध्यक्ष शशिकांत श्रीवास्तव पोस्टल बैलेट में पिछड़ने की वजह को कर्मियों की चेतावनी बताते हैं। प्रयागराज में भाजपा ने 12 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा इन सीटों पर पोस्टल बैलेट में भी आगे रही। कानपुर में भी 10 में से 7 सीटों पर भाजपा को सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट मिले। मुख्यमंत्री योगी के गृह जनपद गोरखपुर में शहर सीट के अलावा बाकी आठ सीटों पर पोस्टल बैलेट से मतदान करने वालों की पसंद सपा रही। योगी आदित्यनाथ को 1329 मत मिले, जबकि सपा की सुभावती शुक्ला को 1213 वोट पड़े। गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों में भाजपा गठबंधन ने 34 पर जीत दर्ज की है, लेकिन पोस्टल बैलेट में सिर्फ दो पर बढ़त मिली है।
रिटायर्ड कर्मचारी बोले- पुरानी पेंशन को लेकर है नाराजगी
इससे पहले 2017 में दोनों मंडलों में छह सीटों पर भाजपा ने बढ़त बनाई थी। इस बार आयोग ने बुजुर्ग और दिव्यांगों को भी पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी थी। ब्रज की तस्वीर अन्य इलाकों से उलट है। यहां की 30 सीटों में 23 पर भाजपा को पोस्टल बैलेट में भी बढ़त मिली है। सपा सिर्फ सात सीटों पर ही बढ़त बना सकी। इसे लेकर सेवानिवृत्त पेंशनर्स व शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष उदयराज सिंह ने कहा, ‘पुरानी पेंशन को लेकर नाराजगी का असर पोस्टल बैलेट में देखने को मिला है। इसी के चलते भाजपा को कम वोट मिले।
लखनऊ जैसे जिलों में भी पिछड़ गई भाजपा
अलीगढ़ में सभी सात सीटों पर इस बार भाजपा ने जीत दर्ज की है, लेकिन पोस्टल बैलेट में चार पर पिछड़ गई है। इन चारों सीटों पर सपा ने बढ़त दर्ज की है। गोरखपुर जैसा हाल लखनऊ का भी रहा। यहां यहां लखनऊ पूर्व सीट से आशुतोष टंडन को ही पोस्टल बैलेट की गिनती में बढ़त मिली, शेष आठ सीटों पर सपा भारी पड़ी। रुहेलखंड में चार जिलों की 25 सीटों पर भाजपा ने भले ही 20 सीटें जीतीं, लेकिन पोस्टल बैलेट में तीन सीटों बरेली और बदायूं की दातागंज व सहसवान पर ज्यादा वोट ले पाई। मुरादाबाद मंडल में19 सीटों में 15 पर पोस्टल बैलेट में 4 पर भाजपा ने बढ़त हासिल की।