महीनों जेल काटकर आए गायत्री प्रजापति के राइट हैंड की भाजपा में एंट्री किसने कराई!
गायत्री प्रजापति के खनन का सारा काम देखता था पिंटू सिंह
- पूरे यूपी में तूती बोलती थी पिंटू सिंह की
- खनन विभाग का छोटे से बड़ा अफसर फोन पर हाजिर रहता था पिंटू के
- बलात्कार का आरोप लगने के बाद महीनों जेल में रहा पिंटू सिंह
- ऐसे दागदार को भाजपा में शामिल कराने पर कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा सरकार में खनन मंत्री रहे दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रजापति का राइट हैंड पिंटू सिंह एक बार फिर सुखियों में है। पिंटू सिंह ने हाल ही में भाजपा की सदस्यता ली है। पिंटू सिंह कैसे बीजेपी में शामिल हो गए, किसने उनकी एंट्री कराई, यह सवाल भाजपा के लोगों की ही समझ से परे है। हैरानी इस बात की है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अपराधियों को पसंद नहीं करते हैं, बावजूद भ्रष्टïाचारी व अपराधी पिंटू सिंह बीजेपी में शामिल हो गया।
यही नहीं, बलात्कार का आरोप लगने के बाद पिंटू सिंह जेल भी जा चुका है। बीजेपी का बच्चा-बच्चा जानता है कि पिंटू क्या हैं और पिंटू बीजेपी में क्या है। ऐसे में गायत्री का राहट हैंड भाजपा नेता हो जाएगा तो सवाल तो उठेंगे। पिंटू सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद संगठन के एक तबके में भारी नाराजगी है। मगर पिंटू सिंह पर बड़े नेताओं की शह के चलते अंदरखाने सभी चुप हैं। गौरतलब है कि गायत्री प्रजापति रेप के आरोप में जेल में है। और जिस लडक़ी ने प्रजापति पर रेप का आरोप लगाया, उसी लडक़ी ने गायत्री के जेल जाने से पहले पिंटू सिंह को भी नामजद किया था। पिंटू भी गिरफ्तार हुए थे, लेकिन न्यायालय ने पिंटू को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। मगर धोखाधड़ी के एक और मामले में पिंटू बाबू फंस गए। कहने को पिंटू इतने बदनाम थे कि उत्तर प्रदेश में कि कोई जिला नहीं था, कोई ऐसा खनन अधिकारी नहीं था जो पिंटू नहीं जानता था। यह सब चीज जानने के बाद भी पिंटू बाबू बीजेपी में अजेस्ट हैं। एक बीजेपी नेता के जरिए उनकी एंट्री कराई गई, ज्वाइनिंग के समय बड़े-बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचाकर फोटो एफबी पर लगाकर आजकल पिंटू सिंह अपना भौकाल टाइट करने में लगे हुए हैं।
गायत्री प्रजापति के यहां पिंटू भइया का बजता था डंका
गायत्री प्रजापति सपा सरकार में बदनाम मंत्री थे। बिल्कुल गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाला व्यक्ति रातोंरात अरब पति बन गया था। उस समय अखिलेश सरकार पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा हमला किया था तो वो गायत्री को लेकर किया था। गायत्री प्रजापति के खिलाफ जितना 4पीएम ने लिखा उतना शायद लखनऊ से किसी अखबार ने नहीं लिखा। उस समय गायत्री की पूरी कमान पिंटू सिंह के हाथों में थी। किसी भी जिले के खनन अधिकारी, खनन इंस्पेक्टर जो खनन का काम करते थे वो लोग सिर्फ एक नाम जाते थे पिंटू। पिंटू गायत्री की आत्मा बन गया था। देखते ही देखते करोड़पति बन गया था। माना जा रहा था कि किसी जिले में यदि ठेका लेना है तो पिंटू के पास जाइए। रकम तय करिए और ठेका ले लीजिए। पूरे सीएम आफिस से लेकर नीचे तक मुलायम सिंह यादव के घर पार्टी में कार्यालयों में और गायत्री के यहां डंका बजता था तो सिर्फ पिंटू भइया का।
बाबू सिंह कुशवाहा के करीबी रामचंद्र प्रधान की एंट्री भी चर्चा में
भाजपा में अकेले पिंटू ही नहीं, कई सारे ऐसे नाम हैं। बीजेपी की एमएलसी की लिस्ट जब सामने आयी थी तो एक नाम कुशवाहा के राइट हैंड का भी था। एक समय एनआरएचएम घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा का नाम भी आया था। उस समय जो हाल गायत्री का खनन में है। वहीं कुशवाहा का हेल्थ में था। मायावती सरकार में कुशवाहा की पर्ची पर लाखों-करोड़ों के लेन-देन हुआ करते थे। और बाबू सिंह की आत्मा उस समय रामचंद्र प्रधान हुआ करते थे जैसे गायत्री की आत्मा पिंटू है। कुशवाहा एक टाइम में बीजेपी में शामिल हुए तो सोशल मीडिया पर हल्ला मच गया कि जिस एनआरएचएम घोटाले का जिक्र करती है बीजेपी। उसी ने अभियुक्त को शामिल कैसे करा लिया, नतीजा यह हुआ कि बाबू सिंह कुशवाहा को तुरंत निकाल दिया गया पार्टी से लेकिन उनका राइट हैंड रामचंद्र प्रधान अजेस्ट हो गया।
अब 6 से 12 साल के बच्चों को भी लगेगी वैक्सीन
- डीसीजीआई ने आपातकालीन इस्तेमाल की दी मंजूरी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अब 6 से 12 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआई ) ने मंगलवार को इसकी मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की डोज बच्चों को दी जाएगी।
डीसीजीआई ने कुछ शर्तों के साथ 6 से 12 साल के आयु वर्ग के लिए भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन, कोवैक्सीन को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। पिछले ही सप्ताह डीसीजीआई की विषय विशेषज्ञ समिति ने स्कूलों में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए 6 से 12 सालों के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को अंतिम निर्णय के लिए डीसीजीआई के पास भेजा गया था।
लखीमपुर कांड: मंत्री पुत्र पर 10 मई को तय होंगे आरोप
- जीप से किसानों को कुचलने के मामले में है मुख्य आरोपी आशीष मिश्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र पर तिकुनिया हिंसा में आरोप तय होने को लेकर सुनवाई के लिए जज ने समय बढ़ा दिया है। अब अगली सुनवाई 10 मई को होगी। दोपहर एक बजे कोर्ट में पेशी हुई। बचाव पक्ष के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिस पर अदालत ने सुनवाई की तारीख बढ़ा दी है।
इससे पहले सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद आशीष मिश्र ने बीते रविवार को सरेंडर किया था। यहां से उसे दोबारा जेल भेज दिया गया था। बता दें कि आशीष मिश्र ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों से अलग करने की अर्जी (डिस्चार्ज अप्लीकेशन) दी थी। इसमें साफतौर पर कहा गया है कि उसके खिलाफ कार्रवाई का कोई आधार नहीं है। अदालती पत्रावली में ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिनके आधार पर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। इस पर अभियोजन को आपत्ति दाखिल करनी है। तिकुनिया हिंसा मामले के अन्य मुकदमे में कल यानी सोमवार को भी सुनवाई हुई थी। इसमें जिला जज ने अगली सुनवाई 9 मई तय की है। दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत मामले में चार आरोपी जेल में हैं। इसी मामले में भी आरोप तय किये जाने हैं।