लोकसभा सीटों पर 6,500 पूर्णकालिक पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी कांग्रेस

  • चिंतन शिविर की घोषणा पर अमल शुरू
  • खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे पर्यवेक्षक

नई दिल्ली। कांग्रेस की चुनावी किस्मत बदलने के लिए पार्टी ने उदयपुर चिंतन शिविर के संकल्प को जमीन पर उतारने की पहल शुरू कर दी है। इस क्रम में पार्टी सभी 543 लोकसभा सीटों के साथ-साथ राज्यों की विधानसभा सीटों पर करीब 6,500 पूर्णकालिक पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। इन पर्यवेक्षकों के जरिये पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हर लोकसभा और विधानसभा सीटों की जमीनी राजनीतिक नब्ज की निरंतर टोह लेकर कांग्रेस की चुनावी रणनीति का संचालन करेगा। संकल्पों को कार्यान्वित करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआइसीसी) में पार्टी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की पहली बैठक में पर्यवेक्षक नियुक्त करने से लेकर अन्य तमाम बड़े कदमों की घोषणा को मूर्त रूप देने पर चर्चा हुई। उदयपुर संकल्प को कार्यान्वित करने को लेकर पार्टी की उत्सुकता इसका साफ संकेत है कि कांग्रेस को अहसास हो गया है कि चुनावी राजनीति के तेजी से बदले स्वरूप में पुराने ढर्रे के परंपरागत चुनाव प्रबंधन तंत्र से काम नहीं चलेगा। भाजपा की बूथ स्तर तक की चुनावी मशीनरी का उसी तर्ज पर पेशेवर तरीके से मुकाबला करना होगा। इसके मद्देनजर ही पार्टी सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर पूर्णकालिक पर्यवेक्षकों को नियुक्त करेगी।

कांग्रेस अभी केवल चुनाव के समय लोकसभा या विधानसभा सीटों पर पर्यवेक्षक भेजती थी और ये पर्यवेक्षक चुनावी रणनीति आगे बढ़ाने के बजाय टिकट दिलाने जैसी भूमिका में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लोकसभा और विधानसभा के लिए जो 6,500 के करीब पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे, उनकी उम्मीदवारों के चयन और टिकट दिलाने में कोई सीधी भूमिका नहीं होगी। साथ ही ये पर्यवेक्षक खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। इनका काम लगातार अपनी जिम्मेदारी वाली सीटों की जमीन राजनीति की अपडेट स्थिति, मुद्दे, पार्टी की मजबूती, कमजोरी से लेकर हर सामाजिक समूह के साथ पार्टी को जोड़ने की रणनीति के कार्यान्वयन की समीक्षा कर हाईकमान को रिपोर्ट देते रहना होगा।

पार्टी का ढांचा मजबूत करने पर जोर
संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में महासचिवों और राज्य प्रभारियों की पहली बैठक में बूथ स्तर पर पार्टी का ढांचा मजबूत करने के लिए प्रस्तावित चार-पांच बूथों पर एक मंडल बनाने के स्वरूप पर शुरुआती चर्चा हुई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। वेणुगोपाल ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा कि कांग्रेस नए दौर के हिसाब से सुधार और बदलाव की राजनीति लोगों के सामने लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी में यूपी सरकार

लखनऊ। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत योगी सरकार एक नई योजना जल्द शुरू करने जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इंटीग्रेटेड टेम्पल इनफार्मेशन सिस्टम यानी समन्वित मंदिर सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिस पर मंदिर से जुड़ी सभी जानकारियां आनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी। धर्मार्थ कार्य विभाग ने इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जो लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, उसमें मंदिरों से संबंधित यह घोषणा भी की गई थी। मुख्यमंत्री योगी संकल्प पत्र की उन घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए प्रयासरत हैं। इसी के तहत मंदिरों की इस योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। लक्ष्य रखा गया है कि है इसे छह माह में पूरा कर लिया जाए। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि धर्मार्थ कार्य विभाग ने एक हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके जल्द स्वीकृत होने की उम्मीद है। साथ ही यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया गया है।

योजना के तहत आनलाइन सिस्टम पर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों की विशेषता, मान्यता, इतिहास, मार्ग आदि का ब्यौरा अपलोड किया जाएगा। इसके बाद महंत-पुजारियों के लिए कल्याण बोर्ड के गठन की भी तैयारी की जाएगी। धर्मार्थ कार्य विभाग की योजनाओं को लेकर योगी सरकार की रुचि का अंदाजा इस तथ्य से भी लगाया जा सकता है कि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में 32.52 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया था, जबकि 2021-22 में यह 614.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया है।

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