सपा गठबंधन में छिपे भितरघाती, द्रौपदी मुर्मू को तय वोटों से मिले ज्यादा मत

राजभर और शिवपाल के साथ छह अन्य लोगों ने की थी बगावत

लखनऊ। जिस विपक्षी एकजुटता के बूते पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ रोकने का असफल प्रयास किया, वह लोकसभा चुनाव के पहले बिखरना शुरू हो गया है। सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की खुली बगावत गठबंधन की उभरी गांठ के समान है तो गुरुवार को आए राष्टï्रपति चुनाव के परिणाम ने सपा गठबंधन में और भी भितरघाती छिपे होने की चुगली कर दी है। राष्टï्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को उत्तर प्रदेश से 282 वोट से बढ़कर 287 वोट मिल जाना और विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के 119 तय माने जा रहे वोटों में आठ मतों की सेंध सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की गड़बड़ा रही सियासत का गणित समझा रही है। राष्टï्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश के विधायकों के मतों का मूल्य सबसे अधिक 208 था। चूंकि यहां विधायकों की संख्या भी सर्वाधिक 403 है, इसलिए इस राज्य के मतों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्ष, दोनों की नजर थी। शुरुआत में माना जा रहा था कि राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को भाजपा गठबंधन के 273 विधायकों का वोट मिल जाएगा, जबकि विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए सपा गठबंधन के 125 सहित कांग्रेस के दो मिलाकर 127 विधायकों के वोट का आंकड़ा था। यह भी संभावित था कि आदिवासी वर्ग की महिला होने के चलते बसपा प्रमुख मायावती राजग प्रत्याशी को समर्थन देंगी।

मायावती ने इसकी घोषणा भी कर दी और इस तरह बसपा का एक वोट राजग के साथ आने से 274 मत की व्यवस्था हो गई। लोकतांत्रिक जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप सिंह ने भी अपने दो वोट मुर्मू को देने की घोषणा की तो आंकड़ा 276 पर पहुंच गया। यहां तक भाजपा के वोटों में कुछ बढ़त बेशक हुई हो, लेकिन कांग्रेस के दो वोट सहित सपा गठबंधन के पास 127 वोटों की पूंजी बरकरार थी। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए जुट रही इस ताकत को झटका तब लगना शुरू हुआ, जब द्रौपदी मुर्मू समर्थन मांगने लखनऊ आईं। अचानक ही सपा मुखिया के चाचा शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंच गए और राजग प्रत्याशी के समर्थन में उन्होंने सपा से खुली बगावत कर डाली। साथ ही विपक्ष की मु_ी से शिवपाल का एक और सुभासपा के छह समेत कुल सात वोट और खिसक गए। इसके बाद माना जा रहा था कि यशवंत को सपा गठबंधन और कांग्रेस के 120 विधायकों के वोट मिल जाएंगे। मगर, मतदान वाले दिन सपा विधायक नाहिद हसन वोट डालने नहीं आए। तब यशवंत के खाते में 119 वोट तय माने जा रहे थे। सुभासपा के अब्बास अंसारी के भी वोट न देने से मुर्मू के पक्ष में कुल 282 वोट पड़ने की उम्मीद थी, लेकिन गुरुवार को सामने आए चुनाव परिणाम ने खास तौर पर अखिलेश के लिए अलार्म बजाया है। दरअसल, भाजपा को उम्मीद से पांच अधिक 287 वोट मिले हैं, जबकि यशवंत को यूपी के 111 विधायकों के ही वोट मिल सके। यह भी तब है, जबकि तीन वोट निरस्त हुए हैं। इससे साफ है कि शिवपाल और ओमप्रकाश की तरह सपा गठबंधन में कुछ बागी अभी खामोशी से बैठे हुए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन में शुरू हुए बिखराव का यह प्रत्यक्ष प्रमाण माना जा सकता है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का कराया जा रहा तकनीकी परीक्षण : नंदी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने फिर एक बार ट्वीट कर बुुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि उद्ïघाटन के बाद हफ्ते भर में ही गड्ढे निकल आए हैं। अखिलेश यादव के इस ट्वीट का उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने ट्वीट कर जवाब दिया है। लिखा है कि अखिलेश जी आपको कम से कम बेसिक टेक्निकल नालेज तो होना ही चाहिए। नंदी ने ट्वीट में लिखा है कि अखिलेश जी सुना है आप आस्ट्रेलिया से पढ़कर लौटे हैं। अलग बात है कि आप अपने को गूगल मैप का बड़ा जानकार बताते हैं लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की मर्यादा के अनुसार थोड़ा लिखकर फिर पढ़कर पोस्ट करना चाहिए। कम से कम बेसिक टेक्निकल जानकारी तो जरूर रखनी चाहिए। कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के पश्चात विभिन्न तकनीकी परीक्षण कराए जा रहे हैं। स्ट्रेटद-एज एवं प्रोफाइलोमीटर से सतह असमानता की जांच एवं जहां कहीं भी असमानता है, उसको दूर करने के लिए विशिष्टियों के अनुसार आयताकार भाग में पूर्व प्रयुक्त सामग्री को हटाकर दोबारा सरफेस लेयर का कार्य किया जा रहा है। मेरी आपको सलाह है कि अपने अल्पज्ञानी सलाहकारों के अधकचरे ज्ञान के भरोसे राजनीति न करें।

एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही बीजेपी : रॉबर्ट वाड्रा

नई दिल्ली। सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड केस की पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर पहुंच गई हैं। ईडी अधिकारियों द्वारा पूछताछ दो घंटे से जारी है। इस मामले में कहा जा रहा है कि अधिग्रहण के जरिए नेशनल हेराल्ड की 800 करोड़ रुपए की संपत्ति को कब्जे में ले लिया गया। इसके सन्दर्भ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि देश में लोग बहुत तकलीफ में हैं, बीजेपी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। प्रियंका गांधी भी दवाएं लेकर साथ गई हैं। प्रियंका गांधी ईडी के दफ्तर में सोनिया गांधी के खराब स्वास्थ और दवा की वजह से गई हैं और दूसरे कमरे में मौजूद हैं। सोनिया गांधी दवाइयों एवं अन्य जरूरतों के लिए उनसे मुलाकात कर सकती हैं। यही नहीं, सोनिया गांधी के स्वास्थ को देखते हुए यदि उन्हें आराम की जरूरत होगी तो उसके लिए भी मौका दिया जाएगा। सोनिया गांधी अभी हाल ही में कोरोना से संक्रमित हो गई थीं और कुछ दिन पहले ही उनके स्वास्थ में सुधार हुआ हैं। सोनिया गांधी से पूछताछ की कमान ईडी में अडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात महिला अफसर मोनिका शर्मा को सौंपी गई है। ईडी से पूछताछ को मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा की देश के लोग बहुत तकलीफ में हैं, लोगों की आवाज दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है और एजेंसियों के जरिये विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा।

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