चुनाव आते ही बीजेपी सीएए सीएए चिलाने लगती है: ममता
मालदा में केंद्र पर बरसीं बोली: राज्य का बकाया नहीं चुका रही सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मालदा की सभा से केंद्र सरकार पर जनकर बरसीं। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर लोगों को बरगला रहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आते ही बीजेपी सीएए-कां कां चिल्लाने लगती है। कां -कां करने के लिए कौआ है। लेकिन तुम क्यों सीएए-सीएए (कां -कां ) कर रहे हो। ये लोग एनआरसी के नाम पर सभी को जेल में डालना चाहते हैं। सीएए को लागू करने के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रही है।
बनर्जी ने यह भी दावा किया कि वह और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मतुआ समुदाय के लोगों का ख्याल रख रही है, जो मूल रूप से बांग्लादेश के हैं। ममता बनर्जी ने मंगलवार को मालदा के गाजल के सभा में अपना गुस्सा जाहिर किया। मुख्यमंत्री ने फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर राज्य का बकाया नहीं चुकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने कई परियोजनाओं का पैसा रोक रखा है। न हमें कन्याश्री का पैसा मिलता है और न ही 100 दिनों के रोजगार का पैसा। उन्होंने शिकायत की कि केंद्र ने 100 दिनों के काम के लिए 7000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।
बंगाल से ईर्ष्या करता है केंद्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि न जाने क्यों केंद्र हमसे इतनी ईष्र्या करता है। ईष्र्या करने को लेकर ममता ने केंद्र की मोदी सरकार की भी आलोचना की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जनकल्याण के लिए कोई काम नहीं किया है। तृणमूल कांग्रेस बंगाल विकास कार्य कर रही है। एक दिन ऐसा समय आएगा, इस बंगाल को विकास को लोग सलाम करेंगे। अब केंद्र केवल राजनीति कर रहा है। केंद्र परियोजना के बकाया पैसों का भुगतान नहीं करता है, बस राज्य केंद्रीय टीम भेजता है।
सीएम ने अमत्र्य सेन को सौंपे दस्तावेज
कोलकाता। मुख्यमंत्री सोमवार को अमत्र्य सेन के घर गई थी। वहां उन्होंने कुछ कागज अमत्र्य सेन को सौंपे। मुख्यमंत्री ने दावे से कहा, कि यह असली कागज है और हमें पता है कौन सच बोल रहा है कौन झूठ? ये कागज आप रखें। मैं भी देखती हूं आगे क्या होता है। उस समय ममता बनर्जी के साथ भूमि राजस्व अधिकारी (बीएलआरओ) भी मौजूद थे। वहीं वीसी विद्युत चक्रवर्ती ने दावा किया, मुख्यमंत्री जो दस्तावेज दिखा रही हैं, वे प्रासंगिक नहीं हैं। कुलपति ने कहा कि उनके पास जो दस्तावेज हैं, उनमें केवल 1.25 एकड़ जमीन अमर्त्य सेन की है। कुलपति ने कहा, मैं नहीं चाहता कि अमत्र्य सेन का अपमान हो। लेकिन ऐसा ही रहा तो विश्व भारती के लोग भी (उपस्थित रहें)। सब के सामने भूमि नापी जाए।