शर्मनाक : झोपड़ी बचाने को मां-बेटी जलकर मर रही थी
- डीएम डांस कर रहीं थीं और सरकार विदेशियों को इंवेस्टमेंट की कहानी सुना रही थी
- योगी जी-यही है कानून का राज
- एसडीए व लेखपाल निलंबित
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर देहात। योगीराज में अधिकारी कितने लापरवाह हो गए है उसका जीता-जागता उदाहरण कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में देखने को मिला। यहां ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गई। जिले की डीएम तक को घटना की जानकारी देर में हुई। ज्ञात हो कि जब यह घटना घटित हो रही थी जिले की डीएम नेहा जैन एक मनोरंजक कार्यक्रम में डांस का आनंद ले रही थीं वहां पर उन्होनें ने भी नृत्य के स्टेप किये। जबकि प्रदेश सरकार यूपी में इंवेस्टमेंट के लिए देश विदेश के लोगों को प्रदेश की कानून व्यवस्था के दुरुस्त होने की कहानी बता रही थी। उधर प्रदेश सरकार ने जांच केे आदेश दिए है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि दोषियों को बख्शा नही जाएगा औैर पीडि़त परिवार को हर संभव सरकार की तरफ से मदद की जाएगी। वही सरकार ने एसडीएम व लेखपाल को निलंबित कर दिया गया। मां-बेटी की मौत से आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के लोग अपने वाहनों मौके पर छोडक़र भाग गए। इसके बाद आक्रोशितों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, लेखपाल व तहसीलदार व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया। दरअसल डीएम कार्यालय पहुंचे मड़ौली गांव कुछ लोगों ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव की ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत की।
हम निकल पाए, मम्मी व बिट्टी जल गईं
भाई शिवम ने रोते हुए कहा कि एसडीएम, लेखपाल समेत कई अफसर, रुरा इंस्पेक्टर व गांव के कई लोग घटना में शामिल हैं। कहा कि वह भी घटना के वक्त मां व बहन के साथ झोपड़ी में सो रहा था। आग लगने पर वह भागकर आ गया। फिर मां व बहन को बचाने के लिए भीतर गया, लेकिन दोनों के शरीर का वजन ज्यादा था। इसलिए उन लोगों को उठाकर बाहर नहीं ला सका और दोनों की मौत हो गई। इस दौरान कब्जा हटाने आए लोग वहां से भाग गए। शिवम ने साजिश में डीएम समेत कई अफसरों के शामिल होने का भी आरोप लगाया है।
शासन ने तलब की रिपोर्ट
मडौली गांव में मां-बेटी के जिंदा जलने की मामले को शासन ने संज्ञान में लिया है। सूत्रों की मानें तो शासन ने डीएम नेहा जैन से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। डीजीपी भी एडीजी, आईजी व एसपी से पल-पल के घटनाक्रम की जानकारी लेते रहे।
एसओ व लेखपाल से मिली भगत का आरोप
पत्नी और बेटी की मौत से दुखी कृष्ण गोपाल ने गांव में रहने वाले एक फौजी पर लेखपाल व एसओ से मिलीभगत कर कब्जा हटाने की कार्रवाई कराने का आरोप लगाया है। कृष्ण गोपाल का कहना है कि मामले की शिकायत व अपने और परिवार पर दर्ज एफआईआर को लेकर एसपी से बात करने गया था। एसपी बात सुनने की बजाय उसे मारने दौड़े और कहा भाग जाओ यहां से। डीएम से मिलने गया था, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी।
पीडि़त परिवार से मिलेगा सपा का प्रतिनिधि मंडल
मड़ौली गांव में मां-बेटी की मौत के मामले पर राजनीतिक घमासान भी तेज हो चला है। समाजवादी पार्टी ने एक प्रतिनिधि मंडल का ऐलान किया है, जो पीडि़त परिवार से मिलने जाएगा। समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने सरकार पर हमला बोला है। ट्वीट कर शिवपाल सिंह यादव ने सवाल खड़े किए हैं। शिवपाल ने ट्वीट में कहा है कि कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही। अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है। क्या महिला सशक्तिकरण व बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात केवल कागजी नीति है? उधर रूरा के मड़ौली गांव में कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी के जिंदा जलने के मामले में घटना के करीब 18 घंटे बाद भी अभी तक शव नहीं उठाया जा सका है। स्वजन की मांग है कि मुख्यमंत्री को गांव बुलाया जाए व जो आरोपित मुकदमे में नामजद किए जाएं उनकी गिरफ्तारी हो, तभी शव उठने दिया जाएगा। अधिकारी ग्रामीणों को मनाने में लगे हैं। मंडलायुक्त पूरी रात गांव में रहे ।
कई नेता पहुंचे सांत्वना देने
मां-बेटी की मौत की खबर पाकर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी मौके पर पहुंचे। दोनों ने दुखी परिवार को सांत्वना दी। साथ ही घटना के बारे में जानकारी लेने के साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया। राज्यमंत्री ने मामले की निष्पक्ष जांच व सरकारी मदद दिलाए जाने की बात भी पीडि़त परिवार से कही है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आदेश पर राज्यमंत्री मौके पर पहुंची थी। इसके अलावा कई और नेता पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे थे।
गिड़गिड़ता रहा परिवार
हालांकि इस दौरान कृष्ण गोपाल का कब्जा हटाने राजस्व व पुलिस विभाग के अफसर पहुंचे तो पूरा परिवार गिड़गिड़ाते हुए बोला, साहब टाइम तो आप दे सकते हो, हम गरीब लोगों को सताना चाह रहे हो, बहुत वर्षों से यहां रह रहे हैं। अफसर बोले यह सरकारी जमीन है। गरीब आदमी का ऐसे नहीं सताव जात है यह कहकर कृष्ण गोपाल और उसका परिवार अफसरों के सामने गिड़गिड़ता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अफसर कब्जा हटाते रहे और उनके सामने मां-बेटी जिंदा जल गईं।
यूपी में तानाशाही चरम : कांग्रेस
यूपी में तानाशाही चरम पर है। कानपुर में ब्राह्मण परिवार का मंदिर तोड़ दिया गया, घर पर बुलडोजर चला दिया गया।
ब्राह्मण परिवार अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाता रहा… एक न सुनी गई। आखिर में परेशान होकर घर की महिलाओं ने खुद को आग लगा ली… मौत हो गई। योगी के बुलडोजर ने दो लोगों की जान ले ली।
फोर्स व पीएसी तैनात
मां-बेटी की जिंदा जलने की घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति बन गई। कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए रूरा, शिवली, डेरापुर, रसूलाबाद, अकबरपुर, मंगलपुर थानों की फोर्स, एसओजी, क्यूआईटी समेत भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी को गांव में तैनात किया गया है। खुफिया के लोग भी गांव के गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। प्रदेश के बड़े पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ एडीजी, आईजी, मंडलायुक्त मड़ौली पहुंचे।