यूपी सरकार से सुप्रीम सवाल, सीधे एंबुलेंस से क्यों नहीं ले गए अस्पताल
- अतीक-अशरफ हत्याकांड पर शीर्ष कोर्ट में सुनवाई
- 3 हफ्ते बाद फिर होगी बहस
- सरकार से मांगा हलफनामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अतीक-अशरफ मर्डर पर दायर एक याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से सवाल किया कि दोनों को सीधे ऐंबुलेंस से अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। इस टिप्पणी पर यूपी सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत को बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। कोर्ट ने यूपी सरकार से कमेटी की जांच के बारे में जानकारी मांगी है।
कोर्ट इस मामले पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में इस सुनवाई को लेकर योगी सरकार की भी धडक़नें बढ़ी हुई थीं। यूपी सरकार की तरफ से मौजूद वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, हमने मामले की जांच किए जाने को लेकर एसआईटी बनाई है और हाईकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में आयोग गठित कर मामले की जांच कर रहे हैं। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने झांसी में अहमद के बेटे असद की पुलिस मुठभेड़ पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी। असद को 13 अप्रैल को यूपी एसटीफ टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
अतीक के बेटे अली का लेटर हो रहा वायरल
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद के बेटे अली का एक लेटर शुक्रवार को तेजी से वायरल हुआ। जिसमें उसने एनकाउंटर में मारे गए अपने भाई असद और पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की हत्या के मामले में योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इसका जिम्मेदार ठहराया है। अली अभी नैनी जेल में बंद है। साथ ही लेटर के माध्यम से लोगों से नगर निकाय चुनाव में सपा और भाजपा को वोट न देने की भी बात कही गई है। लेटर में कहा गया है कि मैं अली अहमद अतीक अहमद का लडक़ा, आप लोगों ने देखा कि कैसे मेरे पिता (अतीक अहमद), चाचा अशरफ और भाई असद को मार दिया गया और अब मुझे भी मारने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अब मेरी मां शाइस्ता के एनकाउंटर के लिए उसकी तलाश कर रही है। आप लोग मेरा साथ दीजिए और गुजारिश है कि आप लोग मेरी इन बातों पर गौर दीजिए।
किस महिला ने की थी अतीक से मुलाकात?
शाइस्ता की तलाश के बीच माफिया अतीक अहमद को लेकर यूपी पुलिस ने एक और खुलासा किया है। पुलिस सूत्र अतीक से जुड़ी एक और महिला की तलाश कर रहे हैं जो साबरमती जेल में उमेश पाल हत्याकांड से ठीक पहले मिलने आई थी। यह महिला पहले भी कई बार अतीक से जेल में मुलाकात कर चुकी है। इस महिला ने अतीक से न सिर्फ साबरमती बल्कि देवरिया, बरेली और प्रयागराज की जेलों में भी मुलाकात की थी। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि यह महिला प्रयागराज के करेली इलाके की रहने वाली है। अतीक जेल में रहते हुए इस महिला से अक्सर लंबी बातचीत किया करता था। जांच एजेंसियों को महिला के उमेश पास शूटआउट केस से ठीक पहले साबरमती जेल जाने के वीडियो भी मिले हैं.।मोबाइल फोन के कॉल डिटेल से भी पुलिस को अहम जानकारियां मिली हैं।
जिया खान सुसाइड मामले में सूरज पंचोली बरी
- सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान की सुसाइड मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज तकरीबन 10 साल बाद फैसला सुना दिया है। इस मामले में एक्टर सूरज पंचोली जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी थे। कोर्ट ने सबूतों की कमी के चलते सूरज पंचोली को बरी कर दिया है। एक्ट्रेस मुंबई में अपने घर पर 3 जून 2013 को मृत पाई गई थी।
इस फैसले के बाद जिया की मां राबिया ने निराशा व्यक्त कि या है। उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट जाएंगी और अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने का प्रयास करेंगी। उधर सूरज पंचोली के परिवार ने इस फैसले के बाद खुशी जाहिर की है। ज्ञात हो कि जिया ने साल 2007 में अमिताभ बच्चन के साथ ‘निशब्द’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। बॉलीवुड में डेब्यू करने के दौरान जिया महज 21 साल की थीं। रामगोपाल वर्मा की इस फिल्म में जिया और अमिताभ के बीच रोमांटिक रिश्ता दिखाया गया था। जिया की एक्टिंग की काफी तारीफ हुई थी। जिया आमिर खान के साथ साल 2008 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘गजनी’ में नजर आई थीं। इसके बाद 2010 में जिया ने अपनी तीसरी और आखिरी फिल्म ‘हाउसफुल’ की थी।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पहुंची सीबीआई
- बीमा घोटाला मामले में करेगी पूछताछ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 60 करोड़ रुपये के कथित रिश्वत मामले में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पहुंची है। मामला एक स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित है, जिसे कथित रूप से आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था, लेकिन जब वह जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य के राज्यपाल थे, तब रद्द कर दिया गया था।
मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी। सीबीआई की टीम उनके बयान दर्ज करने और अन्य जानकारी जुटाने के लिए उनके घर पहुंची है। पिछले साल सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था और छह राज्यों में छापेमारी की थी। मलिक अब तक मामले में आरोपी या संदिग्ध नहीं है। सात महीने में दूसरी बार है, सीबीआई पूछताछ करेगी। उनका बयान पिछले साल अक्टूबर में बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद दर्ज किया गया।