शेरपुरिया की सीक्रेट कोड वल्र्ड वाली डायरी खोलेगी राज
लखनऊ। कुख्यात ठग संजय शेरपुरिया की डायरी उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश के कई बड़े नेताओं को बेनकाब करने वाली है। इसमें इन नेताओं के साथ किए लेन देन का पूरा ब्यौरा है। यह डायरी फिलहाल उसके अहमदाबाद स्थित ससुराल में रखी है। पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा खुद संजय शेरपुरिया ने किया है। लखनऊ पुलिस ने इस डायरी को बरामद करने के लिए लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में रिमांड अर्जी लगाई है। कोर्ट की अनुमति मिलती है तो पुलिस शेरपुरिया को लेकर अहमदाबाद जाएगी।
पुलिस ने कोर्ट में लगाई अपनी अर्जी में बताया है कि संजय शेरपुरिया ने अपने सभी करीबियों को अलग अलग कोड नेम दे रखा है। प्रत्येक कोड के साथ किए लेनदेन का ब्यौरा भी है। इसमें नेताओं के लिए अलग कोड हैं तो अफ़सरों के लिए अलग कोड दिए गए हैं। वहीं कारोबारियों के लिए संजय शेरपुरिया ने अलग तरह का कोड दिया है। उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इन सभी लोगों के काम करने के एवज में जो लेनदेन किया गया है, उसे भी कोड वर्ड में ही दर्ज किया गया है।
कस्टडी रिमांड की मांग करते हुए लखनऊ पुलिस ने दावा किया है कि ये डायरी बड़े बड़े राज खोल सकती है। इस डायरी से गुजरात और दिल्ली से लेकर यूपी तक के बड़े बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम से पर्दा हट सकता है। पुलिस ने बताया कि इस ठग के कई मददगार अफसर अब रिटायर हो चुके हैं। जबकि काफी संख्या में ऐसे भी अफसर हैं जो अलग अलग स्थानों पर सर्विस में हैं। पुलिस के मुताबिक संजय शेरपुरिया ने अपने ठगी का नेटवर्क कई राज्यों में फैला रखा था।
पुलिस ने अपनी अर्जी में डायरी के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि यह डायरी इस तरह से बनाई गई है कि किसी और के हाथ लग भी जाये तो उसे कुछ समझ नहीं आएगा। संजय की पत्नी कंचन राय को भी इस डायरी की जानकारी है, लेकिन उसे भी इन सभी कोड वर्ड की कोई जानकारी नहीं है। पूछताछ में संजय ने बताया है कि सिर्फ वही इसे डिकोड कर सकता है। संजय शेरपुरिया से फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ ने इस पूछताछ के आधार पर कई खुलासे भी किए हैं। इसमें यह डायरी का मामला सबसे अहम है। इस डायरी में सर्वाधिक चर्चा गुजरात कैडर के एक रिटायर ढ्ढ्रस् अफ़सर के अलावा गुजरात कैडर के ही दो रिटायर अधिकारी की भी है। इसी प्रकार यूपी कैडर के दो कुछ अफ़सरों के नाम भी इस डायरी में हैं। इनमें से एक संजय शेरपुरिया के लिए उसके यूपी दौरे पर उसे सरकारी गनर का इंतजाम करवाते थे। ये सभी अधिकारी अब रिटायर हो चुके हैं।
संजय शेरपुरिया की डायरी में ईडी के भी दो अफ़सरों का कई बार जिक्र है। इनमें से एक अफसर अब ईडी में कार्यरत नहीं हैं। इसी प्रकार दिल्ली से एक बीजेपी सांसद के अलावा यूपी के तीन और बिहार के दो बीजेपी नेताओं की चर्चा डायरी में बार बार की गई है। इस खुलासे के बाद पुलिस अब पता करना चाहती है कि संजय शेरपुरिया ने किस किसको धोखा दिया है। इसके अलावा इसके मददगार अफसरों व नेताओं के नाम भी सामने लाना है।
पुलिस के मुताबिक शेरपुरिया की एक और डायरी भी है। यह डायरी गाजीपुर स्थित उसके घर में है। इसमें उसके नामी और बेमानी संपत्तियों का ब्यौरा है। उसने किसके रूपये कहां और किस रूप में इन्वेस्ट किए हैं, यह सब ब्यौरा इसी डायरी में दर्ज है। इस डायरी को भी कोड की भाषा में लिखा गया है। वह अपने हृत्रह्र के लिए जिससे भी पैसा लेता था इस डायरी में नोट कर लेता था। बता दें कि संजय शेरपुरिया उत्तर प्रदेश के शेरपुर गांव का रहने वाला है। इसीलिए वो अपने नाम के साथ शेरपुरिया लिखता है।
उसे एसटीएफ ने बीते 24 अप्रैल को कानपुर से गिरफ्तार किया था। उस समय वो ट्रेन में सवार होकर दिल्ली से अपने घर गाजीपुर जा रहा था। उसने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि उसने कोड में डायरी इसलिये बनाई थी कि किसी को जानकारी न मिल पाए। अब पुलिस की टीम उसे ले कर ग़ाज़ीपुर, दिल्ली और अहमदाबाद जाना चाहती है।संजय ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि उसके काम की पूरी जानकारी उसकी पत्नी कंचन राय को भी थी। वहीं उसका भतीजा प्रदीप राय उसे काम में मदद करता था। उसने बताया है कि उसकी पांच कंपनियां हैं, लेकिन वह इनमें से किसी में भी खुद डायरेक्टर नहीं है।