पायलट के उड़ान पर लगेगी लगाम!
राजस्थान में कलह, कांग्रेस को पड़ सकती है भारी
- भाजपा के लिए भी नहीं है राह आसान
- राजे-सचिन के तेवर से सियासत गरमाई
- कर सकते हैं बड़ी घोषणा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत से न केवल उसको एक राज्य की सत्ता मिली बल्कि राहुल का भी कद बढ़ गया। कर्नाटक में उसकी सरकार बनने से अब चार राज्य कांग्रेस के पास हो जाएंगे हालांकि इस वर्ष राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भी चुनाव हंै। जिसमें छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का काम बढिय़ा है उनको जनता पसंद करती है इसलिए वह हो सकता है फिर से सत्ता में वापसी कर जाए परंतु राजस्थान में कांग्रेस की राह सचिन पायलट की वजह से मुश्किल में फंस सकती है हालांकि अभी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन अगर गहलोत मैनेज कर गए तो राजस्थान में सरकार बरकरार रह सकती है।
राजस्थान में सचिन पायलट और उनके समर्थक पिछले 4 साल 7 महीने से निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। कभी मानेसर होटल में तो कभी सडक़ पर। लेकिन अब समय आ गया है, जब सचिन पायलट कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। इसके संकेत पायलट ने 9 मई को अपने आवास पर हुई प्रेस कांफ्रेंस में दिए थे। पायलट ने कई बार कहा कि अब समय आ गया है पर किस बात का समय आया है वो पायलट ने नहीं बताया। हालांकि, पायलट के इस बयान पर जानकार कहते हैं कि पायलट अपना मन बना चुके हैं और सडक़ पर उतरकर अपने साथ जनता की नब्ज टटोल रहे हैं। पायलट के साथ रणनीतिकार भी जुड़ चुके हैं, जो पायलट को पल-पल गाइड कर रहे हैं।
इसी क्रम में पायलट ने 11 तारीख को चुना है। 11 अप्रैल को पायलट अनशन पर बैठे थे, 11 मई को अजमेर से यात्रा की शुरुआत की और अब सूत्र बता रहे हैं कि 11 जून को पायलट अपने राजनीतिक जीवन का एक बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिए 11 तारीख का काफी महत्व है। यह वही आंकड़ा है, जिन दिन पायलट के सिर से उनके पिता का हाथ उठ गया था। 11 ही वह आंकड़ा है, जिस दिन वह अनशन पर बैठे थे। 11 वही आंकड़ा है, जिस दिन उन्होंने अजमेर से जन संघर्ष आया शुरू की थी। 9 जून को उनके आवास पर हुई बैठक में उन्होंने कहा था कि 11 को वह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
पायलट के अन्य विकल्प, आप डाल रही है डोरे
सचिन पायलट को निरंतर आप से बुलावा आ रहा है। आप राजस्थान में अपने पैर जमाने के लिए पायलट को बैसाखी बना सकती है। सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट आप को चुनते हुए नजर नहीं आते हैं। कारण साफ है कि पायलट अब किसी और की सरपरस्ती में अपने राजनीतिक जीवन को आगे नहीं बढ़ाना चाहेंगे। जो कांग्रेस में हुआ वो कल पायलट के साथ आप में भी दोहराया जा सकता है।दूसरा विकल्प हनुमान बेनीवाल की राष्टï्रीय लोकतांत्रिक पार्टी है, जिसके साथ पायलट हाथ मिला सकते हैं। परंतु यह समझौता ज्यादा नजर आता नहीं है। पायलट को लेकर निरंतर अटकलें लगाई जाती हैं कि वो भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लेकिन सूत्र कहते है कि पायलट ने लंबी लड़ाई राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए लड़ी है। भाजपा में पायलट का यह सपना पूरा नहीं हो सकता।
11 जून राजेश पायलट का है जन्मदिन
सूत्रों की मानें तो पायलट ने 11 जून को इसलिए भी चुना है, क्योंकि इसी दिन सचिन के पिता राजेश पायलट की जयंती है। 11 जून 2000 को एक सडक़ हादसे में राजेश पायलट का निधन हो गया था। सचिन पायलट उस समय मात्र 22 साल के थे। सचिन पायलट ने 11 जून का दिन चुना है। पायलट 11 को अपने राजनीतिक करियर में एक नई दिशा दे सकते हैं।
कांग्रेस प्रभारी देंगे यात्रा पर रिपोर्ट
कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट की यात्रा पर अपनी रिपोर्ट देंगे। रंधावा कह चुके हैं कि सचिन पायलट की यात्रा पार्टी की नहीं निजी यात्रा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को कर्नाटक से आते ही रिपोर्ट दे दी जाएगी। इससे पहले रंधावा ने शुक्रवार को तीनों सहप्रभारियों और प्रदेशाध्यक्ष के साथ बैठक कर राजस्थान के मुद्दे पर चर्चा की थी। रंधावा पायलट मामले की रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर खरगे फैसला करेंगे।
अशोक ने साधा पायलट पर निशाना!
राजस्थान में होने वाले विधानसभा से पहले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से विवाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से इशारों-इशारों में पायलट पर निशाना साधा है। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने साफ संदेश देते हुए पार्टी नेताओं से कहा कि, किसी से टिकट मांगों मत और अगर बड़े नेता टिकट देने की बात कहें तो विश्वास मत करना।
गुर्जरों का मिल सकता है साथ
सचिन पायलट अगर कांग्रेस को अलविदा कहते हैं तो उस सूरत में राजस्थान में पायलट अपना तीसरा विकल्प बना सकते है,जो आप और आरएलपी के साथ गठबंधन कर सकता है। सचिन पायलट को राजस्थान में गुर्जर समर्थन मिला तो पायलट 25 सीट पर हार और जीत का फर्क दिखा सकते है। क्योंकि गुर्जर वोटर 30 सीट पर जीत तो नहीं पर संगठित होकर किसी भी उम्मीदवार के लिए हार का रास्ता जरूर बना सकते हैं। पायलट के फैसले से कांग्रेस को 30 सीट का नुकसान होना तय है। जबकि, भाजपा को जाने वाले गुर्जर वोट अगर पायलट को जाते हैं तो भाजपा को भी कोई खास फायदा होता नजर नहीं आता है।
यात्रा से कांग्रेस में खेमेबंदी और तेज
सचिन पायलट की यात्रा से कांग्रेस में खींचतान और तेज हो गई है। ष्टरू अशोक गहलोत खेमा यात्रा को अनुशासनहीनता बताकर गलत ठहरा चुके हैं। चुनावी साल में अपनी ही सरकार के खिलाफ यात्रा निकालने से हो रहे सियासी नुकसान के बारे में ष्टरू ने प्रभारी को फीडबैक दिया है। उधर पायलट ने यात्रा को किसी के खिलाफ न होकर करप्शन के खिलाफ बताया है।
सोमवार को जनसंघर्ष यात्रा का अंतिम दिन
करप्शन और पेपरलीक के मुद्दे पर सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का आज तीसरा दिन है। सोमवार (आखिरी दिन) तक यात्रा जयपुर जिले में चलेगी। सुबह यात्रा का पहला फेज पूरा हुआ। दूदू के पास पालू में यात्रा विश्राम के लिए रुकी। शाम 4.30 बजे से यात्रा का दूसरा फेज शुरू हुआ और नासनोदा तक पहुंचेगी।इधर, पायलट की यात्रा राजधानी की तरफ बढऩे के साथ ही उनके तेवरों में लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है। वह लगातार पेपरलीक और करप्शन के मुद्दे पर अशोक गहलोत को घेर रहे हैं। पेपरलीक मामले में पकड़े गए आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा के घर पर बुलडोजर नहीं चलाने पर पायलट तंज कस रहे हैं। बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर भी रोज सवाल उठा रहे हैं। उनके भाषणों में सरकार को लेकर तेवर लगातार तीखे हो रहे हैं। सचिन पायलट की यात्रा 15 मई को जयपुर पहुंचेगी, जयपुर के महापुरा के आसपास सभा रखी जाएगी। यात्रा के खत्म होने के बाद सचिन पायलट अगले सियासी कदम के बारे में कुछ संकेत दे सकते हैं। पायलट दूसरी यात्रा की घोषणा भी कर सकते हैं। फिलहाल कांग्रेस छोडऩे की चर्चाओं पर पायलट से पूछा गया तो उन्होंने कहा- अटकलें मत लगाइए, मैं सब कुछ कहकर करता हूं। इस बयान से भी नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।