नौकरी के बदले जमीन घोटाला: कोर्ट से सीबीआई को चार्जशीट दायर करने का मिला अतिरिक्त समय
नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को सीबीआई को नौकरी के बदले जमीन मामले में चार्जशीट दाखिल दायर करने का अतिरिक्त समय दे दिया है।
दरअसल, सीबीआई की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि वह कोर्ट की छुट्टी के बाद अपना पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी। जिसके बाद कोर्ट की ओर से कहा गया है कि इस मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
अदालत ने सीबीआई से यह भी कहा कि एजेंसी द्वारा मामले में लगातार देरी करना स्वीकार्य नहीं है। इस पर सीबीआई ने कहा कि इस मामले में जांच अभी भी चल रही है और उन्हें नए तथ्यों को शामिल करने के लिए कुछ और समय चाहिए।
जांच एजेंसी को समय देते हुए अदालत ने सीबीआई को सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई की दी है, जब एजेंसी की ओर से चार्जशीट पेश करने को कहा गया है। सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाप मामला दर्ज किया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, 2004-2009 की अवधि के दौरान, लालू यादव ने विभिन्न रेलवे जोन में समूह डी पदों पर नियुक्त करने के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनी संपत्ति हस्तांतरित करके भ्रष्टाचार किया था।
सीबीआई की ओर से आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए ही बिना कोई विज्ञापन जारी किए ही रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी। मामले में यह भी साफ हुआ कि जिन लोगों को ये नौकरी मिली, उन्होंने रिश्वत के तौर पर अपनी जमीन इनके परिवार के सदस्यों के नाम की थी। कई लोगों को तो आवेदन देने के 3 दिन में ही नौकरी दे दी थी
पटना के कई निवासियों ने या तो प्रत्यक्ष रूप से या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से यादव परिवार और पूर्व मंत्री और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के सदस्यों को अपनी जमीन बेच दी या उपहार में दे दी थी। जो लोग पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में डिप्टी के रूप में नियुक्त किया था।
दरअसल, सीबीआई लगातार इस मामले में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर रही है। दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट में लालू की बेटी और सांसद मीसा भारती पेश हुई। इसी दौरान एजेंसी की ओर से कहा गया कि वो इस मामले में और भी कई पुख्ता तथ्य जोडऩे की कोशिश कर रही है, जिसके लिए उन्हें थोड़ा और समय चाहिए होगा। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की ओर से एजेंसी को 12 जुलाई तक का समय दिया है।