1250 करोड़ के कर्ज से गिराई थी कमलनाथ सरकार, अब आग लगवाई: कांग्रेस
लगाया आरोप- उसी भ्रष्टाचार की फाइलें आग में जलीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरा है। कांग्रेस का आरोप है कि 2020 में कमलनाथ की सरकार गिराने के लिए भाजपा नेताओं ने एक केंद्रीय मंत्री से 1250 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसे चुकाने के लिए कोरोना काल में विभिन्न उपकरणों, दवा और अन्य खरीदी में भ्रष्टाचार कर धन एकत्र किया गया। इन्हीं फाइलों को आग में जला दिया गया है।
हाईकोर्ट, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू जैसे संगठनों में विचाराधीन दस्तावेज थे शामिल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने सोमवार को कहा कि जिन मंत्रालयों के दफ्तरों में आग से दस्तावेज जला दिए गए हैं, उनसे जुड़ेे मामले उच्च न्यायालय, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू जैसे संगठनों में विचाराधीन है। इन विभागों से संबंधित प्रमुखों का संबंध कमलनाथ सरकार के गिराए जाने को लेकर एकत्रित धन इकठ्ठा करने से जुड़ा हुआ है। 14 अप्रेल को मेरे निवास से हुई लाइसेंसी रिवॉल्वर और स्वास्थ्य विभाग में हुए 250 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइल के चोरी होने से भी इस आग का ताल्लुक है।
स्वतंत्र एजेंसी करे जांच: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि सतपुड़ा भवन में आग लगी या लगाई गई? यह सबसे बड़ा प्रश्न है? एक और भ्रष्टाचार का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि 12 हजार फाइलें जली हैं। लेकिन न जाने कितनी फाइलें जली होंगी। जो हजारों फाइल जली, उनका क्या लक्ष्य था? क्या उद्देश्य था? यह एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है। पीसीसी चीफ ने मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग भी की है।
सतपुड़ा भवन की आगजनी की जांच शुरू
सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना की उच्च स्तरीय जांच करने के लिए गठित कमेटी ने मंगलवार दोपहर में जांच शुरू कर दी। इससे पहले एनएचएम की डायरेक्टर प्रियंका राय और कलेक्टर आशीष सिंह ने पूरी बिल्डिंग का जायजा लिया। तीसरी मंजिल से छठवीं मंजिल तक आग से सब कुछ जलकर खाक हो चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गठित कमेटी साजिश या हादसा, हर एंगल पर जांच कर रही है।
प्रायोजित, योजनाबद्ध और मानवनिर्मित अग्निकांड : केके मिश्रा
मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के मलाईदार मंत्रालयों के मुख्यालय सतपुडा भवन में लगाई गई आग प्रायोजित, योजनाबद्ध और मानव निर्मित अग्निकांड है। अंग्रेजी में कहावत है कि द रिट्रिट आर्मी डिस्ट्राय देयर पिल बॉक्सेस यानि जिस तरह भागती हुई सेनाएं अपने छिपने के स्थानों (बंकरों) को नष्ट करती है, उसी तरह का संदेश यह प्रायोजित अग्निकांड है। प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार करने वाले जवाबदार लोगों को अब यह आभास हो चुका है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मौजूदा प्रदेश सरकार की विदाई सुनिश्चित है। भ्रष्टाचार के जुड़े दस्तावेजों को ऐसी ही प्रायोजित हरकतों से समूल नष्ट कर दिया जाए। यह लगभग तय है कि प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में स्पष्ट बहुमत वाली कांग्रेस की सरकार काबिज होने वाली है। उसके बाद भ्रष्टाचार से जुड़े मसलों के प्रमाणों को नष्ट करने वाले बचेंगे नहीं।
कांग्रेस हर जगह राजनीति के मौके देख रही है : नरोत्तम मिश्र
कांग्रेस के आरोपों पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता हर जगह राजनीति करने का अवसर तलाश रहे है। उन्होंने कहा कि चार हजार कर्मचारी अंदर थे। ऐसे में कैसे आग लग जाएगी? कौन मिट्टी का तेल और पेट्रोल ले जाएगा? यह सोचने वाली बात है। उन्होंने कहा कि वहां इस तरह की कोई फाइल नहीं थी, जिसे लेकर आरोप लगाए जा रहे है। न वहां पर्चेजिंग की फाइलें है और न ही किसी टेंडर की। इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि सतपुड़ा भवन भोपाल में लगी आग चिंता का विषय है। भगवान करें शीघ्र समाधान हो।
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