मणिपुर मुद्दे पर राष्ट्रपति मुर्मू से मिले विपक्षी सांसद, सौंपा ज्ञापन

महामहिम से की पीएम के सदन में बोलने की अपील

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के हालात के बारे में राष्ट्रपति को जानकारी दी और मणिपुर मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम संसद में चर्चा करना चाहते हैं लेकिन सरकार जवाब नहीं दे रही है।
खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति जी से हम मिले और जो घटना मणिपुर में घट रही है उस पर बातचीत हुई। इंडिया के तमाम सांसदों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और मणिपुर को लेकर उन्हें जानकारी दी। इस दौरान खरगे ने फिर दोहराया कि उन्हें संसद में बोलने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे माइक को बंद कर दिया जाता है। मुझे नहीं पता मैं जब उठता हूं दो सेकेंड मे ही मेरा माइक बंद कर देते हैं।
विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में लिखा कि हम विनती करते हैं कि राज्य में बिना किसी देरी के शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए आपको तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार को अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए प्रभावित समुदाय को न्याय दिया जाए। विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति से मांग की कि वह प्रधानमंत्री को मणिपुर मुद्दे पर सदन में बोलने के लिए कहें ताकि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हो सके।

  • सरकार नहीं चाहती मणिपुर पर चर्चा

मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि जितना महत्व रूलिंग पार्टी को देते हैं उतना ही विपक्ष को भी देते हैं। लेकिन पता नहीं क्यों मुझे बोलने नहीं दिया जाता है। मेरा माइक बंद कर दिया जाता है। सरकार नहीं चाहती है कि मणिपुर पर चर्चा हो। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर जाना चाहिए था।

जलभराव

बुधवार सुबह से हुई जोरदार बारिश से जलभराव के बाद जाम के झाम से शहरवासियों को परेशान होना पड़ा। बारिश के बाद लखनऊ के टीले वाली मस्जिद, मेडिकल कॉलेज से लेकर हुसैनगंज, चारबाग, हजरतगंज समेत कई जगहों पर भीषण जाम लगा रहा। जाम में फंसी एंबुलेंस को भी नहीं मिल रहा था रास्ता। अधिकतर जाम वाली जगहों से पुलिस और ट्रैफिक पुलिस नदारद रही।

मोदी सरकार ने मणिपुर में संवैधानिक जिम्मेदारी का इंजन बंद कर चाबी फेंक दी: चिदंबरम

कांग्रेस नेता ने मांगा सीएम बीरेन सिंह का इस्तीफा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्ष लगातार मणिपुर मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। इस बीच पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। चिदंबरम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के मामले में संवैधानिक जिम्मेदारी का इंजन बंद करके चाबी फेंक दी है।
मणिपुर हिंसा मामले में विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहा है। चिदंबरम की यह टिप्पणी मणिपुर मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि मणिपुर में कानून व्यवस्था और संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से तबाह है। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मणिपुर सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को दिल्ली में पीएमओ और इंफाल में सीएमओ तक पहुंचने में कितना समय लगेगा? अगर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह में कोई भी संवैधानिक नैतिकता है तो उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। जो राजधर्म निभाते हैं, वही राजधर्म पर भाषण दे सकते हैं।

  • विपक्ष कर रहा राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

चिदंबरम ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने संवैधानिक जिम्मेदारी (अनुच्छेद 355 और 356) का इंजन बंद करके चाबी फेंक दी है। बता दें कि अनुच्छेद 355 के तहत बाहरी आक्रमण और आंतरिक गड़बड़ी की स्थिति में राज्य की सुरक्षा के लिए कदम उठा सकती है। वहीं अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। विपक्ष मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहा है। मणिपुर में बीती 3 मई से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने की आत्महत्या

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बॉलीवुड और मराठी सिनेमा के जाने-माने आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने बुधवार की सुबह 4 बजे के करीब खुदकुशी कर ली। रिपोर्ट्स की मानें तो 58 साल के नितिन देसाई ने करजत के एनडी स्टूडियो में फांसी लगाकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया। नितिन देसाई ने हिंदी सिनेमा के कई बड़े डायरेक्टर्स की फिल्मों के सेट डिजाइन किये हैं।
खालापुर पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है। इस मामले पर बात करते हुए महाराष्ट्र के एमएलए महेश बाल्दी ने बताया कि नितिन देसाई पिछले काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर रायगढ़ के एसपी का बयान शेयर किया। रायगढ़ एसपी ने कहा,आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई का शव हमें करजत में स्टूडियो में लटका मिला था। सेट पर काम करने वाले वर्कर ने हमें उनके निधन की जानकारी दी थी। जब पुलिस की टीम स्टूडियो में पहुंची तो, हमें उनका शरीर लटका हुआ मिला। हम इस मामले में सभी पहलुओं का पता लगाने के लिए मामले की आगे जांच कर रहे हैं।

बजरंग दल और वीएचपी की रैलियों का मामला पहुंचा एससी

रैलियों पर रोक नहीं पर नजर रखे सरकार : सुप्रीम कोर्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नूंह हिंसा के बाद बजरंग दल और वीएचपी की रैलियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने दिल्ली-एनसीआर में रैलियों पर रोक लगाने की मांग चीफ जस्टिस के सामने रखी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा और यूपी को नोटिस भेजा है। चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा, आपकी मांग क्या है?
सीयू सिंह ने बताया कि पहले भडक़ाऊ कार्यक्रमों पर रोक का आदेश दिया जा चुका है, आज दिल्ली में 23 कार्यक्रम होने जा रहे हैं और इन पर रोक की मांग की। बुधवार को वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने पहले जस्टिस अनिरुद्ध बोस की कोर्ट में लंबित एक रिट याचिका में इंटरलोक्युटरी एप्लीकेशन (आईए) दिया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि नूह हिंसा के विरोध में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 27 जगहों पर मार्च का ऐलान किया गया है और इस पर रोक लगाने की मांग की। जस्टिस बोस ने सिंह से पुष्टि करने के लिए कहा कि क्या उनके पास आईए को सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख सुनने का अधिकार है। इसके बाद, सीयू सिंह प्रधान न्यायाधीश की पीठ के समक्ष उपस्थित हुए. हालांकि, तब चीफ जस्टिस ने मामले में सीधे सुनवाई से इनकार कर दिया था और कहा कि तय प्रक्रिया के मुताबिक रजिस्ट्री को ईमेल भेजें. इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा।

  • तीन राज्यों को नोटिस

कोर्ट से इन कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि इन्हें प्रदर्शन कहा जा रहा है, कुछ सुबह हो चुके हैं, कुछ बाकी हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, हरियाणा और दिल्ली को नोटिस जारी करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इन कार्यक्रमों में भडक़ाऊ भाषण न हों और उन कार्यक्रमों के चलते हिंसा न फैले। मामले में शुक्रवार (4 अगस्त) को अगली सुनवाई होगी।

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