लाभ लेकर सभी चले जाते हैं: अखिलेश
- सपा प्रमुख ने स्वामी प्रसाद पर कसा तंज
- भाजपा ने सबसे ज्यादा धोखा गरीब को दिया
- बोले- संविधान को बचाने का है 2024 का लोस चुनाव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है। चर्चा में बनी हुई है प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव। एक ओर सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मामला फंसता जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सपा से उसके नेताओं की नाराजगी भी अखिलेश यादव की चिंता बढ़ा रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य के पहले महासचिव पद से इस्तीफा देने और बाद में अब अपनी खुद की नई पार्टी का ऐलान करने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर करारा हमला बोला है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की दूसरी पार्टी बनाने की खबरों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि किसी के मन में क्या है? यह कौन सी मशीन बताएगी? लाभ लेकर तो सब चले जाते हैं। आचार्य नरेंद्र देव की समाधि स्थल पर उनको श्रद्धांजलि देने के बाद अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लगभग 60 लाख नौजवानों ने पुलिस भर्ती की परीक्षा दी है। जो सुनने में मिल रहा है कि पेपर लीक हुआ है। हर परीक्षार्थी के घर से पांच लोग जुड़े हैं। जो लोग कह रहे हैं कि परीक्षा कड़ी सुरक्षा में हुई है, यह ढाई करोड़ परिवारों के साथ धोखा है। सपा प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2024 संविधान को बचाने का चुनाव है, इस देश के भविष्य को बचाने का चुनाव है। गंगा जमुनी तहजीब को बचाने का चुनाव है। समाजवादी लोगों की जिम्मेदारी बड़ी है क्योंकि भाजपा से सबसे ज्यादा धोखा गरीबों को दिया है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आज से छह महीने पहले क्यों नहीं हुई? अगर इन्होंने बजट में पैसा रखा होता तो उद्योगपति पहले भी आ सकता था। चुनाव आ गया है इसीलिए लगभग पचास लाख बच्चों से परीक्षा दिलवा रहे हैं, चुनाव आ गया है वोट चाहिए इसीलिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हो रही है। इससे पहले कितना निवेश आया है और उससे कितने नौजवानों को नौकरी और रोजगार मिले हैं? यह सरकार रहेगी तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का आरक्षण बचाने का जो आंदोलन रहा है, उसे पूरा समाप्त कर देगी। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर फिर निशाना साधते हुए कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी द्वारा चुनाव में धांधली करने का जुर्म स्वीकार करना दिखाता है। उन्होंने ये भी लिखा कि भाजपा किस तरह से सत्ता की भूखी है। वैधानिक और सांविधानिक आधार पर भाजपा को पूरे देश से माफी मांगकर हर जगह सत्ता छोड़ देनी चाहिए। अखिलेश ने यह भी लिखा कि सरेआम लोकतंत्र की हत्या जैसे इस शर्मनाक कृत्य के लिए भाजपा समर्थकों को सिर झुका लेना चाहिए। उन्हें समझ लेना चाहिए कि भाजपा किस प्रकार हर चुनाव चोरी और घपलों से जीत रही है। ऐसे लोगों के हाथ में न देश सुरक्षित है न उनका अपना वर्तमान और न ही उनके बच्चों का भविष्य। आज का दिन भाजपाई समर्थकों के लिए नैतिक-शोक का दिन है। दरअसल, पीठासीन अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया है कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रास के निशान लगाए थे।
स्वामी का पलटवार, कहा- अखिलेश की बात उन्हें ही मुबारक
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लाभ लेकर तो सभी चले जाते हैं’ वाले बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष में रहकर शेखचिल्ली बघारना ठीक नहीं है। अखिलेश की कही हुई बात उन्हें ही मुबारक। ये सब जानते हैं कि वो सरकार में नहीं हैं, उनकी सरकार न तो केंद्र में है और न ही प्रदेश में है, कुछ देने की हैसियत में नहीं है। उन्होंने जो भी दिया है वह मैं उन्हें सम्मान के साथ वापस कर दूंगा। स्वामी ने कहा कि मेरे लिए पद नहीं विचार मायने रखता है। स्वामी प्रसाद ने आगे कहा कि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, किसानों और देश की महिलाओं पर जब भी आघात हुआ मैने प्रतिवाद किया है। स्वामी प्रसाद सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव से भी खासे नाराज दिखे। कहा कि उनकी भाषा में न सम्मान है न बातचीत का सलीका और तरीका आता है। स्वामी ने आगे कहा कि जब सपा के संगठन में ही भेदभाव है, एक राष्ट्रीय महासचिव का हर बयान निजी हो जाता है। जब एक ही पद के लोगों में भेदभाव है और मैं भेदभाव के खिलाफ ही लड़ाई लड़ता हूं तो ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है?